द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गयी

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बीकानेर के द्वारा दिनांक 22.04.2018 को द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गयी। जिसमें जिला मुख्यालय, बीकानेर एवम् प्रत्येक ताल्लुका नोखा/श्रीडूंगरगढ/कोलायत/लूणकरणसर /खाजूवाला मुख्यालय पर सभी प्रकृति के विवादों के निस्तारण व प्रि-लिटिगेशन और लम्बित प्रकरणों को समाहित करते हुए शमनीय दाण्डिक अपराध, अंतर्गत धारा 138, परक्राम्य विलेख अधिनियम, बैक रिकवरी मामले, एमएसीटी मामले, पारिवारिक विवाद, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली व पानी के बिल (चोरी के अलावा), मजदूरी, भत्ते और पेंशन भत्तों से संबंधित सेवा मामले, राजस्व मामले, अन्य सिविल मामले किराया, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा दावे एवं विनिर्दिष्ट पालना दावे) आदि का अधिकाधिक रूप से निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से किया गया। इसके साथ ही स्थाई लोक अदालत की अध्यक्ष श्रीमति कमलदत्त द्वारा जनउपयोगी सेवाओं से संबंधित तथा पानी, बिजली से संबंधित प्रकरणों का निपटारा किया गया है।
राहुल चौधरी, (अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) पूर्णकालिक सचिव, बीकानेर ने बताया कि बीकानेर न्यायक्षेत्र में उक्त प्रकृति के कुल लम्बित प्रकरण 3432 न्यायिक प्रकरणों को प्रि-लिटीगेशन के प्रकरण निस्तारण हेतु रखे गए। जिनमें से 520 न्यायिक प्रकरण राजीनामे से निस्तारित हुए जिनमें रूपये 49659307/- राशि का अवार्ड पारित हुआ। इस लोक अदालत के माध्यम से विभिन्न बैंकों एवम् पक्षकारों के आपसी सहमति से बैंकों, बीएसएनएल व अन्य विभागों द्वारा प्रि-लिटिगेशन के 6759 के प्रकरण रखे गये जिनमें से 189 प्रकरणों का निस्तारण राजीनामें से किया गया। जिसमें कुल रूपये 34275115/- की राशि की वसूली की गयी। इस प्रकार बीकानेर जिले में प्रि-लिटीगेशन व लम्बित प्रकरण की कुल संख्या सुनवाई हेतु 10191 रखे गये जिनमें 709 प्रकरण निस्तारण करते हुए राशि 83934422/- राशि का अवार्ड पारित किया गया।
श्रीमान् अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार पारीक, जिला एवम् सेशन न्यायाधीश महोदय (जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) बीकानेर व अनवर अहमद चौहान एडीजे 04, बीकानेर ने यह भी बताया कि वर्तमान समय में वैकल्पिक विवाद निस्तारण का एक महत्वपूर्ण माध्यम लोक अदालत है लोक अदालत के माध्यम से पक्षकारों को बिना किसी खर्चे के त्वरित न्याय मिलता है एवम् उसकी अपील भी नहीं होती है।
राहुल चौधरी, (अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) पूर्णकालिक सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बीकानेर ने लोक अदालत बैंचों के सभी सदस्यों, अधिवक्तागण, समस्त बैंकों के मैंनेजर/अधिकारीगण, पक्षकारों, कर्मचारीगण द्वारा इस लोक अदालत के आयोजन में सकारात्मक भूमिका अदा करने के लिये धन्यवाद प्रकट किया एवम अपील की कि भविष्य में भी आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालतों में समाज का प्रत्येक वर्ग सकारात्मक योगदान देवें।

(राहुल चौधरी)
पूर्णकालिक सचिव
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
बीकानेर

पारिवारिक न्यायालय संख्या 01, बीकानेर से लंबित प्रकरण में दोनों पति पत्नि के मध्य की गई समझाईश
पक्षकारान का विवाह मुस्लिम विधि से दिनांक 03.02.2013 को हुआ था, उसके पश्चात एक संतान पुत्र उत्पन्न हुआ और उसके बाद दोनों के मध्य मतभेद व मनभेद हो जाने से दोनों अगस्त 2015 से अलग अलग निवास करने लग गए जिस पर पति अकरम ने मुस्लिम विधि के तहत दाम्पत्य अधिकारों की पुर्नस्थापना का एक वादपत्र पािरवारिक न्यायालय संख्या 01 बीकानेर में दिनांक 22.10.2016 को प्रस्तुत किया था। प्रकरण तब से अब तक लम्बित रहा था। आज लोक अदालत में समझाईश के बाद दोनों पति पत्नि साथ रहने को सहमत हुए, जो लगभग तीन साल से अलग अलग रह रहे थे साथ रहने को राजी हुए एवं न्यायालय से ही पुत्र सहित साथ साथ पति के घर पर साथ गए। लोक अदालत के फायदे व वैवाहिक जीवन में साथ साथ रहने की सलाह दी और समझाईश की। दोनों पति पत्नि ने लोक अदालत के समक्ष यह संकल्प लिया कि समाज में यदि किसी विवाहित युगल के मध्य विवाद हो गया तो वे इस प्रकार के विवाह को मुक्त करने का सार्थक प्रयास कर समाज में योगदान देगें। अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार पारीक, जिला एवम् सेशन न्यायाधीश, बीकानेर व श्री विनोद सोनी न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय संख्या 01 बीकानेर।

error: Content is protected !!