सिंधी पकवानों के बारे में जानकर खुश हुए बच्चे

(मुक्ताप्रसाद नगर में निःशुल्क बाल सिंधी संस्कार शिविर आरंभ)

बीकानेर। भुगल बीह , खटो भत , संधियल बसर , बधी दाल , ताहिरी मिठी ,
सीरो भुगल , कोहिर , ढोढो चट्नी ,थाधल आदि अनेक सिंधी पकवानों के नाम सुनकर ही कई बच्चे आश्चर्य जताने लगे। ऐसा तब हुआ जब
भारतीय सिंधु सभा के तत्वावधान में समाज की संस्थाओं के प्रतिनिधियों की साक्षी में मुक्ता प्रसाद नगर सेक्टर 2 /209 मेन रोड में इस सत्र के तीसरे निशुल्क 7 दिवसीय सिंधी बाल संस्कार शिविर के शुभारंभ अवसर पर विशेष आमंत्रित सिंधी पाक कला विशेषज्ञ टीकम पारवानी ने बच्चों को विभिन्न त्योहारों पर बनाए जाने वाले अलग-अलग सिंधी पकवानों के बारे में जानकारी दी । सभा के मोहन थानवी ने बताया कि प्रवीण चौधरी के मुख्य आतिथ्य एवं शिविर प्रभारी किशोर मोत्यानी के मार्गदर्शन में शिविर आरंभ हुए शिविर में पहले ही दिन गत वर्षों के मुकाबले लगभग दोगुना बच्चों की उपस्थिति से युवा पीढ़ी का लगाव सिंधु संस्कृति एवं सिंधी भाषा साहित्य के प्रति प्रदर्शित हुआ जो सिंधु सभा सहित इस कार्य में जुटे समाजसेवी लोगों को उत्साहित कर गया। इस अवसर पर हरीश रुपाणी ने बच्चों को बचत करने की महत्ता बताई और बीमा संबंधी जानकारी भी दी। किशन सदारंगानी ने योग आसन करवाए। सिंधी साहित्य समिति अध्यक्ष मानसिंह मामनानी ने बच्चों को सिंधी परंपराओं का निर्वहन करने तथा शहर की कला संस्थानों से प्रशिक्षण लेकर सिंधी लोक कलाओं में भी पारंगत होने का आह्वान किया । शिविर शिक्षिका किरण मोटवानी, शिक्षक अनिल डेम्बला ने सिंधी_ढाबा के मशहूर सिंधी व्यंजनों में स्वादिष्ट कढ़ी चावल, सेल फुलके, मेसू, टिक्की के नाम लिखवाने का अभ्यास करवाते हुए सिंधी संयुक्ताक्षर लिखने सिखाए। श्रीमती पायल ग्वालानी ने झूलेलाल जी की अरदास करवाई। अंत में देश में अमन चैन समृद्धि की कामना की गई।

– मोहन थानवी भारतीय सिंधु सभा महानगर बीकानेर 9460001255

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