महाविद्यालय शिक्षकों के पदनाम असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर

राज्य के कार्मिक विभाग ने आज 31 जनवरी 2018 को अधिसूचना जारी कर महाविद्यालय शिक्षकों के पदनाम असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर कर दिये हैं। रुक्टा (राष्ट्रीय) के अध्यक्ष डॉ. दिग्विजयसिंह शेखावत ने बताया कि संगठन लम्बे समय से महाविद्यालय शिक्षकों का पदनाम यू.जी.सी. रेग्यूलेशन अनुरूप करने के लिए संघर्षरत रहा है। संगठन के तत्वावधान में 7 नवम्बर 2016 को मुख्यमंत्री आवास पर एक प्रदर्शन भी किया गया था जिसमें राज्य के 4000 से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया। संगठन के लगातार प्रयासों के फलस्वरूप संगठन के पिछले अधिवेशन में 11 जनवरी 2017 को मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे जी ने महाविद्यालय शिक्षकों के पदनाम परिवर्तन की घोषणा की थी। जिसकी परिणति में आज अधिसूचना प्रसारित की गई है। संगठन महामंत्री डॉ. नारायण लाल गुप्ता ने बताया कि इस अधिसूचना के बाद राजस्थान शिक्षा सेवा (महाविद्यालय शाखा) नियम में व्याख्याता शब्द विलोपित कर दिया है। नये नियमानुसार ए.जी.पी. 6000, 7000 एवं 8000 में कार्यरत शिक्षकों का पदनाम असिस्टेंट प्रोफेसर एवं पे बैंड-4 में कार्यरत शिक्षकों का पदनाम एसोसिएट प्रोफेसर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस अधिसूचना के द्वारा राज्य के महाविद्यालयों में 477 प्रोफेसर के पद भी स्वीकृत किये हैं। जिन्हें नियमानुसार पे बैंड-4 में कार्यरत शिक्षकों से भरे जायेंगे। नये नियमों में प्राचार्य एवं संयुक्त निदेशक के पद पर भी चयन किया जायेगा। उपलब्ध प्राचार्य के 75 प्रतिशत पद एसोसिएट प्रोफेसर से तथा 25 प्रतिशत पद प्रोफेसर से भरे जायेंगे। रुक्टा (राष्ट्रीय) के अध्यक्ष डॉ. दिग्विजयसिंह ने संगठन एवं समस्त महाविद्यालय शिक्षकों की ओर से मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे जी एवं उच्च शिक्षामंत्री श्रीमती किरण जी माहेश्वरी का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए बताया कि सरकार के इस कदम से उच्च शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों को उनका सम्मान मिला है साथ ही यह हर्ष का विषय है कि राजस्थान उन चुनिंदा राज्यों की श्रेणी में सम्मिलित हुआ है जहाँ महाविद्यालयों में प्रोफेसर पद सृजित किये गये है।

(डॉ. नारायण लाल गुप्ता)

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