जीएसटी से ईमानदारी स्थापित हुई है फिर भी कांग्रेस परेशान

प्रो. वासुदेव देवनानी
जयपुर, 19 फरवरी।
विधानसभा में बुधवार को पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि एक राष्ट्र एक कर की सोच के चलते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में जीएसटी लागू किया लेकिन एक राष्ट्र की सोच कांग्रेस की कभी रही ही नहीं उल्टा उन्होंने तो राष्ट्र का विभाजन किया। राष्ट्र का विभाजन करने वालों के जीएसटी कभी समझ में नहीं आ सकता है।
देवनानी ने विधान सभा में राजस्थान माल और सेवा कर (संशोधन विधेयक) 2020 पर विचार के दौरान कहा कि पहले देश के व्यापारियों को लगभग 17 प्रकार के विभिन्न कर चुकाने होते थे। उनके पास विभागों के इंस्पेक्टर अवैध वसूली करने आए दिन पहुंच जाया करते थे जिससे देश के तमाम व्यापारी परेशान थे। व्यापारियों को राहत देने के लिए मोदी जी ने पूरे देश में एक कर जीएसटी लागू किया। ऐसा करके मोदी जी ने देश से बेईमानी पर लगाम लगाई है और ईमानदारी स्थापित करने का काम किया है लेकिन इससे पता नहीं क्यों कांग्रेस दुखी है। कांग्रस की ओर से बराबर भ्रम फैलाया जा रहा है कि देश में बडा संकट खडा हो गया है जबकि हकीकत यह है कि इसके लागू होने से देश मे न केवल ईमानदारी स्थापित हुई है बल्कि व्यापारियों को बार-बार अनेक प्रकार के कर चुकाने से मुक्ति मिली है। जीएसटी देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने में अहम भूमिका निभाएंगा।
देवनानी ने कहा कि कांग्रेस संघीय ढांचे की बात करते हैं लेकिन मानते तब है जब केन्द्र में कांग्रेस की सरकार होती है। केन्द्र में सरकार उनकी नहीं होती है तब वे संघीय ढांचे की बात नहीं करते है।

को-आॅपरेटिव सोसायटियों के निरीक्षण व ऑडिट के अभाव में लुट रहे हैं निवेशक- देवनानी
– प्रदेश में 860 क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसायटियां है पंजीकृत
– 146 की मिली शिकायतें लेकिन समय पर जांच कर नहीं की पुख्ता कार्यवाही

जयपुर 19 फरवरी 2020। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री एवं विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने कहा कि प्रदेश में स्थित क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटियों के समयबद्ध निरीक्षण एवं ऑडिट नहीं हो पाने से इन सोसायटियों में निवेशक लुट रहे हैं।
पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री देवनानी ने बताया कि उनके द्वारा विधानसभा में प्रदेश में संचालित क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटियों के सम्बंध में एक तारांकित प्रश्न पूछा गया था जिसके जवाब में राज्य सरकार द्वारा बुधवार को यह बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में कुल 860 क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटीयां पंजीकृत है जिनमें से विभिन्न सोसायटियों की 146 शिकायतें सरकार को प्राप्त हुई है परंतु अधिकांश शिकायतों पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन बताई गई है। देवनानी ने कहा कि जब तक सरकार द्वारा निरीक्षण व ऑडिट व्यवस्था का सुढ़ीकरण एवं सोसायटियों के संबंध में मिलने वाली शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही नहीं की जाएगी तब तक इन सोसायटियों में निवेश करने वाले लोगों को लुटने से कोई नहीं बचा सकता। देवनानी ने बताया कि प्रदेश में संचालित 860 सोसायटियों में से अब तक मात्र 163 सोसायटियों का ऑडिट तथा 198 सोसायटियों का ही निरीक्षण किया गया है।
उन्होंने बताया कि जालोर व सिरोही जिले में सबसे अधिक शिकायतें है इन सोसाइटियों के विरुद्ध प्राप्त हुई है। सरकार को ऐसे जिलें चिन्हिित कर वहां पर संचालित सोसाइटियों की विशेष निगरानी की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे जनता को को-आॅपरेटिव सोसायटियों द्वारा की जाने वाली धोखेबाजियों से बचाया जा सके।
देवनानी ने कहा कि अपने जीवन भर की कमाई को अपने बच्चों का भविष्य संवारने की खातिर एवं अधिक मुनाफे के लालच में गरीब व मध्यमवर्गीय व्यक्तियों द्वारा इन क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसायटियों में निवेश किया गया था लेकिन उन्हें आज अपनी मूल रकम तक के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। सरकार को ऐसे पीड़ित व मजबूर निवेशकों की चिंता करनी चाहिए और उन्हें उनकी राशि दिलाने के लिए कारगर प्रयास करने चाहिए।

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