सड़क सुरक्षा और कानून पर शोध पूर्ण कर वीरेन्द्र सिंह राठौड़ को मिली विद्या वाचस्पति की उपाधि

Virendra Rathore
उदयपुर। विधि महाविद्यालय मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर के शोधार्थी छात्र वीरेन्द्र सिंह राठौड़ को विश्वविद्यालय की ओर से पी.एच.डी. की उपाधि प्रदान की गई। श्री राठौड़ का शोध विषय ‘‘सड़क सुरक्षा विधियाँ’’ ‘6‘ ई. संकल्पना द्वारा सड़क सुरक्षा संवर्धन का एक विश्लेषणात्मक अध्ययन था। श्री राठौड़ ने यह शोध कार्य लगभग 4 वर्षाें में प्रो. आनन्द पालीवाल, डीन, विधि महाविद्यालय मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के सानिध्य में पूर्ण किया। प्रो. पालीवाल ने बताया कि सड़क सुरक्षा देश के सामने एक गम्भीर चुनौती हैं। सभी हितधारकों के प्रयासों के बावजूद देश में सड़क दुर्घटनाऐं एवं उनसे होने वाली मौतें लगातार बढ़ रही हैं। सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित कानूनों एवं उनके प्रर्वतन से जुड़ी सभी बातों को ध्यान में रखते हुए श्री राठौड़ ने 6ई. संकल्पना में वाहनों की इन्जीनियरिंग, सड़कों की इन्जीनियरिंग, शिक्षा एवं जागृति, कानून का निर्माण एवं प्रर्वतन, इमरजेंसी केयर, पर्यावरण एवं जन प्रतिनिधियों की सड़क सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता आदि को गहन शोध कर समस्याआंे एवं समाधान को इस रिसर्च के माध्यम से प्रस्तुत किया हैं। मुझे विश्वास है कि यह रिसर्च देश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकनें, सुरक्षित सड़क उपयोगकर्ताओं के व्यवहार में परिवर्तन, समुचित यातायात प्रबन्धन / नियंत्रण / प्रवर्तन, वास्तविक कारणों को ज्ञात करने एवं सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन सेवा आदि में व्यापक सुधार हेतु कानून एवं नियमों आदि में संशोधन, नवीन योजनाओं को बनाने में मील का पत्थर साबित होगी। यह शोध सड़क सुरक्षा कानून एंव 6ई. संकल्पना विषय पर देश का पहला शोध हैं। श्री राठौड़ परिवहन विभाग में मोटर वाहन निरीक्षक एवं जिला परिवहन अधिकारी सड़क सुरक्षा के पद पर रहे चुके हैं। वर्तमान में भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में तकनीकी सलाहकार (सड़क सुरक्षा एवं प्रवर्तन) के पद पर पिछले 2 वर्ष से सेवायें दे रहे हैं तथा अपने द्वारा शुरू किये गये देश के यूनिक मिशन ‘‘राजस्थान सड़क सुरक्षा शिक्षा एवं जागृति मिशन के परियोजना प्रमुख के पद पर स्वैच्छिक सेवाऐं दे रहे हैं।
पुलिस अन्वेषण में तकनीक का अत्यधिक उपयोग किया जाकर दुर्घटनाओं के वास्तविक परिणाम को खोजना चाहिए जिससे उन उभरती आवश्यकता के आधार पर नयी नीतियां और कानूनों का निर्माण एवं प्रभावी क्रियान्वयन किया जा सके। सड़क सुरक्षा की आधुनिक नीतियां जो कि विकसित देशों में वर्तमान में लागू है का क्रिर्यान्वयन भारत में भी किया जाना चाहिए। वीरेन्द्र सिंह वर्तमान में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में तकनीकि सलाहकार के रूप में कार्य कर रहे हैं और अमेरिका, बैल्जीयम, स्वीट्जरलैण्ड, हाॅलैण्ड, जर्मनी, इटली, फ्रांस, चीन, बैंकाॅक देशों तथा भारत के प्रत्येक राज्य में सड़क सुरक्षा के लिए कार्य कर चुके हैं। राठौड़ प्राथमिक शिक्षा से उच्च शिक्षा तक में सड़क सुरक्षा पाठ्यक्रम का सुझाव भारत सरकार को दे चुके हैं। वर्तमान में उच्चतम न्यायालय के निर्देश से बनी सड़क-सुरक्षा समिति के सदस्य रहते हुए कई कार्य कर रहे हैं।

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