अब केंसर रोगियों को केंसर किट के साथ आयुर्वेद कीमो भी निःशुल्क मिलेगा

मोतीबोर का खेड़ा(भीलवाड़ा) / मंगलौर की महामंडलेश्वर स्वामी मैत्रेयी गिरिजी महाराज, कोटा की महामंडलेश्वर स्वामी डा. हेमानंद सरस्वतीजी एवं जबलपुर की मंहत साध्वी विभानंद गिरिजी महाराज ने आज भीलवाड़ा जिले के केंसर मुक्त भारत निर्माण की परिकल्पना को साकार करने में लगे श्रीनवग्रह आश्रम मोतीबोर का खेड़ा का निरीक्षण कर देश व दुनियां में इसे अद्भुत मिसाल बताया। उन्होंने अपने स्वयं की केंसर रोग की विस्तार से जानकारी प्राप्त कर उपचार के लिए औषधियां भी प्राप्त की। इस दौरान महामंडलेश्वर ने आश्रम में नव स्थापित नवग्रह आयुष विज्ञान मंदिर को भी देखा तथा इसे अध्यात्म चिकित्सा के लिए उत्कृष्ट बताया।
इस दौरान आश्रम संस्थापक हंसराज चोधरी ने नवग्रह आयुष विज्ञान मंदिर की स्थापना के उपलक्ष्य में आज से केंसर रोगियों को दिया जाने वाला आयुर्वेद कीमो ट्रीटमेंट भी अब सभी को निशुल्क उपलब्ध कराने की घोषणा की। इससे आश्रम पर प्रतिमाह पांच लाख रू का अतिरिक्त भार पड़ेगा पर केंसर रोग मुक्त भारत निर्माण के अभियान में इसे महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अब रोगियों को केंसर किट के साथ आयुर्वेद कीमों भी निःशुल्क दिया जायेगा।
साध्वी विभानंद गिरिजी महाराज ने केंसर रोगियों की काउंसलिंग सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हंसराज चोधरी की मानवता के प्रति की जा रही यह सेवा ही धरती पर स्वर्ग है। वन औषधियों के माध्यम से रोगियों की सेवा करना ही परमोधर्म है। रोगी के कल्याण के लिए किया गया यह कार्य स्वर्ण अक्षरों में ही लिखा जायेगा।
मंगलौर की महामंडलेश्वर स्वामी मैत्रेयी गिरिजी महाराज ने यहां नवग्रह आश्रम परिसर का निरीक्षण करते हुए यहां नवग्रह हर्बल वाटिका को भी बारीकी से देखा। आश्रम संचालक हंसराज चोधरी व कैंसर सैनिक सुरेंद्र सिंह ने उनको नवग्रह आश्रम सेवा संस्थान द्वारा यहां पहुंचने वाले केंसर रोगियों को दी जा रही निःशुल्क औषधियों के बारे में बताया तो मंगलौर की महामंडलेश्वर स्वामी मैत्रेयी गिरिजी महाराज ने बहुत ही आश्र्चय जताया। मंगलौर की महामंडलेश्वर स्वामी मैत्रेयी गिरिजी महाराज ने कहा कि जो संसार को जीतता है वो ही अपने को जीतता है। आश्रम में यही सब कुछ हो रहा है जो सनातन संस्कृति के पोषक के रूप् में स्पष्ट दिख रहा है।
यहां की हर्बल वाटिका को प्रेरणा का स्त्रोत बताते हुए मंगलौर की महामंडलेश्वर स्वामी मैत्रेयी गिरिजी महाराज ने कहा कि सामान्य चिकित्सक केवल चित्रों को दिखा कर ही हर्बल ज्ञान कराते है परंतु यहां पर प्रत्यक्ष रूप से 412 प्रजातियों के पौधों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो आश्रम परिसर में समूचा हिमालय समाया हुआ है।
मंगलौर की महामंडलेश्वर स्वामी मैत्रेयी गिरिजी महाराज, कोटा की महामंडलेश्वर स्वामी डा. हेमानंद सरस्वतीजी
एवं जबलपुर की मंहत साध्वी विभानंद गिरिजी महाराज ने ने आश्रम में आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डा.शिवशंकर राड़, डा. लोकपाल आर्य, डा. प्रदीप चोधरी के अलावा आश्रम के निदेशक मनफूल चोधरी से भी आयुर्वेद के संदर्भ में लंबी मंत्रणा कर रोगियों की सेवा करने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर महिपाल चोधरी, प्रवेश आचार्य, अजय चोधरी, सुरेंद्र सिंह, चरणसिंह मौजूद रहे।

मूलचन्द पेसवानी
प्रभारी, मीडिया विंग
श्री नवग्रह आश्रम, मोतीबोर का खेड़ा

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