देश भर में सिन्धी सर्टीफिकेट कोर्स से विद्यार्थियों को जोडा जायेगा- लखवाणी

तीन दिवसीय सिन्धी शिक्षा मित्र प्रशिक्षण शिविर का समापन
14 जुलाई – विद्यार्थियों को सिन्धी भाषा से जोडने के लिये सर्टीफिकेट कोर्स से जोडने का प्रयास किया जा रहा है और सर्टीफिकेट की मान्यता के लिये केन्द्र सरकार से प्रयास किये जा रहे है और संत कवंरराम की भगत विधा के लिये सेमीनार आयोजित की जायेगी। विद्यार्थियों को मार्डन टेक्नोलोजी से जोडने के लिये कम्प्यूटर से सिन्धी भाषा का ज्ञान कराया जायेगा। ऐसे विचार भ्रारतीय सिन्धु सभा की ओर से राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद के सहयोग से तीन दिवसीय सिन्धी भाषा प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घनश्यामदास कुकरेजा ने प्रकट किये। सभा के मार्गदर्शक मा. कैलाशचन्द ने कहा कि विद्यार्थियों को संस्कार, सदसंगति, सद्विचार व सद्वातावरण से जीवन में श्रेष्ठ नागरिक के रूप में तैयार कर सार्मथ्य कर सकते है। शिक्षण प्रारम्भ करने से पूर्व प्रेरणादायी प्रसंग से ही करना चाहिये और हमें स्वाध्याय करना चाहिये। परिषद के सदस्य व सभा के प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी ने कहा कि प्राईवेट स्कूलों में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिये प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाये। राज्य में 100 बाल संस्कार केन्द्रों का शुभारंभ किया जायेगा। राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि मदस विश्वविद्यालय में सिन्धु शोध पीठ से शिक्षण कार्य के साथ सिन्धी विश्वविद्यालय खुलवाने का प्रयास किया जाये। परिषद की ओर से राजस्थान में शीघ्र ही महिला सम्मेलन का आयोजन किया जाये जिससे सभी को भाषा व संस्कृति को बढाने में सहयोगी बनाया जाये। समाजसेवी नरेन्द्र लखी ने कहा कि सिन्धी विश्वविद्यालय खुलवाने में परिवार की ओर से सहयोग दिया जायेगा। जिला शिक्षा अधिकारी महेश वाधवाणी ने कहा कि ऐसे संस्कार केन्द्रो को बढाने के लिये शिक्षा विभाग से सहयोग करवाया जायेगा। सरंक्षक लेखराज माधू ने भी आर्शीवचन प्रदान किये। स्वागत भाषण दीपेश सामनाणी व आभार नवलकिशोर गुरनाणी ने दिया।
कार्यक्रम का प्रारम्भ ईष्टदेव झूलेलाल भगवान, मां सरस्वती, सिन्ध के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया गया। सिन्धी गीत घनश्याम भगत ने किया। मंच का संचालन संयोजक उाॅ. प्रदीप गेहाणी ने किया। समापन सामूहिक राष्ट्रगान से किया गया।
शिविर के तीसरे दिन विभिन्न सत्रों में सिन्धी शिक्षा मित्र-हिक रोशनु राह प्रशिक्षक डाॅ.प्रदीप गेहाणी जोधपुर, सिन्धी व्याकरण हिक अनमोल खजाणे – प्रशिक्षक गंगाराम इसराणी, तृतीय सत्र में विषय सिन्धी लिपीअ जी खासियतु ऐं शुद्ध प्रयोग प्रशिक्षक डाॅ. हासो दादलाणी, चतुर्थ सत्र सिन्धी भाषा सेखारण में साहित्य जी विधाउॅंन जो उपयोग प्रशिक्षक नानकराम भागवाणी, पांचवें सत्र ब्ारनि खे भाषा सेखारणि जां सवहुलिया ऐं कारायती तरीका प्रशिक्षक रमा आसनाणी ने स्क्रिन पर विभिन्न विधाओं का ज्ञान करवाया। परिष्द की ओर से सिन्धी पुस्तकों की स्टाॅल भी लगाई गई है। शिविर में उपस्थित अध्यापकों को प्रमाण पत्र दिया गया।
अलग अलग सत्रों में मंच का संचालन श्री नवलकिशोर गुरनाणी, महेश टेकचंदाणी, राधाकिशन शिवानाणी, गिरधारी ज्ञानाणी ने किया।

(दिलीप पारवाणी)
प्रदेश प्रचार मंत्री,
मो.9829994888

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