खींवसर में पुकार रहा है परिवर्तन

खींवसर/नागौर। नागौर की धरती से लेकर राजस्थान और दिल्ली तक मिर्धा व मदेरणा के बलिदान को आज 36 कौम की जनता जानती और पहचानती है। जन्म से कांग्रेस से जुड़े रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व.रामनिवास मिर्धा व स्व.नाथूराम मिर्धा के आदर्शों व सिद्वांतों के बारे में आज हर किसान, गरीब, दलित व 36 कौम का व्यक्ति जानता है। ऐसे में हरेंद्र मिर्धा जैसे प्रत्याशी के खींवसर में आने से जनता यह समझ चुकी है कि अब खींवसर में परिवर्तन का समय आ गया है। खींवसर में अब डर व खौफ का माहौल खत्म होने वाला है। आज खींवसर के युवाओं को रोजगार व शिक्षा से जोड़ने की जरूरत है, किसान को उसका हकर दिलाने की जरूरत है। दलित व व्यापारी को सुरक्षा और सम्मान दिलाने की जरूरत है। ऐसे में खींवसर में 11 साल से जो खौफ व डर का साम्राज्य पनपा है, उसके खत्म होने का समय आ गया है।
इसी वजह से अब डर व खौफ का साम्राज्य बिखरता देख बौखलाहट की स्थिति यहां रालोपा के नेताओं व पदाधिकारियों में शुरू हो गई। खींवसर की जनता यह समझ चुकी है कि इस चुनाव में पूरे 21 दिन तक कई तरह के हथकंडे उन लोगों की तरफ से अपनाए जाएंगे जो अब तक 11 साल से खींवसर की जनता को डराते आए हैं। मगर यहां खींवसर में पहली बार एक विकास पुरूष और 36 कौम के साथी के रूप में पहचाने जाने वाले हरेंद्र मिर्धा के चुनावी मैदान में आने से अब युवा, बुजुर्ग, माताओं-बहनों में जो खुशी देखी जा रही है उसे रालोपा पचा नहीं पा रही है।

*भाजपा को आपने बांट दिया, अब कांग्रेस की एकजुटता से क्यों डरते हो*
लोकसभा चुनाव में रालोपा संयोजक हनुमान बेनीवाल ने भाजपा से गठबंधन किया। पूरी दुनिया जानती है बेनीवाल ने हमेशा भाजपा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व तमाम भाजपा नेताओं को पानी पी पी कर गालियां दी। मगर जब स्वार्थ पूरा करने का समय आया तो वही बेनीवाल भाजपा से किसानों का सौदा करने पहुंच गए। यही नहीं, भाजपा के साथ रहकर भी बेनीवाल भाजपा के नेताओं व पूर्व मुख्यमंत्री तक को आज भी खुले मंच से अनर्गल बोल रहे हैं। जो व्यक्ति अपनी गठबंधन करने वाली पार्टी का नहीं हुआ, जो व्यक्ति उस पर भरोसा करने वाली जनता का नहीं हुआ, उन्हें कोई हक नहीं है कि वे कांग्रेस व उनके नेताओं के बारे में कोई बयानबाजी करे। हनुमान बेनीवाल व उनके भाई नारायण बेनीवाल ने यह हक खो दिया है कि वे अब किसानों व गरीबों की बात कर सकें। रालोपा व बेनीवाल ब्रदर्स हमेशा से खींवसर की जनता की भावनाओं से खेलते आए हैं। खींवसर में आज रोजगार और विकास होना था, वह बेनीवाल की वजह से अटका पड़ा है।

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