ब्याज सहित राशि अदा करने के आदेश

अप्रार्थी संस्था से सेवामुक्त किये जाने की दिनांक 3-5-1994 को देय अंतिम वेतन के आधार पर संगणना की जाकर प्रार्थी को नियमानुसार देय उपदान की राशि तथा सेवामुक्त किये जाते समय उसके अवकाश खाते में जमा उपार्जित अवकाश के बदले वेतन की राशि का भुगतान एवम् सम्पूर्ण राशि पर बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से देय ब्याज सहित राशि अदा करने के आदेश

(राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर का मामला)

jaipur samachar
जयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति, बाल भारती समिति, आर्य समाज रोड, रामपुरा, कोटा एवम् बाल भारती , आर्य शिशु शाला, आर्य समाज रोड, रामपुरा, कोटा को आदेश दिया कि वह प्रार्थी श्रीमती उषा बत्रा को अप्रार्थी संस्था से सेवामुक्त किये जाने की दि0 3-5-1994 को देय अंतिम वेतन के आधार पर संगणना की जाकर प्रार्थी को नियमानुसार देय उपदान की राशि तथा प्रार्थी को सेवामुक्त किये जाते समय उसके अवकाश खाते में जमा उपार्जित अवकाश के बदले वेतन की राशि का भुगतान भी प्रार्थी को करे एवम् प्रार्थी को सम्पूर्ण राशि पर बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से देय ब्याज सहित राशि अप्रार्थी संस्था अदा करने के दायित्वाधीन पाये जाते हैं। उपरोक्त अनुतोषों के सम्बन्ध में अप्रार्थी संस्था ने यदि कोई भुगतान प्रार्थी को कर दिया हो तो वह समायोजन किये जाने योग्य रहेगा। अप्रार्थी राज्य सरकार को निर्देश दिये जाते है वे उपरोक्त निर्णय की पालना अप्रार्थी संस्था से कराया जाना सुनिश्चित करे। प्रार्थी की नियुक्ति दिनांक 7-10-1985 को होने व उसकी सेवा समाप्ति दिनांक 3-5-1994 को होने की अवधि बाबत ही प्रार्थी को उपदान की राशि व अवकाश वेतन की राशि दिलवाये जाने के आदेश इस निर्णय के द्वारा प्रदान किये जाते है। उक्त मदों में बकाया अन्य भुगतान माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित रिट याचिका के निर्णय के अध्ययधीन रहेगा। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी की प्रारम्भिक नियुक्ति अप्रार्थी संस्था में अध्यापक तृतीय श्रेणी के पद पर दि0 7-10-1985 को नियमानुसार चयनित किये जाने के उपरान्त की गयी थी। प्रार्थी ने उसकी सेवा समाप्ति की दिनांक 3-5-1994 तक अप्रार्थी संस्था में सेवा कार्य किया। प्रार्थी ने अप्रार्थी संस्था में अपनी सेवायें सम्पूर्ण निष्ठा के साथ, ईमानदारीपूर्वक दी है। प्रार्थी द्वारा अपने अधिवक्ता डी.पी.शर्मा के माध्यम से अधिकरण के समक्ष उपदान की राशि और बकाया अवकाश के वेतन की राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत कर किया। अप्रार्थी संस्था राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अन्तर्गत पंजीकृत होते हुए राज्य सरकार के शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त है। यह संस्था राज्य सरकार से 70 प्रतिशत अनुदान की राशि भी प्राप्त करती रही थी लेकिन सेवा समाप्ति के समय प्रार्थी को राज0 गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 की धारा 16 एवम् राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था नियम 1993 के नियम 82 के अनुसार नियमानुसार देय उपदान की राशि तथा नियमानुसार उसके अवकाश खातें में जमा उपार्जित अवकाश के बदले नकद राशि नहीं दी गई। प्रार्थी के अधिवक्ता का तर्क था कि अप्रार्थी संस्था के अनुदानित होने के कारण प्रार्थी अधिनियम 1989 की धारा 29 और नियम, 1993 के नियम 34 के अनुसार राज्य कर्मचारियों के समान उक्त लाभ अप्रार्थी संस्था से प्राप्त करने की अधिकारी है। संस्था का संचालन पंजीकृत सोसायटी द्वारा किया जाता है। यह संस्था राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। संस्था को राज्य सरकार से वेतन भत्तों पर अनुदान भी मिलता है। इसलिए इस पर अधिनियम, 1989 एवं नियम 1993 के प्रावधान लागू होते हे। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने उक्त आदेश पारित किया।

डी.पी. शर्मा , एडवोकेट
मो.नं. 9414284018

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