आदिवासियों के घर उजाड़ने के मामले में उपखंड अधिकारी व तहसिलदार को निलंबित करने की मांग

आदिवासियों के घर उजाड़ने के मामले में उपखंड अधिकारी व तहसिलदार गडरारोड को निलंबित करने की मांग को लेकर ज़िला भील विकास समिति बाड़मेर ने जिला कलेक्टर बाड़मेर विश्राम मीणा को दिया ज्ञापन जिला भील विकास समिति बाड़मेर के अध्यक्ष भूरा राम भील के नेतृत्व में SC-ST एकता मंच के संयोजक लक्ष्मण बडेरा हितेश दहीया मेवाराम भील मासिंगा राम भील पेश कर जिला भील समाज विकास समिति के अध्यक्ष भूरा राम भील ने कलेक्टर को बताया कि 1 वर्ष पूर्व मासिंगा राम के पुत्र लुंबाराम को छोटू सिंह राजपूत ने मारपीट कर उसका पैर तोड़ दिया था और इस कारण मासिंगा राम ने छोटू सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया और इस कारण छोटू सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था इस वजह से लांबडा गांव के राजपूत भील जाति के राजपूतों से रंजिश रखते हैं इसलिए गांव के सामंती तत्वों ने पटवारी के साथ में मिलीभगत करके केवल भील जाति के लोगों को घर से बेदखल करने के लिए उनके विरुद्ध तहसील गडरा रोड में 91 का दावा पेश करवाया जब पूरा प्रदेश लोक डाउन था उस समय तहसील में पटवारी ने दावा पेश किया और तहसीलदार ने मिलीभगत करके लॉकडाउन के दौरान नोटिस जारी किए ताकि इन भील परिवारों को लॉकडाउन के दौरान किसी वकीलों के पास जाने आने का साधन ना मिल सके किसी वकील का सेवा नहीं मिल सके इस प्रकार पूरी षड्यंत्र पूर्व क कार्रवाई की गई भूरा राम भील महबार कलेक्टर बाड़मेर को बताया लांबडा गांव की आधी से अधिक आबादी गोचर भूमि में बसी हुई है लेकिन वह स्वर्ण जाति के होने के कारण पटवारी ने उनके खिलाफ में कोई दवा पेश नहीं किया केवल भील जाती के लोगों को गुलाम बनाने के लिए सबक सिखाने के लिए और बदला लेने के लिए एकतरफा कार्रवाई की गई सरकारी आदेश की आड में भीलों को के घरों पर जेसीबी बुलडोजर से भील जाती के आशियानों को उजाड़ दिया गया नो परिवार खुले आसमान के नीचे जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं इधर कोरोना महामारी और दूसरी तरफ बारिश का मौसम और सरकार ने आशियाना छीन लिया ऐसे में जावे तो कहां जावे सरकारी अफसरों ने षड्यंत्र ऐसा किया कि तहसीलदार ने पुलिस के साथ में मिलीभगत कर 91 के अलावा भील जाति के 14 लोगों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 107 और 116,(3 )में नोटिस जारी किए और उन नोटिस को तामिल करवाने के लिए पुलिस थाना गडरा रोड को जिम्मेदारी दी तहसीलदार के निर्देश के अनुसार पुलिस थाना गडररोड ने 14 भीलों को दिनांक 15 जुलाई 2020 को पुलिस थाना गडरा में बुला लिया और उसके बाद तहसीलदार वह पुलिस सरकारी जाब्ता के साथ लाबड़ा गांव पहुंचकर भीलों के घरों पर धावा बोल देते हैं उनका सामान घरो से बाहर फेंक देते हैं और पूरे घरों को तहस-नहस कर देते हैं पूरी कार्रवाई प्रशासन के भेदभाव पूर्ण पक्षपात पूर्ण जातिगत आधार पर की गई है भूरा राम भील ने जिला कलेक्टर बाड़मेर को बताया कि बेघर हुए इन भील परिवारों के पास में रहने के लिए सरकार व्यवस्था करें खाने रहने की व्यवस्था कर नहीं की गई तो किसी प्रकार की जनहानि हुई तो उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में मांग की है कि लाबड़ा गांव की गोचर भूमि में निवास करने वाले अन्य परिवारों को तत्काल हटाया जावे नहीं तो हम आंदोलन करेंगे और भील समाज इस पक्षपात हुई कार्रवाई का विरोध करता है जिला कलेक्टर बाड़मेर ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिया ज्ञापन देने में प्रभावित घरों की महिलाएं अपने बच्चों के साथ बाड़मेर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंची थी और जिला कलेक्टर के समक्ष पेश हुई इन ज्ञापन देने वालों में हीराराम गागरिया, समर्थाराम, नखताराम, दीपाराम, रिड़मलराम, किस्तुराराम, जेठाराम, मासिंगाराम, भोजाराम, राणाराम, चुनाराम चाडी, हितेश दईया दरूड़ा, मेवाराम लूणू, हिन्दुराम मीठड़ा, गोमी देवी लांबड़ा, मीनादेवी लांबड़ा, रेसुदेवी लांबड़ा, रतनीदेवी लांबड़ा, समझुदेवी लांबड़ा, मोरू देवी लांबड़ा, राधादेवी लांबड़ा मौजूद थे लांबडा गांव में गोचर भूमि में निवास करने वाले अन्य परिवारों को तत्काल हटाया जावें अन्यथा बहुत बड़ा आन्दोलन होगा जिसकी जिमेदारी प्रशासन व राज्य सरकार की होगी

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