भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) ने ‘‘वोकल फार लोकल – द सेल्फ रिलायंस मंत्रा” विषय पर किया ई-क्विज का आयोजन थिंक बिग, शॉप स्मॉल

जयपुर, 22 जून, 2020: वर्तमान मुश्किल हालात के दौरान जहां हम हमारे जीवन को बदलने वाली सदी की सबसे बड़ी परिस्थितियों से गुजर रहे हैं, ऐसे माहौल में भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) के स्कूल आफ एंटरप्रेन्योरशिप स्किल्स ने ‘‘वोकल फार लोकल – द सेल्फ रिलायंस मंत्रा” विषय पर ई-क्विज का आयोजन किया है। ई-क्विज का आयोजन एमएसएमई- डीआई जयपुर, भारत सरकार, मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप एंड प्रोफेशनल स्किल्स काउंसिल (नई दिल्ली) और ग्लोबल फाउंडेशन फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप के सहयोग से किया जा रहा है।

प्रतियोगिता के बारे में
हमारे माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम के रूप में जमीनी स्तर पर भारतीय अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के संदर्भ में लोगों से अपील की है। ‘‘वोकल फार लोकल” के माध्यम से, उन्होंने स्थानीय उत्पादों को खरीदने और स्थानीय व्यापार का समर्थन करने का आग्रह लोगों से किया है।
इसी तरह, यह ई-क्विज भारत में निर्मित स्थानीय कौशल और घरेलू उत्पादों को खरीदने, बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए एक संदेश फैलाने पर केंद्रित है।

यहां कुछ महत्वपूर्ण और अनिवार्य बिंदु दिए गए हैं, जिनके बारे में आपको ‘‘वोकल फार लोकल – द सेल्फ रिलायंस मंत्रा” विषय पर आयोजित ई-क्विज में शामिल होने से पहले जान लेना चाहिएः-

1. इस स्पर्धा में विभिन्न स्कूलों/कॉलेजों/विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी और संकाय सदस्य और विभिन्न राष्ट्रीयताओं के नवोदित उद्यमी भागीदारी कर सकते हैं। पेशेवर भी भाग लेने के लिए पात्र हैं।
2. प्रश्नोत्तरी में भाग लेना सभी के लिए निशुल्क और खुला है।
3. नियमों का अनुपालन न करने पर प्रश्नोत्तरी में भागीदारी और पुरस्कार के लिए उम्मीदवारी स्वतः रद्द हो जाती है।
4. आप केवल एक बार प्रश्नोत्तरी का प्रयास कर सकते हैं।
5. गलत उत्तरों के लिए कोई नकारात्मक अंकन नहीं।
6. प्रतिभागी जो अपना रेस्पान्स प्रस्तुत करते हैं और 40 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करते हैं उन्हें ई-सर्टिफिकेट मिलेगा।
7. ई-क्विज की अंतिम तिथि – 30 जून 2020

प्रतियोगिता के बारे मं अधिक जानकारी और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के लिए विजिट करेंः https://bit.ly/3dMrIeo

बीएसडीयू के उप कुलपति प्रो अचिंत्य चैधरी कहते हैं, ‘‘हमारे देश में अपने स्थानीय उत्पादां को प्रोत्साहित करने की एक पुरानी परंपरा रही है और वोकल फार लोकल इसी परंपरा को आगे बढ़ाने का प्रयास है।‘‘

स्कूल आफ एंटरप्रेन्योरशिप स्किल्स के प्राचार्य प्रो डा रवि गोयल ने कहा, ‘‘यह ई-क्विज इस लॉकडाउन के दौरान सीखने और जागरूकता फैलाने को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक डिजिटल अभियान है। हमारी अर्थव्यवस्था के आधार को मजबूत करने के लिए माननीय प्रधान मंत्री की ओर से की गई वोकल फार लोकल की अपील एक बड़ी पहल है।‘‘

मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप एंड प्रोफेशनल स्किल्स काउंसिल (नई दिल्ली) के सीईओ कर्नल अनिलकुमार पोखरियाल ने कहा, ‘‘इस प्रतियोगिता के लिए बीएसडीयू के साथ भागीदारी करते हुए हम अपने आपको सौभाग्यशाली महसूस करते हैं। वर्तमान महामारी के दौर में इस तरह के आयोजन से प्रतिभागियों को उद्देश्यपूर्ण तरीके से अपने साथ जोड़ा जा सकेगा।‘‘

भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) के बारे मेंः
2016 में स्थापित भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) भारत का पहला अनूठा कौशल विकास विश्वविद्यालय है, जिसे भारतीय युवाओं की प्रतिभाओं के विकास के लिए अवसर, स्थान और गुंजाइश बनाकर कौशल विकास के क्षेत्र में वैश्विक उत्कृष्टता पैदा करने की दृष्टि से उन्हें वैश्विक स्तर पर फिट बनाने के लिए कायम किया गया था। डॉ. राजेंद्र के जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी के नेतृत्व और विचार प्रक्रिया के तहत नौकरी प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए बीएसडीयू ने ‘स्विस-ड्यूल-सिस्टम’ स्विट्जरलैंड की तर्ज पर इसे स्थापित किया है। बीएसडीयू राजेंद्र उर्सुला जोशी चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत एक शिक्षा उपक्रम है और राजेंद्र और उर्सुला जोशी (आरयूजे) समूह ने इस विश्वविद्यालय को 2020 तक 36 कौशल स्कूलों को स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
विचार, कौशल विकास की स्विस प्रणाली को भारत में लाने का था, इस तरह भारत में आधुनिक कौशल विकास के जनक डॉ. राजेंद्र जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी ने 2006 में स्विट्जरलैंड के विलेन में ’राजेंद्र एंड उर्सुला जोशी फाउंडेशन’ का गठन करते हुए इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया। बीएसडीयू का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली कौशल शिक्षा को बढ़ावा देना और सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा और स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट और विभिन्न कौशल के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए पोस्ट-डॉक्टरेट की डिग्री देते देते हुए ज्ञान की उन्नति और प्रसार करना है।

error: Content is protected !!