स्कूल मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम

आज दिनांक 8 अक्टूंबर 2018 को विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह तथा राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत आर. एस. वी. स्कूल में विद्यार्थीयों में होने वाली विभिन्न प्रकार की मानसिक परेशानियाँ, उन्हे कैसे पहचाने तथा उनका निराकरण किस प्रकार किया जाये विषय पर विद्यार्थीयों तथा अध्यापकों के साथ संवाद का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ड़ॉ कन्हैयालाल कच्छावा, मानसिक स्वास्थ्य एवं नशामुक्ति विशेषज्ञ, पी.बी.एम. अस्पताल, ने बताया कि वर्तमान में प्रतियोगी माहौल तथा ट्रेक्नोलॉजीे के बढ़ते प्रभाव को सही तरह से ना समझ पाने के कारण विद्यार्थी जाने-अनजाने तनाव, उन्माद, अनिन्द्रा, भूख कम या ज्यादा लगना पढ़ाई में मन न लगना, ध्यान व याददाश्त की कमी, चिड़चिड़ापन, जिद्दीपन तथा नशे आदि मानसिक विकारों का शिकार हो जाते है यदि कोई विद्यार्थी अचानक गुमशुम सा रहता है, अपने में खोया रहा है, कम बात करता है, छोटी-छोटी बातो मे अत्यधिक गुस्सा करता है, कार्य समय पे पूरा नही करता, स्कूल से ज्यादा दिनों तक अनुपस्थित रहता है तथा उसके व्यवहार में कोई असामान्य परिवर्तन हुए है तो हो सकता है वह किसी प्रकार की मानसिक बीमारी से पीड़ित है, इसके निराकरण के लिए विद्यालय का माहौल तनाव मुक्त हो, परस्पर आपसी संवाद तथा सामजंस्य बनाकर तथा गम्भीर अवस्था में मनोचिकित्सक से परामर्श लेकर इनके दूरगामी परिणामों को रोका जा सकता है। कार्यक्रम में समाजसेवी विनोदजी भी उपस्थित थे।

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