भावी पीढ़ी और आधे आसमाँ के लिए हो रहा है सुकून भरा बहुत कुछ

राजस्थान में महिला एवं बाल विकास गतिविधियां दर्शा रही हैं सुनहरे आयाम

Bhilwara - ICDS File Photos (2)भीलवाड़ा, 27 नवम्बर/महिलाओं और बच्चों के विकास तथा बहुआयामी उत्थान की दिशा में राजस्थान प्रदेश में व्यापक पैमाने पर कई प्रकार की गतिविधियों का संचालन हो रहा है।
राज्य सरकार ने इस क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए खूब सारे कार्यक्रमों, योजनाओं, अभियानों और नवाचारों का बेहतर क्रियान्वयन किया है और इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल और मंशा के अनुरूप प्रदेश में महिला एवं बाल विकास से संबंधित गतिविधियों के प्रभावी संचालन और सभी जरूरतमन्द महिलाओं के कल्याण तथा बच्चों के भविष्य को सँवारने की दिशा में जो अनथक प्रयास हो रहे हैं उन्हीं का परिणाम है कि प्रदेश में महिला और बाल विकास का क्षेत्र निरन्तर नई उपलब्धियां छूता जा रहा है।
प्रदेश के भीलवाड़ा जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग तथा इससे जुड़ी हुई संस्थाओं, स्वयं सहायता समूहों और इस क्षेत्र में कार्यरत अनुभवियों के सहयोग, समन्वय और साझे प्रयासों से बेहतर माहौल है और महिलाओं तथा बच्चों के सर्वांगीण उत्थान की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्घियां हासिल होती जा रही हैं।
भीलवाड़ा जिले का यह सौभाग्य ही है कि प्रदेश की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल इस जिले की प्रभारी मंत्री हैं और इस वजह से उनका सतत मार्गदर्शन एवं सहयोग प्राप्त होता रहा है जिससे महिला एवं बाल विकास कार्यों को खासा सम्बल प्राप्त हो रहा है।
भीलवाड़ा जिले में वर्तमान राज्य सरकार के विगत 4 वर्ष के कार्यकाल में ढेरों उपलब्धियां हासिल की गई हैं जिनकी बदौलत बच्चों और महिलाओं के कल्याण का सुनहरा दौर परवान पर हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत भीलवाड़ा जिले में गत 4 वर्ष में 11137.255 लाख रुपए व्यय किए गए। जिले में पूरक पोषाहार योजना में 107810897 लाभार्थियों को पूरक पोषाहार से लाभान्वित किया गया। इस पर 6390.06 लाख रुपए व्यय हुए।
जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गत 4 वर्ष में शाला पूर्व शिक्षा के तहत 3 से 6 वर्ष के 1342004 बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा प्रदान की गई। इस पर 20.46 लाख रुपए व्यय हुए।
शिशु पालना गृह योजना में जिले में दो स्थानों भीलवाड़ा शहर एवं माण्डलगढ़ में कामकाजी महिलाओं के बच्चों को रखने के लिए भीलवाड़ा शहर एवं माण्डलगढ़ में शिशु पालना गृह प्रारंभ किये गये हैं।
आंगनबाड़ी केन्द्रों को आधुनिक बनाने, बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने एवं सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए संचालित नन्द घर योजना के अन्तर्गत अब तक कुल 41 दानदाताओं से एम.ओ.यू. किये गये हैं। भीलवाड़ा जिले में 4 वर्ष में कुल 21 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं।
महात्मा गांधी नरेगा कन्वर्जेन्स के अंतर्गत 76 आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण की स्वीकृति जिला परिषद भीलवाड़ा द्वारा जारी की गई है। भवन निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। इस पर 152 लाख रुपए व्यय हुए हैं।
आंगनबाड़ी केन्द्र भवन मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य के अन्तर्गत मरम्मत योग्य 209 आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवनों के निर्माण के लिए कार्य करवाया जा रहा है। इस पर 135.355 लाख रुपए व्यय हुए हैं।
आंगनबाड़ी केन्द्र की दीवार लेखन के कार्य के अन्तर्गत जिले की परियोजनाओं में आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्मित विभागीय भवनों के अंदर कक्ष दीवारों पर इस राशि से गिनती चार्ट, अक्षर चार्ट एवं दी जा रही सेवाओं के चार्ट बनवाये गये हैं। इस पर 0.44 लाख रुपए व्यय हुए हैं।
आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कार्यरत समस्त कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को पिछले दो वषों से दो-दो साड़ियां एवं बैज उपलब्ध करवाये जाते रहे हैं। इस पर 64.72 लाख रुपए व्यय हुए हैं।
गत 4 वर्ष में माता यशोदा पुरस्कार योजना के अन्तर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाली आंगनबाड़़ी कार्यकर्ता/सहायिका/आशा सहयोगिनी का चयन कर क्रमशः 5100 एवं 2100 रुपए प्रत्येक महिला को देकर पुरस्कृत किया गया। इस पर 3.35 लाख रुपए व्यय हुए हैं।
आईजीएमएसवाई योजना- इन्दिरा गांधी मातृत्व योजना के तहत कुल 164085 महिलाओं को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय किश्त के रूप में 4370.31 रुपए भुगतान किये गये हैं।
खुशी परियोजना के अन्तर्गत भीलवाड़ा जिले में हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के सहयोग से 3 परियोजनाओं हुरड़ा, शाहपुरा एवं सुवाणा के 504 आंगनबाड़ी केन्द्रों को आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्रों के रूप में विकसित कर आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई।
जन सहयोग/अन्य माध्यम से केन्द्रों का विकास कार्य मूर्त रूप ले रहा है। नगर विकास न्यास भीलवाड़ा के सहयोग से 10 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण करवाने के साथ ही आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाई गयी है। जन सहयोग से आंगनबाड़ी केन्द्र पर आने वाले 3-6 वर्ष के बच्चों के लिये 43 हजार 814 खिलौने, 25 हजार 888 युनिफार्म, 24 हजार 564 वस्त्र, 26 हजार 069 बैग, 30 हजार 232 पुस्तिकाएं तथा 53 हजार 483 अन्य सामग्री (कापी, पेन्सील, रबर, कलर्स, स्लेट आदि) प्राप्त कर उपलब्ध कराये गये।
इन गतिविधियों ने भीलवाड़ा जिले में बच्चों और महिलाओं के कल्याण से संबंंिधत गतिविधियों ने नए दौर में प्रवेश कर लिया है। महिला एवं बाल विकास कर्मियों से लेकर आम जन तक में यह महसूस किया जाने लगा है कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में व्यापक सकारात्मक बदलाव के साथ ही तरक्की के नवीन आयाम स्थापित हुए हैं जिनका लाभ प्रदेश के लाखों बच्चों और महिलाओं को प्राप्त हो रहा है।
– डॉ. दीपक आचार्य
सहायक निदेशक (सूचना एवं जनसम्पर्क)
भीलवाड़ा

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