ताकि राजश्री योजना का लाभ मिले प्रत्येक लाभार्थी बालिका को

जून 2016 से अप्रैल 2017 के बीच जन्मी बालिकाओं की दूसरी किश्त हुई ड्यू
***********
बीकानेर। जिन बालिकाओं का जन्म सरकारी या अधिस्वीकृत अस्पताल में जून 2016 से अप्रैल 2017 के बीच हुआ था और उन्हें मुख्यमंत्री राजश्री योजना के तहत 2,500 रूपए मिले थे उन्हें योजनान्तर्गत 2,500 रूपए की दूसरी किश्त का लाभ ड्यू हो चुका है। जिले की ऐसी 17 हजार से अधिक बालिकाओं में से लगभग 13 हजार तक ये राशि सीधे माँ के खाते में पहुँच चुकी है। बची 4,322 बालिकाओं को ये लाभ पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग भरसक प्रयास में लगा है। रोज विभिन्न स्तरों की बैठकों के दौर जारी है। इस सन्दर्भ में चिकित्साधिकारियों व आशा सहयोगिनियों के बाद कंप्यूटर ऑपरेटरों की बैठक स्वास्थ्य भवन सभागार में बुलाई गई। डीपीएम सुशील कुमार, डीएनओ मनीष गोस्वामी, एसओ कपिल हर्ष व एएसओ चंद्रशेखर व्यास द्वारा ब्लॉकवार व संस्थानवार समीक्षा कर आ रही समस्याओं का निस्तारण किया गया और शीघ्रताशीघ्र लाभार्थी तक भुगतान पहुँचाने के निर्देश दिए गए। एएनएम के माध्यम से सभी बालिकाओं का टीकाकरण पूर्ण करने और न्याय आपके द्वार अभियान के दौरान अधिकाधिक लाभार्थियों के भामाशाह कार्ड बनवाने के निर्देश दिए गए। उल्लेखनीय है कि ये लाभ लेने के लिए भामाशाह कार्ड, ममता कार्ड और बालिका के जीवित होने के प्रमाण-पत्र के साथ किसी भी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र संपर्क किया जा सकता है जहां ओजस सॉफ्टवेयर के माध्यम से भुगतान सीधा लाभार्थी के बैंक खाते में कर दिया जाता है।

पीसीटीएस सॉफ्टवेयर से बांटे लक्ष्य
डीपीएम सुशील कुमार ने बताया कि वैसे तो जिस बालिका का जन्म जिस संस्थान में हुआ है उस संस्थान द्वारा उसे ट्रेस कर भुगतान पहुँचाया जाता है लेकिन लाभार्थी किसी भी नजदीकी अस्पताल जाकर लाभ के लिए क्लेम कर सकता है। चूंकि पीबीएम अस्पताल व जिला अस्पताल में पूरे जिले से प्रसव केस आते हैं इसलिए सभी पेंडिंग केस को पीसीटीएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से क्षेत्रवार संस्थानों को जारी किया गया है। इस कार्य में सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व डिस्पेंसरियां भी लगी हैं जबकि वहां प्रसव सेवा नहीं है। अब तक पीसीटीएस आईडी से प्राप्त फोन नंबर पर कॉल कर सूचना दी जा चुकी है और जिला व खण्ड स्तर से सभी को एसएमएस द्वारा भी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुचने की अपील की जा चुकी है। जहां फोन न. उपलब्ध नहीं है या गलत है उन्हें उपलब्ध पते के आधार पर आशा सहयोगिनियों के माध्यम से घर तक सूचना पहुंचाई जा रही है। समस्या वहां है कि जिनके पते भी उपलब्ध नहीं हैं या संपर्क होने के बाद भी कोई प्रत्युत्तर नहीं मिल रहा।

भामाशाह कार्ड है जरूरी
डीएनओ मनीष गोस्वामी में बताया कि राजश्री योजना के भुगतान के लिए लाभार्थी का भामाशाह नामांकन होना जरूरी है। यदि कार्ड अब तक बन कर ना आया हो तो नामांकन रसीद के आधार पर भी भुगतान संभव है। स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा लगातार ऐसे माता-पिता को भामाशाह नामांकन करवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। न्याय आपके द्वार अभियान के दौरान अधिकाधिक लाभार्थियों के भामाशाह कार्ड बनवाने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
बीकानेर

error: Content is protected !!