“सब अनकहा कह गया” एवं “प्रेरणा के स्वर” का विमोचन

बीकानेर 23 अप्रेल । शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान, नवकिरण प्रकाशन एवं भगवती कला केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में महाराजा नरेन्द्रसिंह ऑडिटॉरियम में कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार के काव्य संग्रह “सब अनकहा कह गया” तथा संगीतज्ञ ज्ञानेश्वर सोनी के गीत संग्रह “प्रेरणा के स्वर” का विमोचन किया गया । कार्यक्रम में पुस्तक के रचनाकारों ने चुनिन्दा रचनाओं का पाठ किया । विभिन्न संस्थाओं द्वारा रचनाकारों का सम्मान किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय साहित्य अकादेमी राजस्थानी भाषा परामर्शक मंडल के संयोजक, कवि-कथाकार मधु आचार्य “आशावादी” ने कहा कि “सब अनकहा कह गया” में सत्य की पडताल, स्थूल के पीछे सूक्ष्म की तलाश है । आशावादी ने कहा कि “प्रेरणा के स्वर” में संस्कारों से ओत-प्रोत विध्यालयी गीत स्वर लिपि सहित है जो संगीत के शिक्षकों हेतु उपयोगी पुस्तक है । कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास “विनोद” ने कहा कि काव्य संग्रह में 58 कविताओं में 29 छन्दयुक्त तो 29 ही छन्दमुक्त कविताएं है जिनमें अनुभूति की प्रखरता, अभिव्यक्ति की व्यंजना, भाषा की सरलता, मार्मिकता से ओतप्रोत सारगर्भित कविताएं हैं । “प्रेरणा के स्वर” में 68 विध्यालयी गीतों में देशप्रेम, समूह गीत, विभिन्न स्वरलिपियों एवं तालों के साथ संग्रहीत है । विशिष्ठ अतिथि डॉ.मदन सैनी ने कहा कि विमोचित पुस्तकों की रचनाएं अपने होने का बोध कराती है । विशिष्ट अतिथि संगीतज्ञ डॉ.मुरारी शर्मा ने कहा कि शब्द स्वयं संगीत है । डॉ.शर्मा ने विमोचित काव्य संग्रह की रचनाएं सस्वर प्रस्तुत की । कार्यक्रम में विमोचित कृतियों पर डॉ.पंकज जोशी, चन्द्रशेखर जोशी, ने पत्र वाचन किया । कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी, कवयित्री सुश्री मीनाक्षी स्वर्णकार ने पाठकीय टीप प्रस्तुत की । शब्दरंग संयोजक अशफाक कादरी ने लेखकीय परिचय दिया । नवकिरण प्रकाशन के डॉ.अजय जोशी ने अतिथियों का स्वागत किया । संस्कृतिकर्मी रामेश्वर बाडमेरा “साधक” ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की । कार्यक्रम में “सब अनकहा कह गया” के रचनाकार राजाराम स्वर्णकार ने अपनी सृजन प्रक्रिया साझा करते हुए अपनी रचना मां, नमन-वन्दन, आदमी, दो तन एक मन, शब्द, सरगम, पीडा, अंगूठी में जडा नगीने सा दर्द का वाचन किया । “प्रेरणा के स्वर” के रचयिता ज्ञानेश्वर सोनी ने पुस्तक में से बालकवि बैरागी की रचना की संगीतमयी प्रस्तुति दी । कार्यक्रम में युवा गायक गौरीशंकर सोनी ने पुस्तकों की रचनाओं में से राजाराम स्वर्णकर के लिखे गीत “यह धरा नहीं है साधारण” और “मेरी धरती मेरा अम्बर मेरा देश महान है” की सस्वर संगीतमयी प्रस्तुति देकर खचाखच भरे ऑडिटॉरियम को तालियों से गुंजायमान कर दिया । कार्यक्रम में लोकार्पित कृतियों के रचनाकारों का सम्मान किया गया । सखा संगम के अध्यक्ष एन.डी.रंगा, भगवानदास पडिहार, चन्द्रशेखर जोशी, नागेश्वर जोशी, सुवर्ण संस्कार पत्रिका के रामेश्वर बाडमेरा कवि चौपाल के नेमचन्द गहलोत’ कवयित्री इंजीनीयर आशा शर्मा, गोवर्धनलाल चौमाल तथा कवयित्री डॉ.रेणुका व्यास, शिवशंकर व्यास ने सम्मान किया । इससे पूर्व गुरु बंशीलाल शर्मा “अध्यापक” तथा चित्रकार हरिगोपाल “सन्नू” हर्ष का भी मंच द्वारा सम्मान किया गया । कार्यक्रम के संयोजक संजय आचार्य “वरुण” ने लोकार्पित कृतियों की समीक्षा करते हुए कहा कि इनकी रचनाएं साहित्यिक विशेषताओं से ओत-प्रोत है । कार्यक्रम में व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा, कमल रंगा, प्रेमनारायण व्यास, गिरिराज पारीक, प्रेमरतन सोनी, श्रीगोपाल स्वर्णकार, नरसिंह भाटी, राजेन्द्र स्वर्णकार, केशवप्रसाद बिस्सा, महेश आर्य, जेठमल सोनी, एन.डी.रंगा, डॉ.जगदीश बारठ ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए । कार्यक्रम में विष्णु स्वर्णकार, जितेन्द्र राधाकिशन भजूड, प्रेमप्रकाश महेचा, पवन सोनी, ओम सोनी गोरमेंट, मोहनलाल मारु, बी.एल.नवीन, सागरमल सोनी, भगवतीप्रसाद सोनी, बाबुलाल छंगाणी, धर्मेन्द्र सोनी, ऋषिकुमार अग्रवाल, प्रभुदत्त सोनी, हनुमान कच्छावा ने अतिथियों का स्वागत किया । कार्यक्रम में नगर के गणमान्यजन मनमोहन कल्याणी, डॉ.बसंती हर्ष, हरीश बी.शर्मा, मोहनलाल जांगीड, नरेश हेमकार, आत्माराम भाटी, डॉ.अंकुर गोस्वामी, डॉ.राजभारती शर्मा, डॉ.कल्पना शर्मा, चतुर्भुज शर्मा, पंडित उत्तमकुमार शर्मा, कैलाशरतन सोनी, नगेन्द्रनारायण किराडू, सुमन औझा, शिवकुमार वर्मा, जितेन्द्र खत्री, डॉ.तुलसीराम मोदी, जावेद अख्तर, नीलम व्यास, डॉ.नमामीशंकर आचार्य, तरुण सोनी, डॉ.सीताराम गोठवाल, असद अली “असद”, माजिदखान गौरी, आशाराम सोनी, डॉ.जियाउलहसन कादरी, अशोक प्रेमी, शिवशंकर शर्मा, डॉ.एम.एल.व्यास और मनोजकुमार कामरा आदि गणमान्यजनों की उपस्थिति रही ।

राजाराम स्वर्णकार मो.न. 9314754724

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