पशुधन को बचाने के लिए सरकारी प्रयास अपर्याप्त

भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य लक्ष्मण वडेरा ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व प्रभारी मंत्री बीडी कल्ला वह राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को पत्र लिखकर कहा कि बाड़मेर जिला भयंकर अकाल की चपेट में है पिछले 3 वर्षों से लगातार भयंकर अकाल पड़ रहा है इसलिए चारे और पानी की भारी किल्लत है अभी तक प्रशासनिक स्तर पर चारे और पानी की जो व्यवस्था की गई है वह ऊंट के मुंह में जीरों के बराबर है इसलिए पूरे जिले में पशुधन के मरने की लगातार खबरें आ रही है लोगों ने अकाल की वजह से पशुधन को खुला छोड़ दिया है और पशुधन भूख से तड़प तड़प कर जंगलों में खेतों में सड़कों के आसपास मृत अवस्था में पड़ा हुआ है तड़प तड़प के गायें व बैल मर रहे है इस सरकार की व्यवस्था से पशुओं को राहत नहीं मिली पशुपालक मरे हुए पशुओं के पास में बैठकर आंसू बहा कर रो रहे हैं सरकार का कोई भी मंत्री प्रतिनिधि पशु पालकों व पशुओं की पीड़ा को नहीं समझ रहा है सरकार ने पंचायतों ग्राम सेवा सहकारी समितियों को पशु शिविर संचालन का जिम्मा दिया है लेकिन सभी जगह यह लागू नहीं हुई है कहीं पर सरपंच पक्ष और विपक्ष के नाते जानबूझकर लोगों को मजबूर करने के लिए पशु शिविर नहीं खोल रहे हैं ऐसे में सरकार का दायित्व है कि कुछ पशु शिविरों को स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से खोल करके पशुधन को बचाना बहुत जरूरी है गांव में पानी की बहुत ज्यादा हालत खराब है और पानी के लिए जिम्मेदार जो अधिकारी हैं वह पशुओं के लिए पानी की भी व्यवस्था नहीं कर पा रहा है वह होदिया सूखी हुई पड़ी है जीएलआर सूखे पड़े हैं और पाइप में पानी आता नहीं है और और पशुओं के लिए जंगल में चारा नहीं और सरकार चारे की व्यवस्था करने में पूरी तरह विफल रही है सरकार से मांग करते हैं कि पशुधन को बचाने के लिए चारे और पानी की तत्काल व्यवस्था करें अन्यथा बाड़मेर में सरकार के विरुद्ध पशुधन को बचाने के लिए आंदोलन किया जाएगा

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