इरोम शर्मीला के अनशन को 12 साल

आयरन लेडी के नाम से चर्चित मणिपुर की सामाजिक कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मीला के अनशन को पूरे बारह साल हो गए। वह सैन्य बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) को हटाने की माग को लेकर वर्ष 2000 से भूख हड़ताल कर रही हैं।

शर्मीला ने दो नवंबर 2000 को इंफाल घाटी के मालोम में असम राइफल्स के साथ कथित मुठभेड़ में दस लोगों की मौत के बाद अपनी भूख हड़ताल शुरू की थी। वह पूर्वोत्तर के राज्यों से अफस्पा को हटाने की माग कर रही हैं। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं जहा उन्हें उनकी नाक के जरिए जबरन भोजन दिया जा रहा है।

अखबार के स्तंभकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि अफस्पा को हटाने की माग को लेकर शर्मीला पांच नवंबर 2000 से अनशन पर हैं। शर्मीला को कई ग्लोबल अवार्ड मिले हैं। देश के कई शहरों से प्रमुख हस्तियां उनसे मिलकर उनके मागों का समर्थन किया है। शर्मिला के भाई इरोम सिंहजीत ने कहा कि जस्ट पीस फाउंडेशन ऑफ सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों के सदस्य प्रदर्शन करेंगे और लोगों से चर्चा करने के लिए कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। सुरक्षा के मद्देनजर शहर के कई इलाकों में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।

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