विधायकों से अच्छे हैं शराब मुक्त मंडावर के मतदाता

राजसमन्द के मण्डावर गांव की चर्चा जोरों पर
उपराष्ट्रपति के चुनाव में 168 मत हुए थे खारिज , मंडावर में मात्र 55 मत खारिज
मण्डावर में बिना सिम्बोल के अनपढ़ मतदाताओ ने किया था सही मतदान
मण्डावर शराबबन्दीके मात्र 2% मत खारिज, उपराष्ट्रपति चुनाव में 4 % विधायकों के मत खारिज

प्यारी रावत
प्यारी रावत
राज्य सरकार के आदेशानुसार मतदान के जरिये शराबबंदी को लेकर पूरे देश में चर्चित मण्डावर गांव एक बार फिर चर्चा में है क्योंकि शनिवार को हुए शराबबंदी के मतदान में 2711 मतदाताओं में से मात्र 55 मत ही खारिज हुए। हालांकि गांव की आधे से अधिक मतदाता महिला है एवं महिला मतदाता अनपढ़ है। वही शराबबंदी के हुए मतदान में मतपत्र में कोई चुनाव चिन्ह भी नहीं था।
इसी तरह पिछले वर्ष हुए उपराष्ट्रपति के चुनाव में 168 मत खारिज हुए । ज्ञातव्य है कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में पूरे भारत देश के विधायक अपने मत का प्रयोग करते हैं वो भी मंडावर की अनपढ़ जनता से भी कम समझदार हैं। मंडावर के कुल मतदाता के प्रतिशत के हिसाब से 2.02 % ही मतदाता अपने मत का सही प्रयोग नहीं कर पाए । उपराष्ट्रपति के चुनाव में पूरे देश के 4215 विधायकों में से 168 विधायकों ने अपने मत का सही प्रयोग नहीं करते हुए मत को खारिज किया था । इस तरह 3.98 % यानि लगभग 4% विधायक अपने मत का प्रयोग करना नहीं जानते हैं।
मंडावर सरपंच प्यारी रावत कहती है कि हमने हमारे देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए ऐसे लोगों को सत्ता हाथ में सौंपी है, जो अपने मत का भी सही प्रयोग करना तक नही जानते है। हमें इस तरह की खबरों पर शर्म आती है। इधर जिला मुख्यालय से काफी दूर पहाड़ी, ग्रामीण परिवेश के गांव मंडावर की अधिकतर अनपढ़ जनता ने पुरे भारत भर के विधायकों से अच्छा प्रदर्शन किया और मात्र 55 मत ही खारिज हुए। सरपंच कहती है कि हमें मंडावर की जनता पर नाज है । हमारे लोकतंत्र के रखवालों से अच्छा प्रदर्शन करके शराबबंदी में विजय दिलाने के साथ एक और गौरव हासिल किया है और मंडावर का नाम रोशन किया है।

इनका कहना

शराबबंदी की मुहिम में बिना चुनाव चिन्ह के अनपढ़ महिलाओं के द्वारा सटीक वोट देकर मंडावर को विजय बनाने के साथ उपराष्ट्रपति के चुनाव में विधायकों के खारिज मतों की तुलना में बहुत कम मतदान खारिज होने पर मंडावर की जनता का आभार।
जसवन्त सिंह मण्डावर
अध्यक्ष- मगरा विकास मंच राजस्थान

हमारी ग्रामीण, अनपढ़, महिलाएं भी उन विधायकों से अच्छी है जिनके मत खारिज हुए। खारिज मतों वाले विधायकों को इस्तीफा दे देना चाहिए। यह कैसे लोकतंत्र रक्षा करेंगे।
प्यारी रावत
सरपंच- मण्डावर

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