देश की सेना को मिलेगा जयपुर में निर्मित कुकू विमान

बर्फिली हवाओं व वातावरण में माल ढोने और सेना के गुप्त मिशन में सहयोगी बनने के लिए जयपुर में कुकू सैन्य हवाई जहाज का निर्माण कार्य किया जा रहा है। फाईटर किस्म के इस निर्माणधीन हवाई जहाज जयपुर के झोटवाड़ा क्षेत्र में स्थित आर आर डी सी अनुसंधान एवं विकास केन्द्र में किया जा रहा है। विशेष बातचीत में वैज्ञानिक रवि सिहं शेखावत ने जानकारी देते हुए बताया कि कुकू नामक सैन्य हवाई जहाज पर्यवारण अनुकूल, प्रदूषण रहित, ध्वनि रहित, तथा हल्का होगा। कुकू की अनुमानित रफ्तार 800 किलोमीटर घंटा होगी। इसकी लंबाई दस मीटर होगी। कुकू विमान अगले वर्ष 30 जुलाई 2019 तक निर्मित हो जाएगा। जयपुर के आर आर डी सी में वैज्ञानिक दीपक तिवारी के निर्देशन में इसे तैयार किया जा रहा है। कुकू हवाई जहाज की परिकल्पना वैज्ञानिक रवि सिंह शेखावत की है जो सेना परिवार से हैं । रवि के बताया कि उन्होने देश के सैनिकों की सुरक्षा सुनिचित करने की शपथ ली है। वैज्ञानिक रवि तथा वैज्ञानिक दीपक तिवारी कुकू के बारे में इसी वर्ष जुलाई में मीडिया को विस्तार से जानकारी देंगें तथा मॉडल से रूबरू करवाएंगे।
मिशन कुकू-
वैज्ञानिक रवि ने हिलव्यू समाचार को बताया कि भारतीय सेना को बर्फिली क्षेत्रों में बचाव कार्य करने, माल ढोने और गुप्त मिशन को पूरा करने में होने वाली परेशानियों को मद्देनज़र रखते हुए एक हल्का, वातावरण के अनुकूल और युद्व में भी काम आ सकने वाले विमान तैयार किए जाने की आवश्यकता समझी और फिर अपने मिशन में जुट गए। 15 मई 2018 को अपने मिशन की शुरुआत की। सेना की आवश्यकता और रवि के सोच के अनुरुप कुकू नामक विमान का पहला मॉडल अगले वर्ष जुलाई तक बनकर तैयार हो जाएगा। रवि ने बताया कि वर्तमान में वह श्रीहरि कोटा आंध्र प्रदेश में कार्यरत हैं, उन्होने इंजिनियरिंग की पढ़ाई जयपुर में रहकर ही की है । रवि ने अपनी हर सफलता का श्रेय अपने माता पिता, गुरुजन , डॉ शिवानी जोहरी (एच ओ डी श्री बालाजी कॉलेज), अनम महेश श्रीवास्तव(संसद भवन) , डॉली श्रीवास्तव तथा देश के उन जवानों को दिया है जो देश के लिए शहीद हुए।
निर्माणधीन हवाई जहाज का नाम कुकू क्यों? –
रवि ने जानकारी देते हुए बताया कि निवारु रोड जयपुर में एक निजी कंपनी में प्रबंधक रहे गयारसीलाल कुमावत के यहाँ जब दो बेटियों ने जन्म लिया तो उन्होने परिवार की बेटा पैदा होने की इच्छा के विरुद्व जाकर ऑपरेशन करवा लिया । नियति की यह क्रूरता रही कि उनकी दूसरी बेटी जिंदा नहीं रही अब उनके पास सिर्फ एक ही बेटी थी जिसे उन्होने बेटे की तरह परवरिश की है। मरने वाली बेटी को वह प्यार से कुकू बुलाते थे इसलिए यह नाम रवि के दिमाग में था इसलिए उन्होने विमान का नाम कुकू रखा है। कुकू निर्माण के शुभांरभ के अवसर पर वैज्ञानिक रवि सिंह की माता श्रीमती रेखा कंवर, वैज्ञानिक दीपक तिवारी तथा इनके पिताजी इंजीनियर श्री हरि शंकर तिवारी, परियोजना से जुड़े सैना के अधिकारी कैप्टेन बंसीधर जी, कैप्टेन मदन चौधरी, हवलदार सुरेंद्र सिंह, अध्यक्ष श्री हीरालाल जी, अंकित सेवा संस्था अध्यक्ष प्रमोद बागड़ा, एडवोकेट गुंजन पारीक, डॉक्टर रेखा पारीक, , ग्यारसीलाल कुमावत जी, कुकू की माता श्रीमती उषा कुमावत, मधुर जी, पंकज कुमावत, अजय कुमावत, धीरज सिंह तथा अन्य इंजीनियर और कर्मचार उपस्थित थे।
इंजिनियरों के लिए सुनहरा मौका-
आरआरडीसी प्रशिक्षण संस्थान में इंजिनियरों को कार्य करने का सुनहरा अवसर भी उपलब्ध हो रहा है। इस संबध में वैज्ञानिक रवि ने बताया कि 21 मई से 30 मई तक ऑन लाईन फार्म भरे जाएगें जिसमें देश की सेवाभाव से कार्य करने के इच्छुक इंजिनियर फार्म भर सकते हैं। आवेदकों को पहले इंटरव्यूह के लिए बुलाया जाएगा फिर उनको चयन के बाद छह माह की ट्रेनिंग दी जाएगी। वैज्ञानिक रवि ने आर आर डी सी में कर्मचारियों के लिए कड़ी ट्रेनिंग का आदेश जारी किया जिससे किसी भी तरफ से देश के काम में कमी ना रहे तथा हर कर्मचारियों को 6 महीनों की कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना होगा।

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