कैंसर को मात देकर अब कैंसर पीडितों को बचा रहीं शिक्षिका रजनी कल्याणी

रायला के नवग्रह आश्रम की बड़ी उपलब्धि
उदयपुर के सरकारी स्कूल की शिक्षिका रजनी कल्याणी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को हराकर आज कैंसर पीडितों के दर्द को दूर करने में है सक्रिय

सरकारी स्कूल की शिक्षिका रजनी कल्याणी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को हराकर आज कैंसर पीडितों के दर्द को दूर करने में जुटी हैं। आयुर्वेद का निःशुल्क इलाज से कैंसर को मात देने वाली इस शिक्षिका के यू-ट्यूब पर लोगों को मोटीवेट करने वाले कई वीडियो हैं, जिन्हें देखकर देशभर से कैंसर पीड़ित लोग इनसे संपर्क कर रहे हैं।
यह उपलब्धि है रायला के पास मोतीबोर का खेड़ा में स्थित श्री नवग्रह आश्रम की। रजनी कल्याणी ने अपने को हुए केंसर का उपचार नवग्रह आश्रम के संचालक हंसराज चैधरी से करवाया और स्वयं केंसर से लड़कर केंसर पर जब जीत गयी तो मानव सेवा के लिए वो भी कैंसर सैनिक बनकर आज अपने क्षेत्र में केंसर मुक्त भारत का निर्माण के मिशन में जुट गयी है।
कैंसर सैनिक सुरेंद्र सिंह के अनुसार श्री नवग्रह आश्रम के कैंसर सैनिकों के द्वारा किए जाने वाले कार्य को अब समाज के द्वारा प्रोत्साहित किया जाना शुरू कर दिया गया है। इसी कड़ी में श्री नवग्रह आश्रम में अपने स्वास्थ्य लाभ ले चुकी रजनी कल्याणी अब आश्रम के द्वारा शुरू किए गए कैंसर मुक्त भारत में अपना अमूल्य योगदान दे रही हैं। श्री नवग्रह आश्रम सेवा संस्थान के द्वारा कैंसर पीड़ितों का निशुल्क इलाज किया जाता है। आश्रम से ठीक हुए रोगियों के द्वारा जिन्हें नवग्रह आश्रम अपना कैंसर सैनिक कहता है देशभर में नवग्रह आश्रम के 3000 से अधिक कैंसर सैनिक अपने अपने क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। जो पहले स्वयं कैंसर से मुक्त हुए हैं और आज देश में कैंसर मुक्त भारत कि श्री नवग्रहआश्रम की मुहिम में अपना समय देते हैं।
आश्रम के संचालक हंसराज चैधरी कहते है कि केंसर का उपचार उनके यहां संभव है। दवा व परामर्श का कोई शुल्क भी नहीं लिया जाता है। श्री नवग्रह आश्रम की इस मुहिम में जुड़े कैंसर रोगी कैंसर सेनिक अपने परिवार के स्वास्थ्य लाभ के साथ अन्य लोगों के स्वास्थ्य लाभ हेतु भी अपने अपने स्तर पर लोगों को सहायता करते हैं। जिनमें यूट्यूब चैनल के द्वारा कैंसर रोगियों को क्या खाना है क्या नहीं औषधि बनाने का तरीका और व्हाट्सएप पर कैंसर रोगियों की को आने वाली परेशानियों का समाधान करना ऐसे अनेक कार्य है जो श्री नवग्रह आश्रम के कैंसर सैनिक करते हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि अब केंसर मुक्त भारत निर्माण का उनका सपना क्रियान्वित होते दिख रहा है।
रजनी कल्याणी केंसर को मात देने के बाद भी नवग्रह आश्रम के नियमित संपर्क में है। यहां उनका आना जाना रहता है। यहां आती है तो केवल केंसर के रोगियों को संबल देने व अपना स्वयं का उदाहरण देकर केंसर मुक्त भारत के लिए काम करने के लिए। केंसर रोगियों को दवा मिलने की जगह नवग्रह आश्रम तक पहुंचाने का काम भी ये करती हैं। पीड़ित के पास दवा खत्म हो जाए तो उनके पते पर कोरियर से दवा भी पहुंचाती हैं ताकि गरीबों को किराया लगाकर बार-बार नहीं आना पड़े। इसके अलावा रजनी के घर पर भी कई कैंसर पीड़ित और उनके परिजन काउंसलिंग के लिए पहुंचते हैं। शिक्षिका रजनी उन्हें मोटीवेट करती हैं और उस आयुर्वेद दवा की सलाह देती हैं। खासकर ऐसे गरीब लोगों को इस दवा के बारे में बताती हैं जिनके पास महंगा इलाज लेने के पैसे नहीं हैं।
शिक्षिका रजनी ने बताया कि बीते साल उन्हें ब्रेस्ट कैंसर हुआ था, जिसका दो बार अहमदाबाद में ऑपरेशन कराया। कीमोथेरेपी से बहुत कमजोर हो चुकी थी और सिर के पूरे बाल झड़ चुके थे। मेरी हिम्मत और कीमोथैरेपी लेने की नहीं बची थी, ऐसे में सोशल मीडिया पर कैंसर की आयुर्वेद दवा के बारे में पता चला। लेकिन परिवार वाले आयुर्वेद दवा के विरोध में थे, मैंने नवग्रह आश्रम से दवा लेकर कैंसर को मात दी है। वापस अहमदाबाद में जांच कराई तो डॉक्टर इस बात पर यकीन नहीं कर रहे थे कि मैं आयुर्वेद दवा से ही ठीक हुई हूं।
रजनी कल्याणी की इसी साल जुलाई में देलवाड़ा के सरकारी स्कूल में बतौर लेक्चरर की नौकरी लगी। इससे पहले वे उदयपुर शहर के कालारोही मिडिल स्कूल में ग्रेड थर्ड शिक्षिका थीं। रजनी फिलहाल उदयपुर से देलवाड़ा स्कूल रोज अपडाउन करती हैं और रविवार को अवकाश के दिन कालारोही स्कूल में एक्स्ट्रा क्लास लेती हैं। इससे आस पास के जरूरतमंद बच्चों में पढ़ाई के प्रति उत्साह भी देखने को मिल रहा है।

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