जाम्भाणी साहित्य अकादमी के स्थापना दिवस पर संगोष्ठी आयोजित

बीकानेर ;12-11-2018द्ध: जाम्भाणी साहित्य अकादमी के छठे स्थापना दिवस पर व्यास काॅलोनी स्थित अकादमी के मुख्यालय पर ‘जाम्भाणी आदि कवि तेजोजी’ एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। राजस्थानी के मूर्धन्य साहित्यकार डाॅ. भंवरसिंह सामौर, सदस्य, केन्द्रीय साहित्य अकादमी, नई दिल्ली इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। संगोष्ठी की अध्यक्षता अकादमी के अध्यक्ष स्वामी ड्डष्णानन्द जी आचार्य ने की। डाॅ. ड्डष्णलाल बिश्नोई ने बीज वक्ता के रूप में बोलते हुए तेजोजी के व्यक्तित्व व ड्डतित्व पर प्रकाश डाला। इस संगोष्ठी में डाॅ. हरीराम बिश्नोई, मांगीलाल अज्ञात, उदयराज खिलेरी, डाॅ. बंशीलाल, श्री आर.के. बिश्नोई ने तेजोजी के काव्य के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला। डाॅ. भंवर सिंह सामौर ने अपने वक्तव्य में जाम्भाणी साहित्य की सुदीर्घ परम्परा में तेजोजी के योगदान को अमूल्य बताते हुए कहा कि वे सि(हस्त कवि थे, उन्होंने पूरी निर्भिकता के साथ अपनी सत्य वाणी कही। स्वामी ड्डष्णानन्द जी आचार्य ने कहा कि तेजोजी गुरु जम्भेश्वरजी के परम भगत और उनकी शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार करने वाले थे। वे बिश्नोई समाज के मान्यता प्राप्त आचार्य थे। मोहनलाल जी लोहमरोड़ ने सभी वक्ताओं-श्रोताओं के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन डाॅ. बनवारीलाल जी साहू ने किया। इस अवसर पर अकादमी के वरिष्ठ सदस्य श्री राजाराम जी धारणियां, महासचिव डाॅ. सुरेन्द्र कुमार बिश्नोई, महंत रामाड्डष्ण जी, श्री ओमप्रकाश गोदारा आदि उपस्थित थे। संगोष्ठी के पश्चात् अकादमी की आम सभा की बैठक हुई जिसमें अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर विचार किया गया। इससे पूर्व रात्रि में गुरु जम्भेश्वर भगवान का विशाल जागरण आयोजित किया गया। जिसमें महंत रामाड्डष्ण जी, स्वामी रामदयाल जी, मास्टर सहीराम जी, श्री रामस्वरूप खीचड़ व श्री हनुमान धायल ने साखी, शब्दों व आरतियों द्वारा गुरु जम्भेश्वर भगवान की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला।

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