भरतपुर में नया पुलिस ट्रेनिंग स्कूल खोलने की घोषणा

जयपुर। मुख्यमत्राी अशोक गहलोत ने कहा है कि पुलिस मानवीय दृष्टिकोण रख कर कार्य करें, इससे लोगों में पुलिस के प्रति विश्वसनीयता बढ़ेगी।
मुख्यमंत्राी आज यहां राजस्थान पुलिस अकादमी में भारतीय पुलिस सेवा की 150वीं वर्षगांठ पर आयोजित सेरीमोनियल परेड का निरीक्षण करने के बाद बोल रहे थे। श्री गहलोत ने कहा कि मुझे खुशी है कि राजस्थान पुलिस ने निरन्तर अपने कौशल और कार्य क्षमता में सकारात्मक बढ़ोतरी की है। उन्होंने कहा कि राजस्थान पुलिस की पहचान एक फोर्स के रूप में नहीं बल्कि एक सेवा देने वाली संस्था के रूप में बननी चाहिये। उन्होंने कहा कि पुलिस का नेटवर्क और सूचना तंत्रा मजबूत एवं विश्वसनीय होना जरूरी है ताकि किसी वारदात से पहले ही कार्रवाई की जा सके।
मुख्यमंत्राी ने भरतपुर में नया पुलिस ट्रेनिंग स्कूल खोलने की घोषणा करते हुए कहा कि पुलिस प्रशिक्षण को बेहतर बनाने एवं गुणात्मक सुधार लाने के लिए राज्य में एक नया कमाण्डो प्रशिक्षण स्कूल, जोधपुर, नया पुलिस ट्रेनिंग स्कूल, अलवर एवं सरदार पटेल पुलिस एवं सुरक्षा विश्वविद्यालय, जोधपुर की स्थापना की गई है। प्रधानमंत्राी डॉ. मनमोहनसिंह की मंशा के अनुरूप प्रदेश में भी स्टुडेंट पुलिस कैडेट प्रोजेक्ट लागू किया जा रहा है। यह युवाओं के लिए एक प्रकार से व्यक्तित्व विकास का कार्यक्रम है। विद्यार्थी पुलिस कैडेट योजना 13 जिलों के 26 राजकीय विद्यालयों में लागू की जा रही है। इस योजना में 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्रा पुलिस की कार्य प्रणाली को नजदीक से समझेंगे। मुख्यमंत्राी ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए कि विद्यार्थी पुलिस कैडेट योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जाये।
मुख्यमंत्राी ने कहा कि वे सोशियल नेटवर्क साइट्स पर विचार प्रकट करने के पक्षधर हैं लेकिन साम्प्रदायिक तत्वों द्वारा इनके दुरुपयोग के सख्त खिलाफ हैं। सोशियल साइट्स का दुरुपयोग रोकने के लिए पुलिस जो भी मौजूदा कानून हैं उनका इस्तेमाल सख्ती से करें जिससे साम्प्रदायिक एवं राष्ट्र विरोधी तत्व ऐसी सामग्री साइट्स पर पोस्ट नहीं कर सकें। उन्होंने कहा कि आज पुलिस फोर्स के सामने साइबर क्राइम बहुत बड़ी चुनौती है। इससे निपटने के लिए पुलिस को ही कड़े और सख्त कानून सुझाने होंगे। इसलिए पुलिस बल में सूचना प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञों का भी चयन होना चाहिये जो साइबर अपराधों पर नजर रख सकें।
उन्होंने कहा है कि सन् 1861 में भारतीय पुलिस अधिनियम द्वारा गठित भारतीय पुलिस संगठन को 150 वर्ष हो गये हैं। शुरूआत में इस संगठन की उस समय की शासन व्यवस्था को बनाये रखने और शासक वर्ग को जनता से दूर रखने की जिम्मेदारी थी। आजादी के बाद देश के प्रथम गृह मंत्राी सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारतीय पुलिस सेवा की सन् 1948 में स्थापना की। उस समय भारतीय पुलिस ने भी राष्ट्र निर्माण में पूरा सहयोग दिया। देश की कानून और व्यवस्था बनाये रखने का जिम्मा भारतीय पुलिस फोर्स को दिया गया।
श्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान में भी जनवरी, 1951 में राजस्थान पुलिस की स्थापना हुई जिसने राज्य के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज राजस्थान पुलिस के पास 80 हजार से ज्यादा का मजबूत फोर्स है जो संगठन, ऑपरेशन, इक्यूपमेंट, एटीट्यूट और आउट-लुक की दृष्टि से एक मजबूत फोर्स है।
श्री गहलोत ने कहा कि हमारे लिये यह खुशी की बात है कि आज राजस्थान अन्य प्रदेशों की तुलना में शांत क्षेत्रा है और कानून एवं व्यवस्था नियंत्राण में है। मुख्यमंत्राी ने इस अवसर पर राजस्थान पुलिस अकादमी सहित विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों एवं पुलिस प्रशिक्षण विद्यालयों के 10 पुलिस अधिकारियों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिये प्रशस्ति-पत्रा से सम्मानित किया। इनमें श्री सवाई सिहं, कमाण्डेन्ट, आरपीटीसी, जोधपुर, श्री दीपक भार्गव, डॉ. रामेश्वर सिहं, आलोक श्रीवास्तव, ज्ञान चन्द, श्रीमती कमल शेखावत (सहायक निदेशक) आरपीए, कमाण्डेन्ट श्री नत्थी सिहं, पीटीएस, जोधपुर, श्री लख्मन राय, आरपीटीसी खेरवाड़ा एवं श्री केवल राम आरपीटीसी, झालावाड़ एवं सेवानिवृत्त मेजर जनरल दलबीर सिंह, डॉ. लोकेश चतुर्वेदी व सेन्ट्रल पुलिस बैण्ड स्कूल के प्रभारी प्लाटून कमाण्डर श्री पृथ्वी राज को सम्मानित किया।
महानिदेशक पुलिस, राजस्थान श्री हरीश चन्द्र मीना ने कहा कि आजादी के बाद पुलिस की भूमिका सिर्फ अपराध रोकने, उसका पता लगाने, जीवन और सम्पत्ति की सुरक्षा व शांति बनाये रखने तक ही सीमित नहीं रह गई है। देश की आन्तरिक सुरक्षा के साथ-साथ भारतीय नागरिकों की गरिमा बनाये रखने में सहयोग किया है।
मुख्यमंत्राी श्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए श्री मीना ने कहा कि उनके कुशल नेतृत्व में गत 4 वर्षों में पुलिस को पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध करवाये गये हैं। पहले पुलिस का बजट 1400 करोड़ रुपये था। अब गत 4 वर्षों में यह बढ़ कर 3000 करोड़ रुपये हो गया है। इसी के साथ गत 4 वर्षों में 30 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती होने से अब प्रदेश में पुलिस बल की संख्या 1 लाख से ऊपर हो गई है।
परेड में मेवाड़ भील कोर, आरएसी, यातायात, जयपुर आयुक्तालय, एसटीएफ, ईआरटी, हाड़ी रानी महिला बटालियन, राजकीय रेल्वे पुलिस, सीमा सुरक्षा बल, जिलों के कॉनिस्टेबल रिक्रूट्स की प्लाटून ने सेन्ट्रल बैण्ड की देशभक्ति के गीतों की सुमधुर धुनों पर सधे कदमों से मार्च पास्ट कर समारोह में मौजूद अधिकारियों एवं गणमान्य नागरिकों का दिल जीत लिया। परेड का नेतृत्व परेड कमाण्डर श्री ज्ञान चन्द यादव, आरपीएस ने किया।
इस अवसर पर सरदार पटेल पुलिस, सुरक्षा एवं दाण्डिक विश्वविद्यालय, जोधपुर के कुलपति श्री एम. एल. कुमावत, पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री के. एस. बैंस, महानिदेशक पुलिस जेल श्री ओमेन्द्र भारद्वाज सहित अनेक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी, राज्य सरकार के अधिकारी एवं पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, जयपुर पुलिस आयुक्त श्री बी.एल. सोनी सहित अनेक गणमान्य नागरिक एवं पुलिस अधिकारियों के परिजन उपस्थित थे।

पुलिस प्रदर्शनी को सराहा
परेड समारोह के पश्चात मुख्य मंत्राी श्री गहलोत ने महानिदेशक पुलिस एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारतीय पुलिस के 150 वर्ष पूर्ण होने उपलक्ष्य में आरपीए के ऑडिटोरियम परिसर में चल रही पुलिस प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
श्री गहलोत ने प्रदर्शनी में प्रदर्शित हथियारों, आपदा दल के उपकरणों, बम निरोधक ड्रेस, रियासतकालीन इतिहास एवं हथियारों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने प्रदर्शनी में सामग्री के संकलन के लिये आरपीए के अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रयास और प्रदर्शनी की तारीफ की।

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