बीकानेर के रवि पुरोहित को कोटा में गौरीशंकर कमलेश पुरस्कार अर्पित

बीकानेर ( ) सम्मान व पुरस्कार रचनाकार की सामाजिक व रचनात्मक जिम्मेदारी बढ़ा देते हैं । ये विचार साहित्यकार रवि पुरोहित ने ज्ञान भारती संस्थान कोटा में आयोजित अपने पुरस्कार समारोह में व्यक्त किए। पुरोहित ने कहा कि किसी शब्दशिल्पी के नाम से दिए जाने वाले पुरस्कार एक पूरे संस्कार व विचार के साथ स्वत्व धारण कररए हैं । ऐसे में सम्मानित व्यक्ति के सामाजिक सरोकारों का फलक व्यापकता धारण कर लेता है। संस्कार का हस्तांतरण एक पूरे युगबोध को साथ लेकर आता है और उस काल विशेष के मूल्य साहित्यकार की अभिव्यक्ति का माध्यम बन जाते हैं।
इस अवसर पर रामकुमार मेहता अध्यक्ष नगर विकास न्यास ने कहा कि सृजनशीलता समाज को युग बोध देती है। वर्तमान समय में सच्चा साहित्यकार तन,मन और धन से समाज के प्रति समर्पित भाव रखता है। गौरीशंकर कमलेश
स्मृति राजस्थानी भाषा साहित्य सम्मान एवं पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए मेहता ने कहा कि मेरे दरवाजे साहित्यकार बंधुओं के लिए हमेशा खुले हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रामस्वरुप जोशी ने कहा ऐसे आयोजन समाज को प्रेरणा देते। मुझे गौरव हुआ कि मैं ऐसी संस्था के सम्मान समारोह में शामिल हुआ हूं जो समाज के हर वर्ग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित करती
है।इस कार्यक्रम में राजस्थानी भाषा का कमलेश स्मृति सम्मान एवं पुरस्कार काव्य कृति”उतरुं उंडे कालजै” के लिए बीकानेर के रवि पुरोहित को दिया गया। पुरोहित को ११०००/रु नकद, शाल, श्रीफल और सम्मान पत्र से समादृत किया गया ।
समारोह में बूंदी के मदन मदिर को उनकी पत्रकारिता सेवा एवं काव्य सेवा के लिए तथा कोटा की डॉ वीणा अग्रवाल को हिंदी साहित्य सेवा के लिए सम्मानित किया गया।

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