बाड़मेर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ने ली जान ,ऑक्सीजन बीच रस्ते खत्म युवती की मौत

बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर मुख्यालय स्थित राजकीय अस्पताल प्रशासन की
चलते जोधपुर रेफर की गयी एक नाबालिग युवती की बीच रास्ते मौत हो गई,इधर
इस घटना जानकारी मिलने पर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने इसे गंभीरता से
लेकर प्रशासन से बात की ,हरीश चौधरी ने मामले में दोषियों किसी भी
सूरत में नहीं बख्शने की बात कही ,इस पर बायतु थाने में एंबुलेंस स्टाफ
व बाड़मेर जिला अस्पताल के दो अन्य स्टाफ के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।

पेट दर्द के बाद चौहटन क्षेत्र के सरहदी जैसार गांव निवासी 17 वर्षीय
किशोरी को पहले चौहटन व फिर बाड़मेर रेफर किया गया। बाड़मेर में चिकित्सकों
ने हाथ खड़े किए और ऑक्सीजन पर रखकर उसे सरकारी एंबुलेंस से जोधपुर रेफर
किया। लापरवाही की हद तब हो गई, जब बीमार किशाेरी बाड़मेर से 20 किमी. की
दूरी पर ही तड़पने लगी।ऑक्सीजन सिलेंडर का मीटर देखा तो अंदर ऑक्सीजन ही
नहीं थी, इस पर चालक ने बायतु अस्पताल से नया सिलेंडर लेने के लिए
एंबुलेंस भगाई, लेकिन बायतु से पहले ही किशोरी तड़प-तड़प कर मौत हो गई।
इसके बाद परिजनों ने हंगामा किया। सरकारी सिस्टम की लापरवाही से किशोरी
ने दम तोड़ दिया।

इसके बाद अस्पताल प्रशासन और पुलिस ने परिजनों पर शव को बाड़मेर अस्पताल
ले जाने का दबाव बनाया। हंगामे और विरोध के बाद परिजनों ने लापरवाह
एंबुलेंस चालक और उनके स्टाफ की लापरवाही से युवती की मौत हो जाने की
पुलिस को रिपोर्ट दी। इसके बाद परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम करवाया।

कार्मिकों ने खाली ऑक्सीजन सिलेंडर बदला ही नहीं था और रेफर कर दिया

बिजराड़ थाना के जैसार निवासी टीकमाराम पुत्र जैसाराम जाट ने मामला दर्ज
करवाया कि उसकी भतीजी चूकी पुत्री सोनाराम की सोमवार सुबह 7 बजे अचानक
तबीयत खराब हो गई। तब गाड़ी से चौहटन अस्पताल ले गए वहांं से बाड़मेर रेफर
कर दिया। बाड़मेर अस्पताल में डॉक्टर ने किशोरी का इलाज शुरू किया, लेकिन
तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे जोधपुर रेफर कर दिया।

तभी अस्पताल डॉक्टरों ने किशोरी को एंबुलेंस से जोधपुर रेफर कर दिया।
एंबुलेंस में 2 नर्सिंगकर्मी थे। जब ऑक्सीजन के बारे में पूछा तो बोले कि
सिलेंडर भरा हुआ है, जबकि ऑक्सीजन मीटर में बहुत कम मात्रा ही बता रहा
था। किशोरी को एंबुलेंस से लेकर कवास से आगे निकले तब तबीयत और ज्यादा
खराब हो गई।

नर्सिंगकर्मियों ने देखा तो सिलेंडर में ऑक्सीजन ही नहीं थी। इस पर चालक
ने एंबुलेंस को तेजी से बायतु अस्पताल तक ले जाने के लिए भगाया, लेकिन
बायतु से पहले ही किशोरी ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है
कि खाली ऑक्सीजन सिलेंडर को एंबुलेंस स्टाफ ने बदला ही नहीं था और किशोरी
की जान जोखिम में डाल कर रवाना हो गए। इस पर बायतु थाने में एंबुलेंस
स्टाफ व बाड़मेर जिला अस्पताल के दो अन्य स्टाफ के खिलाफ मामला दर्ज
करवाया है।

परिजन पोस्टमार्टम नहीं करवाने की जिद पर अड़े

परिजन लापरवाह लोगो के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने तक शव का पोस्टमार्टम
नही करवाने को लेकर अड़ गए। करीबन तीन घंटे बाद रालोपा प्रदेश महामंत्री
उम्मेदाराम बेनिवाल, तहसीलदार सजनराम द्वारा समझाइश करने पर परिजन
पोस्टमार्टम करवाने को राजी हुए।

सरकारी एंबुलेंस में बाड़मेर से जोधपुर रेफर एक महिला मरीज की बीच रास्ते
में मौत की खबर बहुत दुखद है।इस संबंध मे ज़िला कलेक्टर को इस घटना की
पूरी जांच करवाकर दोषीयों के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए ताकि
भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो।
हरीश चौधरी
राजस्व मंत्री

error: Content is protected !!