आशापूर्णा बिल्डकॉन को 50 हजार हर्जाने के साथ देना होगा मकान का कब्जा

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच जोधपुर प्रथम ने सुनाया फैसला
जोधपुर।
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच जोधपुर प्रथम के समक्ष परिवादी ओमप्रकाश चौधरी ने आशापूर्णा बिल्डकॉन लिमिटेड के खिलाफ परिवाद पेश किया जिसमें आशापूर्णा बिल्डकॉन को मंच ने दोषी मानते हुए परिवादों के पक्ष में 50,000 हर्जाना के साथ मकान का कब्जा सुपुर्द करने का निर्णय मंच द्वारा दिया गया।
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच जोधपुर प्रथम के अध्यक्ष अतुल कुमार चटर्जी व सदस्य राजाराम सराफ को परिवादी ओमप्रकाश चौधरी के अधिवक्ता प्रेमसिंह पूनिया ने बताया कि परिवादी ने आशापूर्णा बिल्डकॉन लिमिटेड से आशापूर्णा नैनो ग्रांड प्रोजेक्ट में एक आवासीय भवन लेने का एग्रीमेंट 5.3.2015 को किया। इसके अनुसार परिवादी को प्लॉट संख्या 308 जो 111.11 वर्ग गज का जिसमें निर्माण क्षेत्र 735 वर्ग फुट की कीमत 14,14577/- रूपए रखी गयी थी जिसकी बुकिंग 18.3.15 को की गई और परिवादी द्वारा कुल 12,71000/- रूपए अदा कर दिए गए और शेष 1,43,577 रूपए मकान का कब्जा सौंपने व अप्रार्थी द्वारा परिवाद के पक्ष में दस्तावेज निस्पादित करने पर इकरार नामा की शर्तों के अनुसार देने को तैयार है। लेकिन अप्रार्थी द्वारा बुक करवाए गए आवासीय भवन का निर्माण एग्रीमेंट की शर्तों अनुसार नहीं कर घटिया निर्माण किया गया। इस संबंध में परिवादी ने अप्रार्थी को लिखित में सूचित भी किया गया। इस संबंध में परिवादी ने अप्रार्थी को लिखित में सूचित भी किया गया तो अप्रार्थी ने 13.10.15 को एक परिवादी को एक नोटिस भेजकर परिवादी द्वारा बुक किया गया बंगला नंबर 308 को निरस्त किया गया जिसका जवाब परिवादी द्वारा अपने अधिवक्ता के जरिए अप्रार्थी को भेजा गया। अप्रार्थी आशापूर्णा बिल्डकॉन लिमिटेड द्वारा उक्त कृत्य स्पष्ट रूप से सेवा में त्रुटि दर्शाता है। अप्रार्थी के अधिवक्ता केके व्यास ने अपने जवाब में मंच को बताया कि परिवादी का परिवाद में चाहा गया अनुतोष सिविल प्रकृति का होने के काण उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आने, परिवादी द्वारा की गई बुकिंग नियमानुसार निरस्त करकेे तथ्य पेश करते हुए परिवादी का परिवाद खारिज किए जाने योग्य है। मंच में पीठासीन अध्यक्ष अतुलकुमार चटर्जी व सदस्य राजाराम सराफ ने दोनों अधिवक्ता की बहस सुनी व समस्त दस्तावेजों का अवलोकन कर इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि अप्रार्थी आशापूर्णा बिल्डकॉन लिमिटेड द्वारा आवासीय भवन की 90 प्रतिशत राशि प्राप्त कर लेने के बावजूद जब परिवादी ओमप्रकाश ने निर्माण संबंधी कमियों से अप्रार्थी को अवगत कराया गया तो उसके संबंध में कोइ कार्रवाई नहीं करते हुए सतही तौर पर इकरारनामों के तहत परिवादी को नोटिस देकर आवंटन निरस्त करना बताया गया है जो कि केवल सेवा में कमी के साथ-साथ स्पष्टतः अनुचित व्यापार व्यवहार माने जाने योग्य है। और उस आबंटित भवन को अन्य व्यक्ति के पक्ष में की गई बुकिंग ने अप्रार्थी द्वारा पेश तथ्य इकरारनामें से ही संदेहास्पद जाहिर होता है। अतः परिवादी का परिवाद स्वीकार किया जाकर अप्रार्थी के विरूद्ध आदेश दिया जाता है कि अप्रार्थी आशापूर्णा बिल्डकॉन लिमिटेड परिवदी ओमप्रकाश चौधरी को विवादित मकान संख्या 308 का कब्जा एक माह के भीतर सुपुर्द करें और परिवारी कब्जा प्राप्त करते समय स्वयं या बैंक के माध्यम से अप्रार्थी की बकाया राशि अदा करें। इसके अलावा परिवादी को हुई मानसिक वेदना व परिवाद व्यय के पेटे सम्मिलित रूप में अप्रार्थी 50,000/- रूपए अदा करें।

error: Content is protected !!