दीवाली मतलब स्वदेशी; माटी के दीप जलाकर दिया संदेश

IMG-20171002-WA0297बीकानेर । भारतीय प्रजापति हीरोज आर्गेनाईजेशन के तत्वावधान में स्वदेशी अपनाओ, मिट्टी दीप जलाओं, मिशन माटी दीप कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 2 अक्टूबर, 2017 को ऐतिहासिक जुनागढ़ के आगे सायं 6:30 बजे 11,000 दीप जलाकर किया गया। कार्यक्रम के संयोजक किशन प्रजापत ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री लालबहादुर शास्त्री की 113वीं जयंती के पावन अवसर पर बीकानेर के स्वदेशी लघु शिल्पकारों द्वारा हस्तनिर्मित 11000 मिट्टी के दीपों की भव्य रोशनी के साथ दीपावली पर्व मिट्टी के दीप जलाकर मनाने हेतु जन-जन को संदेश दिया गया। साथ ही चायनीज वस्तुओं का बहिष्कार करने एवं स्वदेशी अपनाने हेतु शपथ दिलाई गई।
इस कार्यक्रम में अतिथि के रूप में बीकानेर नगर के प्रथम नागरिक नगर निगम के महापौर श्री नारायणजी चौपड़ा, नगर विकास न्यास अध्यक्ष श्री महावीरजी रांका, श्री सत्यप्रकाशजी आचार्य, श्री चम्पालालजी गेधर, श्री के.एल. कुम्हार, श्री पप्पुजी लखेसर, डॉ. मीना आसोपा, श्री सुमतिलालजी बाँठिया, श्री अशोकजी बोबरवाल सहित अनेक गणमान्य लोगों की उपस्थित में द्वीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
इस कार्यक्रम में बीकानेर के ऐतिहासिक जुनागढ़ की खाई की दिवारों एवं उसके आगे के फुटपाथ एवं सड़क के मध्य डिवाईडर आदि स्थानों पर मिट्टी के दीपों से कतार बनाई गई। अनेक दीप जलाकर ‘वंदे मातरमÓ, ‘बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओÓ, ‘स्वदेशी अपनाओÓ, ‘प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाईजेशनÓ आदि आकृति अंकित की गई।
यह कार्यक्रम भारतीय प्रजापति हीरोज आर्गेनाईजेशन द्वारा आयोजित किया गया जिसमें स्वदेशी जागरण मंच, वंदे मातरम मंच, पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मंच, बीकानेर गौशाला संध, रजवाड़ा ज्वैलर्स, कुम्हार महासभा, अखण्ड भारत मोर्चा, हीमोफोलिया सोसाईटी, प्रजापति सेवा संस्थान आदि संस्थाओं द्वारा अपना सहयोग दिया गया।
कार्यक्रम संयोजक किशन प्रजापत प्रजापत ने बताया कि कार्यक्रम की रूपरेखा पिछले एक माह से बनाई गई थी। इस कार्यक्रम में उपरोक्त विभिन्न संस्थाओं के अनेक महानुभावों ने जुनागढ़ के आगे पहुंचकर अपना सक्रिय सहयोग दिया जिसमें प्रमुख – सर्व श्री अरविंद ऊभा, विजय कोचर, सूरजमाल सिंह नीमराणा, कामिनी भोजक, शोभा सारस्वत, राजकुमार पारिक, मधुसुदन व्यास, सुरेन्द्र प्रजापत (चूरू), बलदेव सोनी, अनूपसिंह गहलोत, गोपालसिंह नाथावत, रघुनाथसिंह शेखावत, लक्ष्मण पुरोहित, देवीलाल पारीक, महेन्द्र बरडिय़ा, चुन्नीलाल प्रजापत, रामलाल भोभरिया, भंवरलाल मंगलाव, लक्ष्मीनारायण गेधर, बद्री जाजपुरा, लक्ष्मण पुरोहित, श्रीमती गणेश योगी, लक्ष्मण ओस्तवाल, प्रेम छींपा, विजयसिंह चौहान, श्यामसुन्दर सोनी, बाबुसिंह राजपुरोहित, श्रवण गंगपुरिया, भैरूराम स्वामी आदि थे।

– मोहन थानवी

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