बीकानेर में रेल चले रोहतक की राह पर

बीकानेर 21/9/18। रेल फाटकों पर रोजाना लोगों के घंटों जाया हो जाने संबंधी जन समस्या पर मंथन करने के बाद इंजीनियरों ने बीकानेरियन के सम्मुख यह सुझाव रखा है कि बीकानेर में रेल को रोहतक की राह पर चलना चाहिए। बीकानेर सिटीजन कौंसिल की ओर से अंबेडकर सर्किल पर होटल लाजवाब में आयोजित प्रेसवार्ता में अमर चंद बिस्सा ने रोहतक में जन विचार से संभव हुए रेल फाटकों की समस्या के समाधान का उदाहरण बताते हुए कहा कि वहां लंबी दूरी तक 10 से अधिक फाटकों की समस्याएं थी जिसे भूमिगत रेल मार्ग के द्वारा सुलझाया गया ।और इस विचार को सोशल मीडिया के माध्यम से किसी एक प्रबुद्ध व्यक्ति ने आगे बढ़ाया । जिस पर सोशल मीडिया में समर्थन जुटता गया और अंततः बात जनप्रतिनिधियों तक पहुंची। उनका भी समर्थन मिला । फिर इस विचार को योजना का रूप देकर क्रियान्वित किया गया। जिससे रोहतक में आज लोग रेल फाटकों की समस्या से छुटकारा पा चुके हैं। इस अवसर पर विशेष रूप से आमंत्रित स्वामी सोम गिरी जी महाराज के कर कमलों से लालगढ़ से लेकर घड़सीसर के आसपास तक के भूमिगत रेल मार्ग के विचार को पोस्टर के माध्यम से दर्शाया जिसका लोकार्पण सोमगिरी जी महाराज ने किया। संवित सोमगिरि महाराज ने कहा कि कोई भी कार्य हो वह जनहित का व कल्याणकारी होना चाहिए। सिविल इंजीनियर रिटायर्ड रामेश्वर चौधरी, सतवीर जैन, अंकुर शुक्ला आदि ने भी विचार रखे।

सिक्स लेन रोड का भी सुझाव
बिस्सा ने यह भी बताया कि वर्तमान में जो रेल लाइन लालगढ़ तक जा रही है उसे बंद कर उसकी जगह लालगढ़ तक छह लेन की रोड बनाई जा सकती है जो लालगढ़ रेलवे स्टेशन से गंगानगर मार्ग से जुड़े। इससे बाहर की ओर से आने वाले यातायात और शहर से बाहर की ओर जाने वाले यातायात का दबाव भी कम हो जाएगा । और कोटगेट स्टेशन रोड पर भारी यातायात की समस्या से छुटकारा मिलेगा। उन्होंने बताया की रोहतक की तर्ज पर बनाई जा सकने वाली भूमिगत रेल की जानकारी व संभावनाएं तलाशते हुए काउंसिल सदस्यों ने काफी लंबे समय से परिश्रम कर पोस्टर तैयार किया है।

यूं बनेगा टनल
अमरचंद बिस्सा ने बताया कि मॉडर्न भूमिगत टनल की शुरुआत लालगढ़ वर्कशॉप से 500 मी जमीन में ढलान की ओर बढ़ने के बाद ट्रेक भूमिगत होगा। आगे 650 मी की टनल बनेगी। बीकानेर लालगढ़ ट्रेक हटेगा, 6 लेन चौड़ाई की सड़क बनेगी। रेलवे स्टेशन पर बदलाव नहीं होगा। प्रोजेक्ट पर अनुमानत: एक से डेढ़ हजार करोड़ की लागत आएगी।

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