संविदाकार्मिको ई पी एफ न ई एस आई ,जी एस टी भी जमा नहीं

घोटाले के खुलासे के बाद फर्मों के भुगतान रोके तत्कालीन आयुक्त ने
,दस्तावेज मांग रहे अब

जैसलमेर नगर परिषद् जैसलमेर में संविदा कार्मिक उपलब्ध कराने वाली
फर्मों के काले कारनामे सामने लाने के बाद नगर परिषद में हड़कंप मचा हुआ
हैं ,संविदा में कार्मिक उपलब्ध कराने वाली फर्मो द्वारा कार्मिको
,सफाईकर्मियों ,चौकीदारों ,वाहन चालकों ,बागवानों ,फायर मेनो के गत तीन
सालों से न तो ई पी एफ न ई एस आई जमा हुए यहाँ तक की वित् विभाग के
नियमो को दरकिनार कर कार्मिकों खाते तक नहीं खोले और तो और फार्मों ने
,जी एस टी तक जमा नहीं कराई ,ब्यूरो चीफ द्वारा इस प्रकरण में हुए बड़े
घोटाले को खोला था जिस पर नगर परिषद कार्मिको फर्मों में हड़कंप मच गया
, परिषद में विभिन फर्मो के माध्यम से कोई पचास अधिक कार्मिक संविदा पर
लगे हुए हैं। वित् विभाग ने 2017 में संविदा पर लगे कार्मिको के ई पी एफ
, ई एस आई खाते खोलने अनिवार्य किया था ,जिसके लिए लेबर ,लेबर एक्ट
तहत पंजीयन , ई पी एफ , ई एस आई ,जी एस टी पंजीयन अनिवार्य किया था
,आश्चर्यजनक तथ्य परिषद में संविदाकर्मियों की आपूर्ति कर रही फर्मे इन
शर्तों को पूरा नहीं करती ,इसके बावजूद इन्हे अवैध तरीके से कार्य आवंटन
कार्मिको की मिली भगत से किया जा रहा था ,ये फर्मे संविदाकार्मिको का
खुले में आर्थिक और मानसिक शोषण कर रहे हैं ,

मामला सामने आया तो भुगतान रोका ,दस्तावेज मांगे

मामला उजागर होने के बाद अधिकारियो,कार्मिको संविदाकर्मियों के कान खड़े
हो गए ,कार्यरत फर्मो ने संविदा कार्मिको से दस्तावेज मांगे ताकि अब खाते
खुलवा सके मगर कार्मिको ने पिछले तीन सालो का ई पी एफ, ई एस आई ,की राशि
का हिसाब मांग फर्मो झटका दे दिया ,साथ अधिकारियो के सामने खुलासा हुआ
फर्में ई पी एफ ,ई एस आई ,और जी एस टी भी जमा नहीं करवा रही न ही फर्मे
दस्तावेज उपलब्ध करवा रही ,आयुक्त तत्काल फार्मों के भुगतान बिल रोक लिए
,तथा कार्मिको के ई पी एफ , ई एस आई ,तथा जी एस टी भी जमा के चालान जमा
कराने निर्देश दे दिए। इसके बावजूद फर्मे परिषद में कार्य कर रहे हैं ,

फर्म रजिस्टर्ड नहीं लेबर आपूर्ति का टेंडर दे दिया

गत माह नगर परिषद में लेबर आपूर्ति की निविदा जारी हुई , जिसमे कार्मिको
और सहायक अभियंता की मिली भक्त से वैध फर्मों को कोई न कोई कारण बता बाहर
कर अवैध फर्म को पहुंचते हुए आदेश दे दिया इस फर्म के लेबर एक्ट का
पंजीयन तक नहीं हैं ,पिछले कई सालों से गड़बड़ झाला चल रहा हैं ,कई फर्म
रजिस्टर्ड न होते कार्यादेश रहे थे ,परिषद को करोडो का चुना लगा दिया
,ये फर्में कार्मिको की मिली भगत और तय कमीशन के चलते मांग अनुरूप
कार्मिक नहीं लगाते कम कार्मिक लगा पुरे कार्मिको भुगतान उठाते ,परिषद
विभिन शाखाओं में सत्रह कम्प्यूटर ऑपरेटर लगाने की निविदा हुई थी ,जिसमे
पिछले दो सालो से मात्र बारह ऑपरेटर विभिन शाखाओं में कार्यरत थे मगर
भुगतान सत्रह कार्मिकों का उठा रहे थे ,मामला खुला तो इस बार बारह ऑपरेटर
के भुगतान का बिल पेश किया ,तत्कालीन आयुक्त फतेह सिंह मीणा ने इन
फर्मों का भुगतान दस्तावेजों के अभाव रोक दिया।

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