अनुसूचित जाति जनजाति के अभ्यर्थियों के साथ में भारी नाइंसाफी

राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर में राजस्थान प्रशासनिक सेवा के परीक्षा परिणाम में डेढ़ गुना प्रत्याशी पास करके अनुसूचित जाति जनजाति के अभ्यर्थियों के साथ में भारी नाइंसाफी की है यह बात अनुसूचित जाति जनजाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ बाड़मेर के नवनियुक्त अध्यक्ष लक्ष्मण बडेरा राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर के अध्यक्ष दीपक उप्रेती राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ ललित के पवार भारतीय जनता पार्टी के राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया उप नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को पत्र लिखकर लक्ष्मण बडेरा ने अवगत कराया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा किसी भी पद की भर्ती पर पदों की संख्या के 3 गुना अभ्यर्थियों को पास किया जाता है और उन्हें साक्षात्कार हेतु बुलाया जाता है राजस्थान प्रशासनिक सेवा के प्री एग्जाम में 15 गुना लोगों को बुलाया गया और मेन एग्जाम के परिणाम में तीन गुना की बजाय डेढ़ गुना लोगों को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया गया है इससे सबसे ज्यादा समाज के वंचित अनुसुचित जाति जनजाति के योग्य प्रतिभाओं को भारी आघात लगा है उन लोगों की आशाओं पर आयोग ने पानी फेर दिया आयोग ने यह नई परंपरा डालकर राजस्थान के विकास के लिए योग्यतम प्रतिभाएं जो निखर कर आती थी उस पर गैरजरूरी अवरोध पैदा किया है इस अवरोध से आयोग की नियत पर शक जाहिर होता है लक्ष्मण बडेरा ने मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री वह आयोग के अध्यक्ष तथा भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को इसमें हस्तक्षेप करने की मांग की है दलित समाज की हितों की रक्षा करने की दम भरने वाली सरकार अनुसूचित जाति जनजाति के हितों की अनदेखी कर रही है दलित नेता ने बताया कि इस प्रकार अनुसूचित जाति जनजाति वंचित और पिछड़े वर्ग को भारी नुकसान पहुंचाया गया है ज्ञापन में लक्ष्मण बड़ेरा ने आयोग व मुख्यमंत्री से मांग की है कि डेढ़ गुना को 3 गुना बुलाकर के राज्य के प्रतिभाओं को राजस्थान के विकास में भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करने की जरूरत बताया है लक्ष्मण बडेरा ने बताया के स्वीकृत 1053 पदों पर 3159 अभ्यार्थियों को बुलाया जाना था इनके नहीं बुलाने से इस वर्ग के लोग भारी हतोत्साहित हुए हैं और रोष व्याप्त है आयोग को अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर डेढ़ गुना लोगों को बुलाने की मांग की

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