अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस शनिवार को

बीकानेर, 6 जुलाई। अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस तथा 24 वें यूएन डे ऑफ को-ऑपरेटिव्स का आयोजन शनिवार को किया जाएगा। इण्टरनेशल को-ऑपरेटिव एलायंस द्वारा इस वर्ष के अन्तराष्ट्रीय सहकारिता दिवस की थीम ‘सतत उपभोग एवं उत्पादन‘ रखी गई है। थीम को दृष्टिगत रखते हुए सभी सहकारी संस्थाआंे के स्तर पर वृहद पौधारोपण किया जाएगा। इस दिवस पर सभी छोटी सहकारी सस्थाओं को 5-5 पौधे तथा बड़ी सहकारी सस्थाओं को 10-10 पौधे लगाने के निर्देश दिये गये हैं।
दी सैन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के अधिशाषी अधिकारी डॉ.मनमोहन सिंह यादव ने बताया कि सभी शाखाओं को 10-10 तथा समस्त ग्राम सेवा सहकारी समितियों को 5-5 पौधे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिन समितियों पर राज्य सरकार की ऋण माफी कैम्पों का आयोजन किया जा रहा है, विशेष रूप से उन समितियों में उपस्थित सभी लाभार्थियों को ऋण माफी प्रमाण पत्रा के साथ सहकारिता दिवस की थीम के अनुरूप पौधे लगवाएं जाएंगे। जांगलू अटल सेवा केन्द्र में इस अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन भी किया जाएगा।
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एनआरसीसी में दो दिवसीय पशुपालक प्रशिक्षण का समापन
बीकानेर, 6जुलाई। राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र द्वारा आयोजित ‘उष्ट्र दूध का संवर्धन एवं विपणन से आय बढ़ोतरी‘ विषयक दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में सिरोही और उदयपुर के टीएसपी क्षेत्रों के उष्ट्र पालकों ने भाग लिया।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि राज.कृषि विश्वविद्यालय प्रसार शिक्षा के पूर्व निदेशक डॉ.ए.के.पुरोहित ने ऊंट पालकों को संबोधित करते हुए कहा कि समय के साथ-साथ ऊंट पालन व्यवसाय के क्षेत्रा में वैज्ञानिक उपलब्धियों एवं प्रबंधन की जानकारी ऊंट पालकों तक पहुंचेगी, इससे पशुओं के उपयोग, उत्पादन, प्रबंधन, स्वास्थ्य आदि में सकारात्मक बदलाव आएगा। ऊंटनी का दूध एक बेहतर विकल्प के रूप में उपलब्ध है यदि दूध का मूल्य संवर्धन किया जाए तो पशुपालकों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति में अवश्य ही सुधार आएगा।
केन्द्र निदेशक डॉ.एन.वी.पाटिल ने पशुपालकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि ऊंटनी के दूध की औषधीय उपयोगिता को देखते हुए निजी उद्यमी व प्रतिष्ठान सक्रिय रूप से इसका विपणन कर लाभ कमा रहे हैं और ऊंट पालक इस लाभ से वंचित है। ऐसे में दूध के विपणन का फायदा लेने हेतु उन्हें संगठित होकर आगे आना होगा। साथ ही युवा पीढ़ी को भी इस व्यवसाय हेतु प्रोत्साहित करना होगा ताकि तकनीकी रूप से इस व्यवसाय को बढ़ावा मिल सके। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि प्रधान वैज्ञानिक (से.नि.) काजरी डॉ.अरूण कुमार पुरोहित ने भी विचार रखे। प्रशिक्षणार्थियों से प्रतिक्रियाएं ली गई तथा समारोह के अंत में प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्रा एवं पारितोषिक दिया गया।

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