कांग्रेस क्या जाने विस्थापितों का दर्द -देवनानी

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 25 जनवरी। पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि धर्म के आधार पर विभाजन करने वाली पार्टी कांग्रेस विस्थापितों के दर्द को कैसे जान सकती है। देवनानी ने शनिवार को विधानसभा में नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में लाए संकल्प प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस को आडे हाथों लिया।
देवनानी ने कहा कि संविधान बचाने का राग अलापने वाली कांग्रेस खुद संविधान की धज्जियां उडाती दिख रही है। संसद द्वारा पारित और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बन चुके नागरिकता संशोधन बिल को लागू करने से मना करना तो कुछ ऐसा ही बयां कर रहा है। कांग्रेस का उच्चतम न्यायालय पर भी भरोसा नहीं है। जब न्यायलय ने ही बिल पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है तो भी कांग्रेस क्यों इसके विरोध में कदमताल कर रही है।

सुनाई विस्थापितों की दास्तां
विस्थापितों की दास्ता सुनाते हुए देवनानी ने कहा कि वे स्वंय विस्थापित परिवार है तथा धर्म के आधार पर देश के विभाजन का दंश उनके परिवार ने भी झेला है। वो पीड़ा क्या होती है उसे समझने के लिए करने वाली कांग्रेस विस्थापितों की पीडा कैसे जान सकती है। विस्थापितों की कांग्रेस के आकाओं को एक जन्म और लेना होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को विरोध ही करना है तो नागरिकता संशोधन कानून के बजाय पाकिस्तान में हिन्दूओं पर किये जा रहे अत्याचार के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तब कहाॅ चली गई थी कांग्रेस जब 35 ए की आड में कश्मीर में केवल मुस्लिमों को नागरिकता बांटी जा रही थी।

बार-बार नरसंहार को झेला
देवनानी ने कहा कि कांग्रेस की ओर से धर्म के आधार पर किए गए भारत के बंटवारे का दंश अब तक खल रहा है। कांग्रेस की तुष्टीकरण का खमियाजा पडौसी देशों के अल्पसंख्यक हिन्दू समाज को भुगतना पड रहा है। पाकिस्तान, बंगलादेश, अफगानिस्तान में नरसंहार की घटनाएं होती रही है। एक बार नहीं सन् 1949, 50, 51, 52, 58, 60, 65, 70-71, 90-92, 2013 व 2017 आदि वर्षों में हुई है। 1971 का नरसंहार तो अत्यंत ही भयावह था। लाखों माताओं का सुहाग और कोख सूनी हुई। आज भी वहीं स्थिति है। ऐसे पडताडित अपने बंधुओं के घावों पर मरहम लगाने का काम यह बिल करेगा लेकिन कांग्रेस इस बिल पर भी संकल्प प्रस्ताव लाकर राजनीतिक रोठियां सेंकने का प्रयास कर रही है।

सीएए लागू नहीं किया तो नहीं बचेगी राज्य सरकार
देवनानी ने कहा कि संवैधानिक प्रक्रिया अपनाकर सांसद से पारित बिल को कानून का दर्जा दिया गया है जिसे कोई भी राज्य सरकार मानने से इंकार नहीं कर सकती है। उन्होांने कहा कि सवैंधानिक प्रावधानों के तहत यदि राजस्थान में इसे लागू नहीं किया जाता है तो ना तो गहलोत मुख्यमंत्री के पद पर रह सकेंगे और ना ही प्रदेश में कांगेस की मौजूदा सरकार।

दलितों को नागरिकता की विरोधी है कांग्रेस
देवनानी ने कहा कि कांग्रेस दलीतों को नागरिकता नहीं देना चाहती है। विभाजन के समय मेघवाल, बाल्मिकी, गारी, कोच, राभा,हाजोंग, नमोशूद्र इत्यादि समाज के लोग जो पाक में रह गए थे उनके साथ बडा नरसंहार हुआ। बहु बेटियों की अस्मत लूटी गई। हर स्तर पर प्रताड़ित होते रहे। वे भारत में आश की नजर से देख रहे है तो कांग्रेस इसमें रोडा अटका रही है। कांग्रेस दलितों को नागरिकता देने के राह में रोडा अटकी हुई है।

मोदी का विरोध करते-करते भारत विरोधी हुई कांग्रेस
देवनानी ने कहा कि कांग्रेस भाजपा व मोदी का विरोध करते करते भारत के विरोध पर उतर आई है। कांग्रेस टूकडे टूकडे गेंग सहित देशविरोधी तत्वों का साथ देकर देश में वैमन्यषता फैलाने का काम कर रही है। सीएए में कोई कमी नहीं दिखी इसकी आड लेकर एनआरसी की आड लेने लगे है।

घुसपैठियों और विस्थापितों में समझे अन्तर
देवनानी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने पड़ोसी इस्लामिक देशों से प्रताड़ित लोगों को नागरिकता देने के लिए यह कानून बनाया गया है परन्तु हमें घुसपेठिये और विस्थापितों में अन्तर को समझना होगा। कानून विस्थापितों को नागरिकता प्रदान करने के लिए बनाया गया है नाकि घुसपेठियों को।

error: Content is protected !!