आरम्भ हुआ बीकानेर थिएटर फेस्टिवल

अपने सौ सालो के नाट्य इतिहास को गौरवांवित करते आयोजन में पहले दिन ही नाट्य मंचन, रंग संवाद और लोक नाट्य मंचन से रंगमय हुआ बीकानेर

शनिवार की सुबह हंशा गेस्ट हाउस में बीकानेर थिएटर फेस्टिवल का शुभारम्भ हंशा गेस्ट हाउस में हुआ। सिने अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह, सीमा बिस्वास, वरिष्ठ रंगकर्मी मधु आचार्य आशावादी, हंसराज डागा, टी एम लालाणी और ओम सोनी ने दीप प्रज्जवलन कर फेस्टिवल की शुरूआत की। उद्घाटन अवसर पर सीमा बिस्वास ने कहा कि वे थिएटर के सिलसिले में बहुत छोटे बडे शहरो मे नाट्य मंचन के लिये जाती हूं परंतु बीकानेर में आकर उन्हे बहुत अच्छा लग रहा है। बीकानेर शहर के गंभीर रंगकर्म के बारे में काफी सुना है और इस तरह के आयांेजन से रंग परम्परा और समृद्व होगी। रत्ना पाठक शाह ने कहा कि जिंदा माध्यम का ये स्वरूप थिएटर आज इसी वजह से जिंदा है कि गंभीर रंगकर्म करने वाले लोग हर जगह मौजूद है। थिएटर वालो को अब सरकार से किसी भी तरह की आस करना बेमानी है। थिएटर अपने रास्ते खुद तय करता है। वरिष्ठ साहित्यकार मधु आर्चा आशावादी ने कहा कि बीकानेर की अपनी समृद्व रंग परम्परा है। शहर का सौ साल से ज्यादा रंग इतिहास है।
जो रंग गतिविधिया जारी हुई है उसके बाद आज हालात ये है कि बीकानेर के कई पूरे परिवार रंग आंदोलन को आगे बढा हरे है और तीन तीन पीढीया एक साथ रंगकर्म की सेवा में लगे हुए है। वरिष्ठ रंगकर्मी ओम सोनी ने शहर की रंग परम्परा और उसके संघर्ष के बारे में बोलते हुए कहा कि बीकानेर के रंगकर्मियो ने रंगमंच के लिये बहुत जददोजहद की है। बीकानेर थिएटर फेस्टिवल जैसे आयोजन इस संघर्ष के बाद की सफल परिणिति है। ये समारोह बीकानेर के सभी रंगकर्मियो और कलाअनुरागियो का सामूहिक आयोजन है। कलानुरागी टी एम लालाणी ने देश के अलग अलग शहरो से आये रंगकर्मियो और कला अनुरागीयो का आभार व्यक्त किया।

‘जिंदा माध्यम का स्वरूप नाटक हर दौर में अपनी ठसक के साथ जिंदा रहेगा‘
-रंग संवाद में बोली रत्ना पाठक शाह,

थिएटर एक जिंदा माध्यम है। लाइव परर्फोमेंस का अपना मजा है। लाइव परर्फोमेंस का जो आनंद है वो और माध्यम में नही। थिएटर के साथ जब जब फिल्मों से तुलना की जाती है तो थिएटर अपनी इस ठसक के साथ जिंदा ही रहता है। सिनेमा माध्यम में जिस समय आप परर्फोमेंस कर रहे होते है तब आपकी ऑडियंस आपके सामने नही होती है जबकि थिएटर में आपकी ऑडियंस आपके सामने बैठी होती है जिसके लिये आप परर्फोमेंस कर रहे होते है। सामने बैठे दर्शको को जब थिएटर अपनी संवदेनाओ से जोडता है तो उसका रंग, उमंग और उत्साह अलग होता है। नाटक हम लोग किसी बडी जिम्मेदारी और समर्पण को लेकर ही नही करते। थिएटर इसलिये करते है क्योंकि हमें इसमें मजा आता है। नाटक कभी खत्म नही होगा। ये हर दौर में हमेशा अपने मजबूत वजूद के साथ खडा रहेगा। नाटक संस्कारित करता है। सोचने समझने मे मदद करता है। अपने आस पास में हो रही राजनैतिक और सामाजिक विद्रुपता पर व्यंग्य करने और विरोध करने की ताकत देता है। एनएसडी के निकली थिएटर की डिजाइन मोनोटोनस होती जा रही है पर ये प्रयोगो का दौर है। नये रंगकर्मी अपने नई उर्जा और रचनात्मक से हैरान कर रहे है। रंगकर्मियो को पढना चाहिए। विषयो और पहलूओ पर अपनी नजर रख उन्हे नाटक मे उतारना चाहिए। स्कूलो को थिएटर से जोडना चाहिए। बच्चो को थिएटर की एजुकेशन मिलनी चाहिए। थिएटर का एक कल्चर डेवलप होना चाहिए। रत्ना पाठक शाह के साथ इस सत्र का संयोजन युवा रंगकर्मी नवलकिशोर व्यास ने किया।

पहले दिन तीन नाटको का हुआ मंचन, रात को कुचामणि ख्याल ने मन मोहा
फेस्टिवल के पहले दिन आज तीन नाटको का मंचन हुआ। बरेली से आये ग्रुप ने ईस्मत चुगतई के नाटक कागजी है पैरहन का मंचन लव तोमर के निर्देशन में किया। नाटक में विभाजन के दर्द के बीच मंटो और ईस्मत चुगतई के लेखन, उनके जीवन के बारे में बताया गया। नाटक में अजय चौहान, दानिश खान, अस्मिता श्री, समयुन खान, रईस खान, शुभा भटट, पंकज मौर्या, मोहसिन खान, उत्कर्ष, माधुरी, सुदेश कुमार, अचल सिसोदिया, अमन गुप्ता आदि ने अभिनय किया। दिन की दूसरी प्रस्तुति शाम 5.30 बजे रवीन्द्र रंगमंच में सौरभ श्रीवास्तव के निर्देशन में नाटक मायने गंभीर होने के साथ हुई। रात को आठ बजे टी एम लालाणी ऑडिटोरियम में बैडिट क्वीन फेम अभिनेत्री सीमा बिस्वास के अभिनय और निर्देशन में नाटक स्त्रीर पत्र का मंचन हुआ। रवीन्द्र नाथ टैगोर की कहानी पर बने इस नाटक मे स्त्री के विभिन्न मनोभावो और विचारो को व्यक्त किया गया। रात को दस बजे नागौर से आये कुचामणि ख्याल के दल ने अपनी लोक गायकी से सभी को सराबोर कर दिया।

कल भी होगा तीन नाटको का मंचन, सीमा बिस्वास के साथ होगा रंग संवाद
फेस्टिवल के दौरान कल भी तीन नाटको का मंचन किया जायेगा। दोपहर 2.30 बजे रंगकर्मी विपिन पुरोहित के निर्देशन में नाटक खेला पोलमपुर का मंचन किया जायेगा। लोक कथा से रंगे इस नाटक में संगीत के विभिन्न प्रयोग भी देखने को मिलेंगे। शाम 5.30 बजे भोपाल से आये विहान टीम द्वारा नाटक हास्यचूडामणि का मंचन रवीन्द्र रंगमंच में किया जायेगा। सौरभ अनंत निर्देशित इस नाटक में भोपाल के कलाकार अभिनय करेंगे। रात 8 बजे अंक मुम्बई के द्वारा नाटक हाय मेरा दिल का मंचन टी एम ऑडिटोरियम में किया जायेगा। नाटक में अमन गुप्ता, प्रीता माथुर, एम के मखीजा इत्यादि अभिनय करेंगे। रात को मुरली मनोहर धोरे पर रम्मत का मंचन होगा। दिन में दोपहर 12 बजे सीमा बिस्वास के साथ संवाद होगा।

सुधेश व्यास
समारोह संयोजक

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