स्वयं के मूल स्वरूप को पहचानना ही योग -संवित सोमगिरि

बीकानेर, 19 जून। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के तहत आयोजित की जा रही विभिन्न गतिविधियों के क्रम में मंगलवार को आर्युर्वेद विभाग द्वारा एस पी मेडिकल काॅलेज आॅडिटोरियम में योग विषयक व्याख्यान का आयोजन किया गया।
व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में संवित स्वामी सोमगिरि ने कहा कि जीवन को पूर्णता की ओर ले जाना ही योग है। उन्होंने कहा कि योग केवल शरीर को स्वस्थ करने का माध्यम ही नहीं है बल्कि अपने मूल स्वरूप को पहचानना योग है। वर्तमान युग में व्यक्ति अज्ञानताओं से आच्छादित है। योग व्यक्ति को स्वयं की पहचान करवाते हुए आत्मा का परमात्मा के साथ एकाकार करवाता है। उन्होंने कहा कि संसार क्षणभंगुर है। जीवन में लोभ, मोह राग द्वेष जैसी बुराईयों से दूर जाने का एकमात्र साधन योग है। भारत की संस्कृति इस प्रकार से डिजायन है कि इसमें व्यक्ति के अलग होने की अवधारणा ही समाप्त हो जाती है। इस युग के सतपुरूषों को जोड़ने की लिए दर्शन की आवश्यकता है और वह दर्शन योग है। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग की समस्या है कि हम दर्शन को छोड़ चुके हैं इसी कारण व्यक्ति पत्थर हो रहा है। वह जीव-जंतुओं तथा धरती पर अत्याचार कर रहा है।
संवित सोमगिरि ने कहा कि हमें पूर्णता प्राप्त करने के लिए इच्छाओं को त्यागने की नहीं स्वीकार करने की आवश्यकता है। हमारी वैदिक संस्कृति में न्यास, विन्यास और फिर संन्यास का उल्लेख है। हमें इसे फिर से अनुभव करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वैदिक संस्कृति में हर कार्य के लिए एक अवस्था का निर्धारण है। इसी मार्ग पर चल कर हम अपने पुरूषार्थों को सिद्ध कर सकते हैं। हमें प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को स्वीकारते हुए अपने दर्शन की अवधारणाओं को सुधारना होगा, इसी मार्ग पर चल कर हमें ईश्वर के साथ स्वयं को एकाकार कर सकते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति एच डी चारण ने कहा कि योग व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। विद्यार्थियों को अपने जीवन में योग अपनाने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि योग को अपना कर वे अधिक उर्जा से अपने कार्य करते हुए अपनी क्षमताओं का प्रयोग कर सकेंगे।
इस अवसर पर योग दिवस के सम्बंध में आयोजित निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को भी कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक डाॅ पी के बेरवाल, न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के वरिष्ठ रीजनल प्रबंधक पी के तुलसीयानी, जिला नोडल अधिकारी डाॅ राधेश्याम इंदौरिया, समन्वयक डाॅ सुधांशु व्यास, डाॅ नंदसिंह, डाॅ जितेन्द्र ंिसह भाटी, डाॅ विनीत बागड़ी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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न्याय आपके द्वार अभियान में निस्तारित हुए 942 प्रकरण
बीकानेर, 19 जून। राजस्व लोक अदालत अभियान-न्याय आपके द्वार के तहत मंगलवार को जिले के विभिन्न ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर आयोजित हुए शिविरों में 942 प्रकरण निस्तारित किए गए।
अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) यशवंत भाकर ने बताया कि उपखंड स्तर पर आयोजित राजस्व शिविरों के तहत पूगल में 12, नोखा में 3, श्रीडूंगरगढ़ में 2,बीकानेर में 2 सहित कुल 19 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इनमें धारा 136 के 2, एक्ट 53 के 2, एक्ट 88 का 1, इजराय का 1, गैर खातेदारी से खातेदारी के 12 प्रकरण शामिल है।
भाकर ने बताया कि तहसीलदार राजस्व न्यायालयों के तहत कुल 930 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इनमें श्रीडूंगरगढ़ में 450, नोखा के 131, पूगल में 98, बीकानेर में 251 प्रकरण निस्तारित हुए। इनमें से धारा 135 के 124, खाता दुरूस्ती के 317, खाता विभाजन के 10, रेवेन्यू काॅपी के 105 तथा अन्य 362 प्रकरण शामिल है।
भाकर ने बताया कि अभियान के तहत बुधवार को बीकानेर के जलालसर, लूणकरनसर के राजासर उर्फ करणीसर, कोलायत के दियातर, खाजूवाला के 22 केवाईडी तथा श्रीडूंगरगढ़ के जालबसर में शिविरों का आयोजन होगा।

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