राजसमन्द जिले में बिछा सड़कों का जाल

जयपुर/राजसमन्द जिले में राज्य सकार ने चार वर्षों के कार्यकाल में सड़कों का जाल सा बिछा दिया है। जिले में 250 व 500 तक की आबादी के अधिकांश गांव सड़कों से जुड़ चुके हंै। यही नहीं जिले से होकर निकलने वाले प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्यमार्ग को भी चारलेन में परिवर्तित करने का कार्य प्रारंभ हो गया है।
राजसमन्द जिले में वर्तमान में कुल 2534 किलोमीटर डामरीकृत सड़कें हंै। हॉल ही की वर्षा से क्षतिग्रस्त सड़कों की भी मरम्मत हो चुकी है। जिले की 617 किलोमीटर क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक करवाने में 198 लाख रुपये खर्च किये गये हैं।
जिले में 20.45 किलोमीटर लम्बी धार्मिक सड़कें बनाने पर 494.55 लाख रुपये खर्च किये गये हंै। मिसिंग लिंक रोड़ योजना के तहत 20 किलोमीटर सड़केें बनाने में 351.25 लाख रुपये खर्च हुए हंै। 60 किलोमीटर लम्बे स्टेट हाईवे के निर्माण पर 761 लाख रुपये खर्च आया है।
महानरेगा योजना के तहत गांवों को सड़कों से जोडऩे के कार्य के तहत जिले में 250 से 500 की आबादी के 114 गांवों को ग्रेवल सड़कों से जोड़ दिया गया है। वहीं 250 की आबादी वाले 22 गांवों को ग्रेवल सड़कों से जोड़ दिया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 188.28 किलोमीटर लम्बी सड़कों के 63 कार्यों पर 53 करोड़ 27 लाख रुवये स्वीकृत किये गये हैं। नाबार्ड योजना के तहत 55 किलोमीटर की सड़कों के 33 कार्यों पर 13 करोड़ 13 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं। मिसिंग लिंक रोड़ के स्वीकृत कार्यों पर 32 किलोमीटर रोड हेतु 8 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं।
जिले की मुख्य सड़कों में से गौमती चौराहे से उदयपुर तक के राष्ट्रीय राजमार्ग को चारलेन में बदलने का कार्य प्रारंभ हो गया है। इस 90 किलोमीटर कर सड़क के लिये 9 सौ करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं। इसी प्रकार भीलवाड़ा से राजसमन्द को जोडऩे वाले राज्य मार्ग को भी चारलेन बनाने की भी स्वीकृति हो गई है। इस पर 7 करोड़ रुपये से अधिक व्यय होंगे। राजसमन्द नगरपरिषद द्वारा भी शहर की सड़कों के नवीनीकरण हेतु 12 करोड़ रुपये के कार्य हाथ में लिये हंै।
कुल मिलाकर देखा जाये तो जिले का हर छोटा बड़ा गांव आज सड़कों से जुड़ गया है। जिससे लोगों को यातायात की सुगम सुविधा उपलब्ध हो रही है। जिले में चारों और सड़कों का जाल से बिछ गया है। सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

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