शाहपुरा में एफईएस के सहयोग से चारागाह का विकास एवं जल संरक्षण का कार्य होगा

ग्रामीणों की सहभागिता से चरागाह विकास व जल संरक्षण के कार्य होने से सार्थक परिणाम आयेगें-शांतनु राय
शाहपुरा – शाहपुरा पंचायत समिति के मनरेेगा व अन्य योजनाओं से जुड़े तकनीकी अधिकारियों व कार्मिकों का एकदिनी प्रदर्शन भ्रमण का कार्यक्रम भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण अंचलों में 25 वर्षों से चारागाह का विकास एवं जल संरक्षण का कार्य करने वाली अग्रणी सामाजिक संस्था फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी (एफईएस) भीलवाड़ा की ओर से किया गया। इसमें एफईएस की ओर से शाहपुरा व जहाजपुर क्षेत्र में कराये गये कार्यो का मौके पर पहुंच कर सभी को विजिट कराने के साथ उसी प्रकार शाहपुरा के संपूर्ण पंचायत समिति क्षेत्र में कराने पर विचार विमर्श किया गया। इस प्रदर्शन भ्रमण में शाहपुरा की उपखंड अधिकारी श्वेता चोहान, विकास अधिकारी अमित कुमार जैन, मनरेगा के सहायक कार्यक्रम अधिकारी प्रेमराज मीणा, एफईएस रीजनल टीम लीडर शांतनु सिन्हा राय मौजूद रहे। इस दौरान कल्याणपुरा, नराणा, सरसिया, धोड़, गोगा का खेड़ा, शक्करगढ़ क्षेत्र का भ्रमण किया गया। इस दौरान शाहपुरा उपखंड अधिकारी श्वेता चोहान ने बरगद का पौधा लगा कर पौधरोपण अभियान का भी आगाज किया।
एफईएस रीजनल टीम लीडर शांतनु सिन्हा राय ने बताया कि मौके पर संस्था के माध्यम से कराये गये कार्यो का निरीक्षण कराके बताया गया कि किस प्रकार न केवल बारिश के जल का संरक्षण किया जा रहा है वरन ग्रामीणों की सहभागिता से चरागाह का विकास भी किया गया है ताकि क्षेत्र के पशुओं के लिए माकूल इंतजाम हो सके।
टीम लीडर शांतनु ने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर बंजर भूमि एवं चरागाह विकास समितियों का सहयोग व राजस्व गांव स्तर पर चरागाह विकास समितियां गठित की है। जिसके साथ मिलकर शामलात भूमियों को विकसित व सुरक्षित किया जा रहा है ताकि ग्राम स्तर पर आजीविका में वृद्धि तथा आसपास के पर्यावरण को संरक्षण किया जाता है। पिछले दिनों किये गये कार्यो के फलस्वरूप अब वहां पर चरागाह में विभिन्न प्रजातियों के पशु व पक्षी भी विचरण करने लगे है।
उपखंड अधिकारी श्वेता चोहान ने जहाजपुर ब्लॉक में कई कार्यो का अवलोकन करने के बाद कहा कि वास्तव में चरागाह विकास व जल संरक्षण के बेहतरीन कार्य हुए है, इस प्रकार के कार्य शाहपुरा पंचायत समिति क्षेत्र में भी कराये जायेगें। उन्होंने मौके पर ही विकास अधिकारी, मनरेगा एपीओ व जेटीए को निर्देश दिया कि अगले पखवाड़े में इस प्रकार के कार्य शाहपुरा में भी प्रांरभ किये जाए।
एफईएस रीजनल टीम लीडर शांतनु सिन्हा राय ने बताया कि जहाजपुर एवं शाहपुरा में चारागाह भूमि लगभग 25000 हेक्टेयर से ज्यादा है। यह जमीन बिना देखरेख व बिना प्रबंधन के आंशिक रूप से अतिक्रमियों के कब्जे की भेंट चल रही है। फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी एफसीएस एवं स्थानीय प्रशासन ग्राम पंचायत के संग मिलकर एक नवीन योजना का सपना सृजित किया गया है। इस योजना में इन जमीनों को गांव स्तर पर समिति संगठन के द्वारा कार्य योजना बनाकर महात्मा गांधी नरेगा योजना के माध्यम से विकास करने की योजना बनाई गई है। इससे ना केवल गांव के ग्रामीणों को मजदूरी मिलेगी बल्कि खाली पड़े जमीनों के विकास से इनकी उपयोगिता बढ़ेगी। इससे ज्यादा क्षेत्र में जल संरक्षण का कार्य होगा और पारिस्थितिकी सुरक्षा पर्यावरण की सुरक्षा सुनियोजित होगी। जहाजपुर क्षेत्र में कुछ प्रोजेक्ट चल रहे है, शाहपुरा में इस बार कल्याणपुरा कादीसहना से शुरूआत की है। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी बात हमारी गौ माता जो आज रास्ते पर आकर मरने पर मजबूर हो रही हैं। वह हमारे चारागाह में सुनिश्चित होकर चर पाएंगे। एफपीएस संस्था द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है सभी ग्राम पंचायत में जीपीडीपी योजनाओं को अच्छे तरीके से सुनियोजित कर बनाने में प्रशासन को सहयोग करेंगे। इसी संस्था द्वारा इस वर्ष लगभग 4000 हेक्टेयर जमीन पर पौधारोपण बीजारोपण कर विकास करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।
इस दौरान एफईएस संस्था से ब्लॉक कोऑर्डिनेटर कुलदीप सिंह, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर परमेश्वर लाल रेगर, पंचायत प्रसार अधिकारी नाहर सिंह, जेटीए गणेशलाल, कुबेर, सुनील दाधीच, कादीसहना के ग्राम विकास अधिकारी मिश्रीलाल कोली, मनोज मीणा व चारागाह विकास समिति के अध्यक्ष, सचिव, सदस्य व ग्रामवासी व सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित हुए।

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