गाय हमारी ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व की माता है

राजस्थान पब्लिक स्कूल के सामने, सेक्टर-7 तिकोना पार्क, मुक्ता प्रसाद, बीकानेर में कामधेनू गोशाला के तत्वाधान में प्रारम्भ हुई सात दिवसीय कथा आयोजन में श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री सुमेधा भारती जी द्वारा कथा का वाचन किया। आज के कार्यक्रम में साध्वी जी ने शबरी प्रसंग सुनाया। कि शबरी अपने गुरु के वचनों के पथ पर चल प्रभु श्री राम के दर्शन कर अपना जीवन सफल किया। एवं गौमाता के लिए कहा कि-
!! गावो विश्वस्य मातरः !!
अर्थात् गाय हमारी ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व की माता है। जिसका संरक्षण एवं संवर्धन मात्र से हमारे भारत की संस्कृति से गौ को बचाया जा सकता है। साध्वी जी ने भारतीय नस्ल की गौ के दूग्ध की महता के बारे में बताया कि किस तरह गौमाता के दूध से हमारे शारीरिक एवं मानसिक रूप से दृढ़ करता है। अनेकों बीमारीयों का इलाज मात्र गौ दुग्ध के सेवन से होता है। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा वर्तमान युग में लुप्त होते प्राचीन गो-गौरव को पुनः स्थापित करने हेतु गो संरक्षण एवं संवर्धन कार्यक्रम ’कामधेनु’ संचालित किया गया है जिसके अंतर्गत स्थापित ’ कामधेनु गोशाला’ का उद्येश्य भारतीय गोवंश नस्ल का संवर्धन, जनमानस को भारतीय गोवंश के महत्व व गुणों के प्रति जागृत करना व शुद्ध गोनिधि – पंचगव्यों को उपलब्ध करवाना है। गव्यों में दूध का विशेष स्थान है।
प्रभु श्री राम जी का जीवन चरित्र हमारे जीवन के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत है। प्रभु श्री राम की कथा एक परिवर्तन ही नहीं है, बल्कि एक क्रंाति भी है। और यह क्रांति, यह परिवर्तन कब घटित होता है? जब हमारे शरीररुपी आयोध्या में राम का प्राक्ट्य होता है। क्योंकि मानव जीवन का लक्ष्य परमत्मा को प्राप्त करना है। भारती जी ने बताया कि हमारे समस्त शास्त्रों का यही उद्घोष है। आत्म- दर्ष्ठान, प्रभु दर्शन, ब्रह्म साक्षात्कार हमारे जीवन का ध्येय है। जिस समय हमारे जीवन में संत समाज का आगमन होता है तो वो केवल परमात्मा की बातें नहीं करता बल्कि परमात्मा से मिला देता है। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एव संचालक सर्व श्री आशुतोष महाराज जी परमात्मा कि केवल बातें ही नहीं करते। बल्कि प्रत्येक मानव का घट में परमात्का का दर्शन भी करवाते है। उनका उद्घोष ब्रह्म ज्ञाान मानव देह में ईष्वर की प्रत्यक्ष अनुभूति करवाते है। और यह माानव का जन्म सिद्ध अधिकार है। ब्रह्मज्ञान द्वारा ही सम्पूर्ण विश्व में बंधुत्व एवं शांति की स्थाना हो सकती है। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान अध्यात्म क्रांति के साथ साथ समाजिक स्तर पर भी कार्यरत है। साध्वी जी नो बताया कि यदि आप इस धू धू जलते इस समाज को बचाना चाहते है। कि यदि आप चाहते हैं कि विश्व में पुनः शाति का बिगुल बजे तो आवश्यकता है- ब्रह्मज्ञान की।
बीकानेर शाखा के संयोजक स्वामी चन्द्रशेखरानन्द जी ने आज के अवसर पर नेमीचन्द गहलोत जी, नारायण जी भियाणी जी, एडवोकेट विनोद शर्मा, पार्षद चेतना चौधरी जी, आदी को सिरोपा भेंट कर सम्मान किया। एवं सभी मान्यगण उपस्थित होकर प्रभु के पावन चरनों में आरती कर श्री राम का आशीर्वाद ग्रहण किया।

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