देहदान-अंगदान समाज की एक बड़ी जरूरत

बीकानेर(जयनारायण बिस्सा)। एक देह के दान से कई जिंदगियां रोशन हो सकती हैं। अगर एक व्यक्ति भी देहदान करने से प्रेरित होता है, तो डॉ राकेश रावत का यह प्रयास सार्थक हो जाएगा इसी उदेश्य को मूल मन्त्र मान कर रावत अस्पताल के तत्वावधान में अंगदान पंजीकरण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें ग्यारह जनों ने अंगदान व तीन जनों ने देहदान की घोषणा की। अपने संबोधन में वरिष्ठ नागरिक रामकिशोर रावत ने कहा कि आज भारत की सबसे बड़ी आवश्यकता यह है कि लोग बड़ी संख्या में देहदान और अंगदान के लिए आगे आएं, ताकि प्रतिवर्ष लाखों लोगों को जीवनदान मिल सके। रावत ने कहा कि भारत ऋ षि दधीचि जैसे महान देहदानी का देश है। यहां परोपकार और लोक कल्याण के लिए अपना सर्वस्व त्यागने की प्राचीन परम्परा रही है। हमें उसी परम्परा को आगे बढ़ाना है। समाजसेवी उमाशंकर आचार्य ने कहा कि समाज के सम्पन्न तथा प्रभावशाली लोगों को देहदान तथा अंगदान के लिए स्वत: आगे आना चाहिए, ताकि आम जनता भी उनका अनुसरण करे। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन के जरिये रावत अस्पताल की ओर से अब तक 46 लोग देहदान की तथा 11 जनें अंगदान की घोषणा कर चुके है।
देहदान की घोषणा करते हुए सेवानिवृत्त सेशन न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि समाज के सभी वर्गों को इस पुनीत कार्य में भाग लेना चाहिए, क्योंकि देहदान, अंगदान से बड़ा कोई भी दान नहीं है। कि भारत में सर्वकल्याण को सबसे अधिक महत्व देने की संस्कृति रही है। भारत की प्राचीन जनकल्याण की परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए ही आज हमारे समाज में अत्यंत अवश्यकता है। देह दान और अंगदान अधिक से अधिक लोग करे ताकि बड़े पैमाने पर लोगों की प्राण रक्षा की जा सके। देहदान और अंगों के प्रत्यारोपण से संबंधित नियमों को सरल बनाया जाना चाहिए।
जागरूकता का अभाव :डा रावत
डॉ राकेश रावत ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति कुछ ऐसी ही कि हम दान देने से कभी भी विचलित नहीं होते। इतिहास में भी ऋ षि दधीचि, कर्ण, राजा शिवि और बलि सहित अन्य कई उदाहरण देखने को मिलते हैं, लेकिन जागरूकता के अभाव में आज लोग अंगदान नहीं कर पाते या सही राय न मिलने से अंगदान करने से कतराते हैं। उन्होंने बताया कि एक ब्रेन डेड व्यक्ति अपनी 2 आंखें, 2 फेफड़े, दो किडनी, एक हार्ट, एक लिवर और एक पेनक्रियाज दान कर सकता है। इससे न केवल सात लोगों को बचाया जा सकता है बल्कि दो लोगों के जीवन में रोशनी भरी जा सकती है।
इन लोगों ने की अंगदान-देहदान की घोषणा
समारोह के दौरान सेवानिवृत सेंशन न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह यादव,बाबू खां और कीर्ति शर्मा ने देहदान तथा डॉ राकेश रावत,उमाशंकर आचार्य,बाबू खां,नरेन्द्र गुप्ता,आभा गुप्ता,राकेश गर्ग,चिरंजीलाल शर्मा,रमेश वर्ता,प्रवीण चावला,लता चावला,मोतीलाल उतरामणी तथा वंदेमातरम मंच के विजय कोचर, महिला मोर्चा की अध्यक्ष मधुरिमा जी और रघुनाथ सिंह शेखावत ने अंगदान करने की घोषणा का शपथ पत्र भरा।

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