शाहपुरा में 33 नये कोरोना केस आने से सकते में हर कोई

शाहपुरा -(मूलचन्द पेसवानी)
लंबे समय के बाद आज फिर आपसे रूबरू हूं! उसका भी प्रयोजन भी साफ है। शाहपुरा में 18 नवम्बर को 33 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आये है। रिपोर्ट आज ही आयी है। रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो रही है, इसलिए केवल संख्या का उपयोग कर रहा हूं। यह रिपोर्ट शाहपुरा के लोगों के जीवन के संकट का संकेत भी है और चेतावनी भी!

मूलचन्द पेसवानी
सच आपसे छुपाए ये भी हमें ग़वारा नही, लिहाजा बताना भी पड़ता है। हो सकता है यह किन्हीं लोगों को नागवार भी गुजरे पर चिंताजनक बात तो है ही। दीपावली महोत्सव बीतने के साथ बदले मौसम से वायरल का सालाना सीजन भी है! कोरोना का ख़ौफ़ भी है! एक स्वतंत्र पत्रकारिता का दायित्व भी है कि सच भले ही कड़वा हो, पर एक दफे आपकी नजरों के तले जरूर सामने लाए!
शाहपुरा में कोरोना से बचाव में सावधानी चारों तरफ घटी है, शर्तिया तौर पर घटी है, इसमें कोई संशय नही! तभी तो आंकड़ो ने उछाल मारी है। भीलवाड़ा ज़िलें में 18 नवम्बर का आंकड़ा 52 है और अपने शहर का 33 है। यह कितना फीसदी है, आप खुद तय कीजिए? हम कितने लापरवाह हो गये है। कोरोना रोकने के लिए भगवान आपका हाथ पकड़ने नहीं आयेगा।
कोरोना को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार तो हम स्वयं ही है। प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के भरोसे कुछ नही होेने वाला है। प्रशासन चुनाव कराने में व्यस्त हो गया है तथा जनप्रतिनिधि ग्रामीणों को चिकनी चुपड़ी बातों के भ्रमजाल में फंसाकर चुनाव जीतने का जतन कर रहे है। कोरोना उनके लिए क्या बला है। उपखंड व पुलिस प्रशासन चुनाव की तैयारियों में है, वो भी राष्ट्रीय कार्य है, होगा ही, नगर पालिका है तो सही पर बोर्ड नहीं है। पालिका में अर्थाभाव का संकट मुंह बायें खड़ा है। पालिका आज इस स्थिति में भी नहीं दिख रही है कि कोरोना केस जिस मोहल्ले में सर्वाधिक आये है वहां बेरिकेटिंग ही लगा दे। बेरिकेटिंग कोई उपचार नहीं है। क्यों कि जिन घरों में कोरोना आ रहा है उनके परिजन तो बाजार में खुल्ले में विचरण करने से बाज नहीं आ रहे है। उलटा उनको टोक दो कहा जाता है कि कोरोना तो मेरे घर में है मेरे को थोड़े ही है।

महामारी न फटके, ऐसी कामना-
शाहपुरा हरेक विपदाओं से दूर रहे, महामारी पास भी न फटके ऐसी कामना करते है पर हम सब सावधान भी रहे! भीड़ वाले इलाकों से निश्चित तौर पर बचे! सामाजिक दूरी अपनाए! बार-बार हैंडवाश करें। मास्क का बार बार उपयोग करें। प्रत्येक व्यक्ति मास्क लगाये। पहले किया था तो सार्थक परिणाम भी आये। अब अगर ये फिर से करें तो शायद हम सभी बच जाए? नही ंतो रोज ही शमशान में जाना व शोक बैठकें करना ही बचेगा।
हम किसी को न तो भयभीत करना चाहते है और न पैनिक करना चाहते है! आपकी और शहर की सुरक्षा हो, ये भावना है। सर्दी में जैसे तापमान गिर रहा है, वेसे ही कोरोना केसों की संख्या बढ़ भी रही है? आने वाले दिन और ज्यादा खतरनाक साबित हो सकते है? चुनावी दौडभाग करें, जरूर करें. अपने वोटो को व्यवस्थित अपने पक्ष में करे..बेशक करें पर.. पूरी सावधानी के साथ। सावधानी में स्वयं बचे फिर मतदाताओं को बचावें। प्रत्याशी जब इतना खर्चा कर रहे है तो मास्क पर क्यों नहीं चंद रूपये खर्च कर रहे है।

बढ़ी रफ्तार कब रूकेगी-
शाहपुरा में पिछले सप्ताह भर से कोरोना की रफ्तार बढ़ रही है, ये सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। नवम्बर माह में आंकडे बढ़ ही रहे है। व्यापार मंडल के अनुरोध पर प्रशासन ने साप्ताहिक लॉकडाउन लगाया कि कोरोना की चेन टूटे पर ऐसा संभव नही हो पा रहा है। सवाल ये है कि प्रशासन सख्ती करे तो लोगों को दिक्कत और नही करें तो कानून और व्यवस्था की हालत दिनों- दिन असहाय होती जा रही है। शहर में अधिकतर लोग स्वानुशासन में है पर कुछ बंदे अभी भी न खुद सचेत है और न ही दूसरों का बचाने में चौकस है। ऐसी हालत में इस महामारी से निपटने के लिए शाहपुरा के प्रशासन को सख्ती बरतने की छूट दी जानी चाहिए! शहर में अब तक रविवार को लॉक डाउन रहता था! अगर देखे तो पहले लॉक डाउन के बाद कोरोना के आंकड़े दहाई की संख्या में नही आए ये जरूर राहत की बात है। परन्तु अब जो संख्या बढ़ने का सिलसिला जारी भी और लगातार भी चल रहा है। एक महीने में सैंकड़ा बना लेना और दूसरे माह में आंकड़ो का दोहरे सैंकड़े के करीब पहुँच जाना आशंकित तो करता ही है कि अभी भी शहर में हालात कोई बेहतर नही है।

स्वानुशासन नही रखने और लापरवाही का नतीजा-
शहर में हर दिन पॉजिटिव आ रहे है। यह स्वानुशासन नही रखने और लापरवाही का नतीजा है ये। प्रशासन भी थक चुका है और पुलिस प्रशासन भी। अब कौन पहल करें। शहर में कई स्थानों पर देर रात्रि तक दुकानें, रहड़िया खुली है फिर इस समय सीमा का पालन कहां हो रहा है? विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्पष्ट चेतावनी भी है कि तापमान के गिरने के साथ कोरोना की रफ्तार बढ़नी स्वाभाविक है तो फिर सावधानी लाजिमी है। प्रशासन को भी चाहिए थोड़ी सख्ती करनी चाहिए अन्यथा परिणाम भयावह होंगे।

मौत आपके मोहल्ले में घूम रही-
दोस्तों !! आप की ज़िन्दगी ख़तरे में है। मौत आपके मोहल्ले में घूम रही है। आपका चेहरा पहचानने की कोशिश कर रही है। शाहपुरा के विभिन्न मोहल्लों में आये 33 केसों के स्थान का जिक्र किया तो दहषत बढ़ जायेगी। इसलिए हर कोई यह मानकर चले कि हमारे मोहल्ले में मौत खुला आमंत्रण दे रही है, विष्वास न हो तो मध्य रात्रि में उठकर देख ले गली के कुत्ते रोते है विशेष प्रकार की आवाज में तो मौत वहां तय होती है।
अब दो ही रास्ते आपके पास हैं या तो मौत से जमकर लड़ाई लड़ो या उसके आगे घुटने टेक दो। सरकारी तंत्र आपको मौत से बचाने के मूड में ज़रा भी नज़र नहीं आ रहा। वह सिर्फ़ बयानों के जरिए अर्थ तंत्र को बचाने में जुटी है। सरकार कहीं की भी हो देश की या राज्यों की ,उसे आपकी जान की परवाह नहीं दिख रही है। शाहपुरा में मौत गली कूचे तक का पता पूछने लगी है। मकानों के नंबर उसे याद होने लगे हैं। चिकित्सा विभाग के मौत के आंकड़े श्मशानों और कब्रिस्तानों तक पहुंचते-पहुंचते झूठे साबित हो रहे हैं। अखबारों में मरने वालों के उठावने के विज्ञापन भरे दिखाई दे रहे हैं। मैं यह नहीं कहता कि सभी मौतें कोरोना से ही हो रही हैं मगर अधिकांश मौतें कोरोना से ही हो रही हैं। ताज्जुब की बात है कि हम अब भी संभल नहीं रहे। अभी भी सोच रहे हैं कि सारी दुनिया मारी जाएगी लेकिन हम बचे रहेंगे। मोहल्लों में जब कोई कोरोना पॉजिटिव घोषित किया जाता है, हम समझते हैं कि उससे कोई चूक हो गई होगी। हम वह चूक नहीं करेंगे मगर चूक फिर भी हम से हो ही जाती है।

हम यह भी कर सकते है-
अगर हम सक्षम है। तो कोरोना से बचाव के लिए संभावित उपायो पर खर्च करने के लिए प्रत्येक परिवार से एक एक हजार रू का अर्थ सहयोग नगर पालिका को कर सकते है। नगर पालिका इस राषि का समुचित उपयोग करते हुए मास्क का वितरण घर घर क्या प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाये। नागरिक भी इस बात का संकल्प ले कि बाहर नहीं निकलेगें, अगर निकले तो मास्क तो अनिवार्य रूप् से लगायेगें एक मास्क रिजर्व में अपने पास रखेगें कोई भी जरूरत मंद मिला तो उसके लगाते हुए उसको भी अपना जीवन बचाने का रास्ता दिखायेगें। सबके सम्मिलित प्रयासों से ही कोरोना को बढ़ने से रोका जा सकता है।
चिकित्सा विभाग सहित अन्य सरकारी अमलों का चित्रण अगली बार, आज बहुत हो गया।

रोग प्रतिरोधक क्षमता ही यदि वैक्सीन में है तो आप घर बैठे वैक्सीन का नुस्ख़ा जान लें। मास्क तो लगाना अनिवार्य है ही।

1.घर में ही योगा, व्यायाम या कोई खेल खेलें
2.घर का बना शुद्ध भोजन ही खाएँ
3.आंवला किसी भी रुप में लें, फल खासकर खट्टे फल जैसे नींबू नारंगी लें।
4. हरी सब्जियां और दालें लें।
5. शुद्ध तेल (रिफाइंड बिल्कुल नहीं) ही उपयोग में लें।
6. अदरक, लोंग, तुलसी, नीम गिलोय, सोंठ, मुनक्का, दालचीनी सहित आयुर्वेदिक पेय पदार्थ लेते रहें। अर्थात इन सबका मिश्रित काढ़ा निश्चित मात्रा में लेते रहें।
7 .नियमित साइकल चलायें
8.कम से कम 2 बार स्टीम (भाप) अवश्य लें।

अब आपको बता दूँ कि क्या ना लें….।
1. मैदा – जो सबसे विनाशकारी है। ब्रेड, भटूरे ,बर्गर ,पिज्जा, जलेबी समोसा ,कचोरी ,पाव भाजी बिलकुल न खायें। याद रखें कि जंग फूड जानलेवा है ।
2. कोल्ड ड्रिंक, आईस क्रीम बिल्कुल ना खाएं पिएं।
3. पैकिंग वाली चीजों से बचें।
4.शराब यूं तो बहुत नुकसान दायक है मगर यदि आप आदतन शराबी हैं तो तेज़ गर्म पानी के साथ एक या दो छोटे पेग ले सकते हैं ,मगर नियमित नहीं ।
दोस्तों..! यदि आप मेरी इन बातों को मान सकते हैं व मास्क का उपयोग अनवरत करते रहते है तो शायद आपको वैक्सीन की ज़रूरत ही ना पड़े।

MOOLCHAND PESWANI
68. GANDHI PURI
SHAHPURA DISTT BHILWARA
MOB-94146 77775

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