राजस्थान रिफाइनरी की घोषणा किसी भी वक्त

प्रदेश के बाड़मेर जिले में पेट्रोलियम रिफाइनरी की घोषणा किसी भी वक्त हो सकती है। इसके लिए डिटेक्ट फाइर्नेशियल रिपोर्ट [डीएफआर] तैयार हो गई है। एचपीसीएल द्वारा लगाई जा रही यह देश की 26वीं रिफाइनरी होगी।

एचपीसीएल के अधिकारी लंबे समय से राज्य के बाड़मेर,जैसलमेर का दौरा कर रहे थे, आखिरकार में लीलाला में सॉयल टेस्टिंग की। रिफाइनरी लगने के साथ ही प्रदेश में औद्योगिक परिदृश्य बदल जाएगा। रॉ मेटेरियल से उत्पाद बनाने के लिए 400 से अधिक औद्योगिक इकाइयां लगने की संभावना है। यह संख्या और भी अधिक हो सकती है, बशर्ते उद्यमियों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मिले। इन इकाइयों के लगने से प्रदेश में सवा लाख से अधिक लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा और अप्रत्यक्ष रोजगार पाने वाले की संख्या इससे कई गुना अधिक हो सकती है। इसके अलावा यहां रिफाइनरी में काम आने वाली मशीनों, उपकरणों और औजारों के कारखाने भी यहां लग सकेंगे। इनकी संख्या पचास से अधिक आंकी जा रही है।

प्रदेश में मिले पेट्रोलियम उत्पाद में उच्च गुणवता वाले वैक्स की मात्रा अधिक है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि वैक्स आधारित उद्योग ज्यादा लगेंगे। इससे बाड़मेर बालोतरा, पचपदरा, जोधपुर, धोरीमन्ना और सांचौर में इंडस्ट्रियल विकास की उम्मीद है। राजस्थान में रिफाइनरी लगने से करोड़ों रुपये का राजस्व सरकार को मिलेगा। रिफाइनरी करने के बाद मुख्य रूप से 11 तरह के उत्पाद निकालेंगे। इनमें लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस [एलपीजी], गैसोलीन [पेट्रोल], नैफ्था, केरोसीन और जेट एयरक्राफ्ट फ्यूल्स, डीजल [फ्यूल], फ्यूल ऑयल्स, पैराफिन वैक्स, अस्फास्ट और डामर, पेट्रोलियम कोक और सल्फर शामिल है। इसके अलावा पेट्रोलियम रिफाइनरी में अन्य कई अंतरित उत्पादों हाइड्रोजन, लाइट हाइड्रोकार्बन्स, रीफोर्मेट और पाइरोसिस गैसोलीन का उत्पादन भी करती है। इन उत्पादों का आमतौर पर परिवहन नहीं हो सकता। इनका मौके पर ही ब्लेंडेड या प्रोसेस किया जा सकता है।

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