आपत्तियाँ प्रस्तुत करने की समयावधि कम से कम दो माह बढ़ाई जाए

पैपा सेमिनार : प्रस्तावित नई शिक्षा नीति 2019 के संदर्भ में सुझाव व आपत्तियाँ प्रस्तुत करने की समयावधि कम से कम दो माह बढ़ाई जाए

बीकानेर। प्राईवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रोसपैरिटी एलायंस ( पैपा ) द्वारा महाराजा नरेंद्र सिंह अॉडिटोरियम में एक विशेष सेमिनार “सेव अवर सॉल” (एस ओ एस) का आयोजन किया गया। संयोजक रमेश बालेचा ने बताया कि इस सेमिनार में प्रस्तावित नई शिक्षा नीति में रही विसंगतियों एवं खामियों को दूर करने के लिए सरकार को जागरूक करने हेतु व्यापक चिंतन मनन किया गया। प्राईवेट स्कूलों के राष्ट्रीय संगठन “निसा” ( नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स एलायंस, नई दिल्ली) के राजस्थान – प्रभारी शिक्षाविद् डॉ दिलीप मोदी (झुंझूनू) ने एस ओ एस सेमिनार को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते कहा कि मान्यता प्राप्त स्कूलों के समानांतर चल रही कोचिंग क्लासेज को नियंत्रित करने हेतु रेग्युलेशन द्वारा स्टूडेंट्स की सुरक्षा, गुणवत्ता, जवाबदेही इत्यादि निर्धारित की जाए।

पैपा के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने प्रस्तावित नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट की विसंगतियों एवं कमियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रस्तावित शिक्षा नीति लागू हो जाने पर सभी गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं को व्यापक रूप से प्रभावित करेगी। खैरीवाल ने इस अवसर पर बताया कि शीघ्र ही “स्वच्छ शिक्षा अभियान” की शुरुआत कर अवैधानिक रूप से संचालित शिक्षण संस्थानों के विरुद्ध उचित कार्रवाई के लिए सरकार से अनुरोध किया जाएगा। सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए विपिन पोपली ने सुझाव दिया कि आरटीई के अंतर्गत सरकार पैसा सीधे ही स्टूडेंट्स या अभिभावक के अकाउंट में डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) के माध्यम से किया जाए जिससे स्टूडेंट्स भी अपनी इच्छा के अनुसार गुणवत्ता पूर्ण स्कूल का चयन करने के लिए स्वतंत्र रहेगा और स्कूलों की जांच के नाम पर होने वाली फिजूलखर्ची, भ्रष्टाचार व पुनर्भुगतान में हो रहे अनावश्यक विलंब पर अंकुश भी लग सकेगा। मनोज राजपुरोहित ने कहा कि नई शिक्षा नीति में नए स्कूल खोलने बाबत लाइसेंस व्यवस्था बिलकुल अनुचित है। कैरियर कांउसलर डॉ चंद्रशेखर श्रीमाली ने कहा कि हमें कारण के बजाय निवारण के लिए सक्रिय रहना चाहिए। नोखा निजी विद्यालय संघ के महासचिव इंद्र सिंह, महेश गुप्ता, बालकिशन सोलंकी, प्रभुदयाल गहलोत, चंपालाल प्रजापत, विनोद रामावत, मुकेश पांडेय, योगेश सांखला इत्यादि ने भी विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर करुणा इंटरनेशनल संस्था के शिक्षा अधिकारी घनश्याम साध ने करुणा इंटरनेशनल संस्था के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। जैन पाठशाला सभा के अध्यक्ष विजय कोचर ने आभार प्रकट किया। रमेश बालेचा ने स्वागत भाषण दिया। सुंदर लाल साध ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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