आयुर्वेद चिकित्सकों का सम्मेलन संपन्न, प्रदेश कार्यकारिणी का शपथग्रहण

नवग्रह आश्रम के केंसर उपचार को राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान को माना प्रमाणिक
आयुर्वेद के प्रति विश्वसनीयता बढ़ी, पर अनुसंधान से इसे पुर्नस्थापित किया जा सकता है

मोतीबोर का खेड़ा, (भीलवाड़ा)- 13 अगस्त
आयुर्वेद चिकित्सक वेलफेयर एसोसियेशन राजस्थान एवं श्री नवग्रह आश्रम सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को देर सांय मोतीबोर का खेड़ा, रायला स्थित श्री नवग्रह आश्रम परिसर में एसोसियेशन का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन, प्रदेश स्तरीय कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह, केंसर चिकित्सा पर प्रदेश स्तरीय संगोष्ठि का आयोजन किया गया। आसींद विधायक जब्बरसिंह सांखला ने कार्यकारिणी को शपथ दिलायी।
आयर्वुेद विभाग के संभागीय अतिरिक्त निदेशक डा. द्वारका प्रसाद व राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के काय चिकित्सा विभागाध्यक्ष डा. ओमप्रकाश दाधीच, आसींद विधायक जब्बर सिंह सांखला, आयुर्वेद चिकित्सक वेलफेयर एसोसियेशन राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष डा. जितेंद्र सिंह कोठारी, श्री नवग्रह आश्रम के संस्थापक हंसराज चोधरी, भगवान महावीर कोटा खुला विश्वाविद्यालय के योगा व पंचकर्मा प्रभाग के विभागाध्यक्ष डा. नित्यानंद शर्मा की मौजूदगी में कार्यक्रम का उद्घाटन भगवान धनवंतरी की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। सम्मेलन में प्रदेश भर के 110 आयुर्वेद चिकित्सकों के अलावा एसोसियेशन के पदाधिकारी व आयुर्वेद विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
एक दिनी सम्मेलन में आयुर्वेद चिकित्सक वेलफेयर एसोसियेशन के संरक्षक डा. तोलाराम निमावत, सभापति डा. रामसहाय शर्मा, महासंघ के प्रतिनिधि डा. सौरभ हाड़ा, सामाजिक कार्यकर्ता भंवर मेघवंशी, आयुर्वेद विभाग के सहायक निदेशक गण, भीलवाड़ा के उपनिदेशक सहित जिला अधिकारी मौजूद रहे। दिन भर के सममेलन में आयुर्वेद के उत्थान के साथ साथ इसमें नवग्रह आश्रम के हो रहे अनुसंधान को पुर्नस्थापित करने के लिए काम कररने का संकल्प पारित किया गया।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में केंसर में आयुर्वेद की उपादेयता विषय पर विस्तार से विवचेन करते हुए राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के काय चिकित्सा विभागाध्यक्ष डा. ओमप्रकाश दाधीच ने किसी भी रोगोपचार के लिए जरूरी है कि उसके मूल को पकड़ा जाए। केंसर रोग का उपचार इसी पद्वति से आयुर्वेद्व पद्वति से हो पाता है। उन्होंने श्रीनवग्रह आश्रम के केंसर के लिए उपचार के लिए अपनायी जा रही पद्वति को सही ठहराते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति के सबसे पहले केंसर रक्त में उसके बाद मांस व अंत में अस्थि में पहुंचता है। आश्रम इसी सिद्वांत पर रोग का उपचार कर रहा है जिसके सार्थक परिणाम भी आ रहे है। डा. दाधीच ने कहा कि व्यक्ति को अपनी भोजन व्यवस्था व जीवन शैली में सुधार करने की महत्ती जरूरत है। खान पान व्यवस्था के सही न होने के कारण ही रोग बढ़ रहा है।
आयुर्वेद चिकित्सक वेलफेयर एसोसियेशन राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष डा. जितेंद्र सिंह कोठारी ने संगठन के कार्यो की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि उनके एसोसियेशन से प्रदेश के सभी वर्गो के चिकित्सक जुड़े है। उनका मकसद कर्मचारी हितों के लिए संघर्ष कर उनको राहत पहुंचाना तो है ही साथ ही आयुष विभाग के उत्थान, आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए समय समय पर सुझाव देकर राज्य सरकार से उनकी क्रियान्विति कराना भी है। उन्होंने कहा कि आज नवग्रह आश्रम में संभागियों ने वनौषियों की वाटिका व यहां की प्रदर्शनी का अवलोकन किया है। यह कार्य पूरे प्रदेश में एक मिसाल है। इस प्रकार का संग्रहण आश्रम के अलावा कहीं नहीं है।
श्री नवग्रह आश्रम के संस्थापक हंसराज चोधरी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा देश व दुनियां में लोगों में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के प्रति विश्वसनीयता बढ़ रही है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को लेकर बने इस सकारात्मक वातावरण में हमें प्रमाणिकता के साथ आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को स्थापित करने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र में प्रमाणिकता के साथ अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा देना होगा। हंसराज चोधरी ने कहा कि हमें स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने से आगे सोचने होगा। हमें अच्छा स्वास्थ्य और शारीरिक एवं मानसिक तौर पर खुद को स्वस्थ रखने की जरूरत है। भारत में संतों और मुनियों की स्वास्थ्य सेवा के लिए देशी तरीके अपनाने की लंबी परंपरा चली आ रही है। उन्होंने कहा कि अगर स्वामी विवेकानंद के शब्दों में कहा जाए तो हमें पूर्व और पश्चिम दोनों के बेहतरीन स्वास्थ्य उपायों पर ध्यान देना होगा. उपचार की इस पुरानी पद्धति का फायदा ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को मिलता है, जो पारंपरिक दवाओं को कम दामों में खरीदने में सक्षम होते हैं।
विधायक जब्बरसिंह ने भारतीय संस्कृति में आयुर्वेद को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इसके व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। साथ ही आयुर्वेद को चिकित्सा की महत्वपूर्ण विधि बताया। इसके विकास से ही भारत का नवनिर्माण होगा। आयुर्वेद विभाग के शल्य चिकित्सा विशेषज्ञ डा. विनित जैन ने केंसर उपचार के बारे में विस्तार से अपना पत्र वाचन किया।
शुरूआत में एसोसियेशन के जिला अध्यक्ष डा. जलदीप पथिक, नवग्रह आश्रम के चिकित्सा अधिकारी डा. शिवशंकर, डा. प्रदीप चोधरी, डा. लोकपाल आर्य, डा. जितेंद्र व मूलचन्द पेसवानी ने आगुंतक अतिथियों का स्वागत किया। आश्रम के सचिव जितेंद्र चोधरी ने समापन पर सभी का आभार ज्ञापित करते हुए भारत के नव निर्माण के लिए आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए सामुहिक सहभागिता से काम करने का आव्हान किया। इस मौके पर एसोसियेशन की ओर से संगठन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों का सम्मान भी किया गया। एसोसियेशन की करौली जिला इकाई की ओर से नवग्रह आश्रम के संस्थापक हंसराज चोधरी को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया।

मूलचन्द पेसवानी
मीडिया प्रभारी
श्री नवग्रह आश्रम

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