देश भर के भाई बहनों के सफल स्टार्टअप्स की कहानी ‘सुपर सिबलिंग’

ऑथर प्राची गर्ग ने रविवार को मॉडर्न किचन में किया बुक लॉन्च
जयपुर। चैम्प रीडर्स एसोसिएशन और श्रिष्टि पब्लिशर्स की ओर से रविवार को सरदार पटेल मार्ग स्थित जयपुर मॉडर्न किचन में बुक ‘सुपर सिब्लिंग्स’ का विमोचन हुआ। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर राजस्थान यूनिवर्सिटी प्रोफेसर डॉ प्रभा भरद्वाज और रिटायर्ड इनकम टैक्स कमिश्नर प्रेम प्रकाश उपस्थित रहे। इनके साथ जयपुर मॉडर्न किचन के मनीष अग्रवाल, चैम्प रीडर पब्लिशर्स से सागर आज़ाद ने अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवाई।
कार्यक्रम के दौरान ऑथर प्राची गर्ग ने अपनी तीसरी बुक ‘सुपर सिब्लिंग्स के बारे में बात करते हुए कहा कि ये उन सुपर भाई बहनों की कहानी है जिन्होंने एक साथ एक सफल स्टार्टअप या बिज़नेस को स्वरुप दिया। जिसमें मैंने देशभर से ऐसी 20 कहानियों को खोजा है जो ऐसे कई भाई बहनों और कई दूसरे युवाओं को प्रेरित करेगी। इसमें अलग-अलग फ़ील्ड्स में मौजूद इन सफल जोड़ियों की शुरूआती दौर का भी विवरण है। जिसके साथ ऐसी कुछ जोड़ियां वो है जो आज देशभर में अपने काम के लिए जानी जाती है। भाई बहन हमेशा से ही घर में एक जैसे माहौल और लाड प्यार से पलते बढ़ते हैं। दोनों एक दूसरे को सलाह देते हैं और एक दोस्त की तरह एक दूसरे को समझते हैं। आज के समय में भाई-बहन एक साथ ट्रेवलिंग करते हैं। अपने कई शौक को साझा करते हैं। साथ ही नवीनतम रुझानों को जोड़ने के लिए, एक साथ एंटरप्रिन्योरशिप का निर्माण कर रहे हैं। जिसमें स्टार्टअप से लेकर फैशनेबल फैशन पहनने तक, उपयोगिता अनुप्रयोगों से लेकर कलात्मक अभिव्यक्ति तक, भाई-बहन परंपरागत कैरियर विकल्प से अलग होने के लिए एक-दूसरे के साथ साझेदारी करने लगते हैं। सुपर साइबिलन उन बीस भाई-बहनों की यात्रा को रीडर्स से जोड़ती हैं, जिन्होंने भीड़ से अलग होकर एक दूसरे का समर्थन किया है ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सके।
अपने लेखक बनने के सफर के बारे में बताती है कि मुझे घूमने का बेहद शौक है। मैं उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की हूं, 2001 में पढ़ाई के लिए दिल्ली गई। जिसके बाद मैंने अपने घूमने का सफर शुरू किया और साथ ही अपने स्टार्टअप घूमफिरो में काम करने के दौरान मैं कई ऐसी मोटिवेशनल कहानियां से टकराई जिन्हें मुझे किताब में उतारने का मन हुआ। उस दौरान मैंने सच्ची कहानियों पर लेखनी शुरू की। घूमने के दौरान मुझे खास कर एयरपोर्ट्स पर लिखने का शौक है साथ ही अपनी किसी भी बुक को लिखने से पहले रिसर्च करके किसी ऐसे स्थान पर चली जाती हूं यहां मैं डिजिटल दुनिया से दुरी रख सकूं।

इससे पहले उन्होंने ‘सुपरवुमेन’ और ‘सुपरकपल’ भी लिखी है जिसमें उन्होंने देश भर की कई प्रेरित कर देनी वाली स्टार्टअप कहानियों से रूबरू किया है।

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