रिकॉर्ड गायब करने और गबन के आरोपी को बचा रहे D E E O और BEEO अरांई

केकड़ी ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय गोपालपुरा(गोराधा) का वर्ष2011-12 का अध्यापक उपस्थिति रजिस्टर गायब करने और 2008 से2015 तक विद्यालय की sdmc बैंक खाते से लाखों रुपये का आहरण कर किसी भी प्रकार के बिल वाउचर सबमिट नही करने के आरोपी को जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक द्वारा 2016 से संरक्षण प्रदान करके बचाया जा रहा है।जांच अधिकारी BEEO अरांई द्वारा भी उक्त गबन के आरोपी प्रबोधक से सांठ गांठ करके अभी तक भी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नही करके बचाया जा रहा है।उक्त आरोपी प्रबोधक एक अपराधी प्रवृति का व्यक्ति है जिसे बिना उपस्थिति प्राप्त किये तत्कालीन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी केकड़ी द्वारा जुलाई2011 से दिसंबर2011 तक अवैध रूप से वेतन का भुगतान किया जा चुका है।तत्कालीन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार जोशी जिन्हें तत्कालीन विधायक का पूर्ण संरक्षण प्राप्त था तानाशाही पूर्वक मन मर्जी से कार्यालय का संचालन किया था।उच्चतम न्यायालय द्वारा जब मंत्रियों तक के विवेकाधीन कोटो पर रोक लगा दी तब भी ये अपने ही तरीके से विभागीय नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए कार्यालय संचालित करते रहे मानो ये सुप्रीम कोर्ट से भी बढ़कर हो।जब पूरे जिले में ब्लॉक शिक्षा अधिकारीगण शिक्षकों की विद्यालयो से उपस्थिति प्राप्त करके वेतन का भुगतान करते थे तब भी जोशी तत्कालीन विधायक रघु शर्मा के संरक्षण के कारण 2011 से मार्च 2015 तक बिना उपस्थिति के ही अपने चहेतों को लाभान्वित करने और विरोधियों को प्रताड़ित करने के लिए बिना विद्यालयो से शिक्षकों की उपस्थिति प्राप्त किये ही वेतन भुगतान करके राज कोष को चुना लगाते रहे।
जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक तो विधायक तक को नजर अंदाज करने से बाज नही आ रहे है।केकड़ी विधायक द्वारा जब रिकॉर्ड गायब करने वाले के विरुद्ध F IR दर्ज कराने को कहा गया उसकी पालना भी आज तक जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा नही की जाकर यह स्पष्ट कर दिया गया है कि वे ही गबन के आरोपी प्रबोधक के मुख्य संरक्षक है।आरोपी प्रबोधक को जांच अधिकारी B EE o अरांई और जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक का संरक्षण प्राप्त होने के कारण ही प्रबोधक द्वारा शिकायत करता को जान से मारने तक की धमकी मोबाइल पर दी जा चुकी है।जिसका ऑडियो( संपादक )मेरे पास सुरक्षित है।गोरतलब है कि ये प्रबोधक अब पीसांगन में कार्यरत है तथा L P C में तत्कालीन ब्लॉक शिक्षा अधिकारीकेकड़ी द्वारा स्पष्ट लिखा गया है कि दो वर्षो के अध्यापक उपस्थिति रजिस्टर चार्ज में नही दिए गए है फिर भी लगभग दो सालों में किसी भी प्रकार की कार्यवाही विभागीय अधिकारियों द्वारा आज तक नही की गई है।जिससे आरोपी के हौंसले बुलंद है।गौरतलब है कि केकड़ी ब्लॉक के शिक्षकों से जल स्वावलंवन के नाम पर राशि एकत्रित करके उसमें गबन की जांच भी B EEO अरांई को सौंपी गई थी।एक ही दिन में बिना परिवादी के बयान लिए और तमाम नोडल प्रधानाध्यापकों के बयान लिए ही गबन के आरोपी को क्लीन चिट इनके द्वारा दी जाकर एक नई मिशाल कायम की गई है।जांच अधिकारी ये सार्वजनिक रूप से बताए कि U PS नायकी से BEEO कार्यालय केकड़ी में जमा करवाई गई राशि कँहा गई और क्यो शिक्षकों से मौखिक आदेश देकर राशि की वसूली नोडल प्रधानाध्यको के जरिये की गई।क्यो एक प्रतिनियुक्त प्रबोधक को राशि संग्रहण के लिए नियुक्त किया गया।प्रकरण के खुलशे यानी14 नवंबर2017 तक राशि किसके पास और क्यो रही।यदि प्रकरण का खुलाशा नही होता तो उक्त राशि तत्कालीन BEEO और प्रबोधक द्वारा ही हड़प ली जाती।17-11-2017 को चालान द्वारा राशि बैंक में जमा होना यह स्पष्ट करता है कि गड़बड़ झाला तो हुवा है।इन सबके बावजूद भी जिला शिक्षा अधिकारी असत्य सूचनाएं संपर्क पोर्टल पर देकर अधिकारियों को गुमराह करते रहे
इन सबकीजानकारी जांच अधिकारी B EEO अरांई और जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक को है अर्थात ये सभी गतिविधियां उनकी जानकारी में ही प्रबोधक द्वारा संपादित की जा रही है।
मंत्री जी की नाक के नीचे हो रही है ये सभी गतिविधियां और मंत्री जी है-मोन।
मंत्रीजी को चाहिए कि कांग्रेस समर्थित इस प्रबोधक के विरुद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर को देऔर दोनों जांचे से BE EO अरांई को तत्काल हटाये और जिले से बाहर APO करे।

अब देखना यह है कि शिक्षा मंत्री अपनी नाक के नीचे चल रहे अधिकारियों के गबन और सरकारी रिकॉर्ड गायब करने के आरोपी और उसके संरक्षक केकड़ी के तत्कालीन B E EO अनिल जोशी जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक अजमेर और जांच अधिकारी BEEO अरांई के विरुद्ध कोई कार्यवाही कर पाते है या नही।

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