तेलंगाना आर्ट पर डॉ. स्नेहलता प्रसाद का व्याख्यान

जयपुर 20 जनवरी। राजस्थान विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट डिपार्टमेंट में स्टूडेंट्स, फैकल्टीज एवं यहां उपस्थित लोगों को हैदराबाद से आईं डॉ. स्नेहलता प्रसाद ने आज तेलंगाना आर्ट पर व्याख्यान दिया। डॉ. स्नेहा ने बताया कि तेलंगाना आर्ट का इतिहास 4000 वर्षो पुराना है, जिसे हम वर्तमान में पांच भागों में देखते हैं। इनमें निर्मल पेंटिंग, डेक्कन पेंटिंग, विजयनगर पेंटिंग, चिरियाल पेंटिंग एवं मुगल पेंटिंग शामिल हैं।
डॉ. स्नेहा ने कहा कि आज वर्तमान में सिर्फ 8-9 परिवार ही इस कला की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं, जो कि पूर्ण रूप से प्राक्रतिक रंगों का इस्तेमाल करते हैं तथा ये सभी रंग वे स्वयं अपने हाथों से बनाए जाते हैं। सर्व प्रथम ग्राउंड के लिए चाक पाउडर मे गोंद व कई अन्य चीजें मिलाकर उसे तैयार करते हैं, फिर अन्य रंगों में पिला रंग हल्दी से, हरे रंग को एक खास पेड़ के पत्तो से और काले रंग के लिए काजल और कोयले के पाऊडर से बनते है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना की राज्य सरकार की और से भी अब इस कला को बचाने एवं इसका विकास करने के लिए प्रयास किये जा रहे है।
व्याख्यानमाला में विश्विद्यालय के कला संकाय से डॉ. तनुजा, डॉ. आई. यु. खान, डॉ. अनिता, डॉ. लोकेश, डॉ. रितिका, डॉ. जगदीश शर्मा आदि के साथ बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं इस व्याख्यान में उपस्थित रहे। अंत में डॉ. आई. यु. खान ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

संदीप सुमहेन्द्र
98294 37374

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