वाॅइसलेस लोगों की आवाज बनें पत्रकार – श्रीपाल शक्तावत

ग्रामीण पत्रकारिता का प्रशिक्षण ले रहे युवाओं से मुखातिब हुए न्यूज 18 राजस्थान के रेजिडेंट एडिटर श्रीपाल शक्तावत, सिखाए पत्रकारिता के गुर
जयपुर – आज ग्रामीण पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यक्रम के 5वें दिन न्यूज 18 राजस्थान के रेजिडेंट एडिटर श्रीपाल शक्तावत व भीलवाड़ा के पब्लिक रिलेशन आॅफिसर गौरीकांत शर्मा ने जूम एप्प के माध्यम से प्रतिभागियों को पत्रकारिता से जुड़े पहलूओं की जानकारियां दी। पीआरओ गौरीकांत शर्मा ने पत्रकारिता कोर्स, डिप्लोमा आदी की जानकारियां देते हुए करियर के अवसरों के बारे में बताया।
श्रीपाल शक्तावत ने माया मैगजीन के संवाददाता रहने से लेकर न्यूज 18 राजस्थान के रेजिडेंट एडिटर तक के सफर के बीच की गई स्टोरीज को लेकर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि पत्रकार को वाॅइसलेस लोगों की आवाज बनना चाहिए। श्रीपाल शक्तावत ने स्टींग आॅपरेशन की आवश्यकता, सावधानियां व चुनौतियों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इसमें कई खतरे होते है, कई चुनौतियां आती है लेकिन अगर कड़ी मेहनत व लगन के साथ कार्य किया जाए तो बड़े बदलाव भी देखने को मिलते हैं।
उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा था जब कई पुलिस वाले पूछताछ के नाम पर लोगों को उठाकर थाने में ले जाते थे, उनके साथ बेरहमी से मारपीट (थ्रेट) करते थे। असहाय लोग पुलिस की अमानवीय मारपीट से अधमरे हो जाते थे। इस मुद्दे पर स्टींग आॅपरेशन किए जाने के बाद कई मानवाधिकार संगठन आए आए और पुलिस सुधार के लिए गाइड़लाइन लागू की गई। अब पुलिस थानों में पूछताछ के नाम पर लोगों को थाने में ले जाकर थे्रट करने पर पुलिस स्टाफ के खिलाफ कार्यवाही करने के प्रावधान है। शिकायत होने पर पूरे थाने के स्टाफ को हटाने तक की व्यवस्था की गई। कन्या भ्रूण हत्या पर दमदार स्टींग आॅपरेशन के बाद पीसीपीएनडीटी एक्ट को सख्ती के साथ लागू किया गया।
उन्होंने कहा कि टीम भावना के बगैर स्टींग आॅपरेशन कर पाना आसान नहीं होता है। स्टींग आॅपरेशन के दौरान उनके साथ रहे कैमरामैन, ड्राइवर व अन्य सहयोगियों के साथ के वाकये शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि अगर आपका मकसद बड़ा है, और आपकी जिद्द ईमानदार व बेबाक है तो टीम के साथी भी प्रेरित हो सकते है।
वाॅइस आॅफ इंडिया के साथ काम करते समय एक न्यूज में कैमरामेन को पीटूसी करने और संवाददाता को कैमरा चलाने का टास्क दिए जाने का अनुभव बताते हुए कहा कि इस एक्सपेरिमेंट से कैमरामेन्स में न्यूज की समझ बनी और न्यूज कवर करने की दृष्टि बढ़ी। उन्होंने बताया कि हमें एक-दूसरे को अवसर देने चाहिए। विविधता से ही खूबसूरती बढ़ती है।
उन्होंने सहरिया आदिवासी समाज के मनरेगा मजदूर द्वारा ब्लड़ डोनेशन करने व अपनी किड़नी दान करने की स्टोरी बताते हुए कहा कि समाज की अच्छी व बदलाव की कहानियों को जरूर कवर करना चाहिए, इससे समाज को प्रेरणा मिलती है। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि सभी को मिलकर नए विकल्पों का बेहतर उपयोग करना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि जयपुर के विविधा महिला आलेखन एंव संदर्भ केंद्र, गोगुन्दा के मेवाड़ रिसोर्स सेंटर व बारां के हाड़ौती मीडिया रिसोर्स सेंटर द्वारा 5 दिवसीय ग्रामीण पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया रहा है।

लखन सालवी ने बताया कि कार्यक्रम में राजस्थान, हरियाणा, बिहार, उत्तरप्रदेश व आसाम सहित 6 राज्यों के 28 जिलों से 103 युवा भाग ले रहे है।

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