बीकानेर, 27 अक्तूबर। साहित्य, कला एवं सांस्कृतिक चेतना का न्यास-समवेत हिंदी साहित्य की मानवीय चेतना के शिखर रचनाधर्मी गजानन्द माधव मुक्तिबोध की जन्मशती के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर का आयोजन करने जा रहा है। इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए समवेत के अध्यक्ष डॉ.श्रीलाल मोहता ने बताया कि मुक्तिबोध को समर्पित इस आयोजन के दो सोपान तय किये गये हैं। समवेत मुक्तिबोध की समग्र रचना दृष्टि के संदर्भ में, मुक्तिबोध: समग्र मूलंकन-समय की समझ‘ विषयों पर 11 व 12 नवम्बर 2017 को यह विशिष्ट बौद्धिक आयोजन आहूत किया गया है। इस आयोजन को देश के ख्यातनाम साहित्यकार, आलोचक, कवि अपनी सहभागिता निभायेंगे। मुक्तिबोध के रचना संसार पर शमशेर बहादुर सिंह ने उल्लेखनीय कथन किया कि, ‘‘मुक्तिबोध के साहित्य में हमारे संस्कारों को संवारने और उन्हे ऊंचा उठाने की शक्ति है।‘ मुक्तिबोध का कहना है कि ‘मेरी कविता अपना पथ ढूंढने वाले बेचैन मन की ही अभिव्यक्ति है, उनका सत्य और मूल्य उसी जीवन की स्थिति में छिपा है।‘ कार्यक्रम में शामिल होने वाले विद्वानों के बारे में जानकारी देते हुए समवेत के सचिव डॉ.श्रीलाल जोशी ने बताया कि प्रख्यात-समादृत कवि श्री राजेश जोशी मुक्तिबोध की रचनाओं में मानवीय चेतना के विकास की प्रक्रिया व मूल्य की पड़ताल पर अपना व्याख्यान रखेंगे। विख्यात आलोचक प्रोफेसर अजय तिवारी ‘मुक्तिबोध होने के मानी व रचना दृष्टि की प्रासंगिकता‘ पर तथा चर्चित मार्क्सवादी आलोचक व संपादक अरूण माहेश्वरी ‘आलोचना की दृष्टि का पुनर्मुल्यांकन‘ विषय पर एवं राजस्थान की प्रगतिशील चेतना के विख्यात विद्वान आलोचक डॉ. जीवन सिह आत्मकेेन्द्रित मध्यम वर्ग को केन्द्र में रखकर मुक्तिबोध की समग्र चेतना पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे। विषद व्याख्यायित पत्रों परबीकानेर के सजग विद्वान लेखक प्रस्तुत विचार प्रवाह को बनाये रखेंगे।
श्रीलाल जोशी, संवाद प्रेषक एवं
सचिव, समवेत संस्था,बीकानेर
सम्पर्क मो.न. 8999388014