आखिर कब होगी इनकी आस पूरी

फ़िरोज़ खान
बारां 24 फरवरी । शाहाबाद ब्लॉक के बमनगनवा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर एक मात्र परिवार वाल्मीकि समाज का रहता है । इसकी आस कब पूरी होगी । विधवा महिला गीता पत्नी कल्लू काफी समय से इस गांव में निवासरत है । इसके 4 लड़के व 4 लड़कियां है । बीमारी से पति की मृतुय हो गयी । इस विधवा महिला के पास आवास नही है । और ना ही विधवा पेंशन मिलती है । मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही है । उसके बाद भी इस विधवा महिला का नाम पीएम आवास योजना के तहत बन रहे आवासों की सूची में नाम नही है । इसके पास एक कच्चा घर है । उसमें अपने परिवार के साथ रहती है । इसी तरह इसी गांव की अमरपुरा सहरिया कॉलोनी में निवासरत सहरिया समुदाय के लोगो को भी इस योजना में एक भी आवास नही मिले है । इसी तरह कसबनोनेरा सहरिया कॉलोनी में करीब 110 सहरिया परिवार निवास करते है । मुन्नी बाई, नथिया, रचना, ममता, गुड्डी ने बताया कि 2005 में 88 आवास बने थे सहरिया परियोजना के माध्यम से उसके बाद से आज तक इनको आवास नही मिले है । इन्होंने बताया कि पीएम आवास योजना में भी एक भी परिवार का नाम सूची में नही है । वही बिचि पंचायत के गांव मोहनपुर सहरिया बस्ती में रहने वाले दिव्यांग सुवालाल पुत्र सिंगराम एक पैर से विकलांग है । इसका एक पैर पूरी तरह से कटा हुआ है । दिव्यांग ने बताया कि एक वर्ष हो गए पैर को कटे हुए । इसके चार बच्चे है । इसको विकलांग पेंशन भी नही मिलती है । परिवार में एक मात्र सहारा इसकी पत्नी रम्मा सहरिया ही मेहनत मजदूरी कर परिवार का खर्च चला रही है । एक पैर से विकलांग होने के कारण एक जगह ही बैठा रहता है । इसने अपनी टापरी में ही छोटी से दुकान लगा रखी है । इसके पास आवास नही है । सर्दी, गर्मी, बारिश का मौसम इसी झुग्गी झोपड़ी में निकालने को मजबूर है । इसी गांव की कुंगर बाई सहरिया के पास भी रहने को आवास नही है । समंत्ररा पत्नी कोमल के तीन बच्चे है । यह भी टापरी में ही निवास करती है । पति हाली लगा हुआ है । इसको राशन सामग्री का लाभ भी नही मिलता है । मेहनत मजदूरी कर परिवार चलाती है । वही विधवा महिला रामु पत्नी मुकेश सहरिया के पास भी आवास नही है । यह महिला टापरी बनाकर अपने 4 बच्चो के साथ रहती है । पति टीबी की बीमारी से मृत्यु हो गयी । इसको राशन सामग्री भी नही मिलती है । जबकि राशनकार्ड बने एक वर्ष हो गया । मनरेगा में भी इसको आजतक काम नही मिला । महिला ने बताया कि कई बार विधवा पेंशन के फार्म भरे जा चुके है । उसके बाद भी इसकी पेंशन शुरू नही हुई है । वही पठारी व मटियाखारा के सहरिया परिवारों को भी आवास नही मिले है । मटियाखारा निवासी तिज्यो पत्नी ऊँकार सहरिया को आंखों से बिल्कुल नही दिखाई देता है । इसके 5 बच्चे है । यह महिला भी अपने परिवार के साथ कच्चे घर मे रहती है । इस महिला की एक बेटी है । रब्बी उसको भी पति ने छोड़ रखा है । यह भी अपने मा बाप के साथ ही रहती है । महिला को पेंशन भी नही मिलती है । पति मेहनत मजदूरी कर परिवार का गुजर बसर कर रहा है । इसके एक विधवा सास है । उसको भी नही दिखता है । यह भी इनके साथ ही रहती हैं । इसी तरह सेमली फाटक की सहरिया कॉलोनी के अधिकांश परिवारों को आवास नही मिले है । लोग अभी भी टापरियो में निवास करते है । वही खेराई गांव में करीब 166 सहरिया परिवार निवास करते है । उनका कहना है कि लंबे समय से आवास नही मिले है । पीएम आवास योजना में भी मकान नही आये है । इस सम्बंध में विकास अधिकारी छुट्टनलाल मीणा ने बताया कि आवास विहीन व्यक्तियों को पीएम आवास योजना में आवास दिए जा रहे है । जिनके नाम 2011 की सूची में है उन सबको आवास उपलब्ध करवाया जाएगा ।

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