विकास की पताका फहरा रहीं फ्लैगशिप योजनाएं

जयपुर। राज्य सरकार द्वारा चार साल के कार्यकाल के दौरान नवाचार के तौर पर लागू की गई फ्लैगशिप योजनाएं प्रदेशवासियों के लिए खुशहाली का पैगाम लेकर आई । इन योजनाओं ने लगभग हर तबके और जरूरतमंद लोगों को राहत पहुंचाई है। राज्य सरकार की ये योजनाएं विकास की पताका बनकर फहरा रही है।
राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा योजना :
प्रदेश के पाली जिले में 12 सितम्बर, 2011 से 30 नवम्बर, 2012 तक राजकीय चिकित्सालयों पर 32 हजार 273 प्रसूताओं को नि:शुल्क दवाइयां, 24 हजार 881 प्रसूताओं की नि:शुल्क जांच, 27 हजार 561 प्रसूताओं को नि:शुल्क भोजन, 27 हजार 239 प्रसूताओं को नि:शुल्क परिवहन, 9 हजार 666 बीमार नवजात शिशुओं को नि:शुल्क दवाइयां व एक हजार 118 बीमार नवजात शिशुओं को नि:शुल्क जांच, एक हजार 208 बीमार नवजात शिशुओं को नि:शुल्क परिवहन सुविधाएं प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना :
योजना अन्तर्गत जिला औषधि भण्डार पर 270 ड्रग्स और 110 सर्जिकल आईटम सूचर्स उपलब्ध हैं। ड्रग्स एवं सर्जिकल आईटम जिले के जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल, 16 सीएचसी, 70 पीएचसी एवं 431 उपस्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से नि:शुल्क उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। औसतन 40 से 50 हजार लोग प्रति माह इस योजना से लाभान्वित हो रहे हंै। हेपेटाईटिस बी टीकाकरण के तहत पाली जिले में माह नवम्बर, 2012 में बर्थ डोज-270, प्रथम डोज -एक हजार 354, द्वितीय डोज-एक हजार 207 एवं तृतीय डोज-एक हजार 229 दिये गये।
मुख्यमंत्री बीपीएल जीवन रक्षा कोष :
योजना के तहत वर्ष 2012-13 में करीब पांच हजार मरीजों का ओपीडी व आईपीडी में उपचार किया गया तथा 10 लाख से अधिक की आर्थिक मदद पात्र मरीजों को प्रदान की गई। माह अक्टूबर तक ओपीडी में 34 हजार 574 तथा आईपीडी में एक हजार 909 का उपचार किया गया। इसी अवधि में ओपीडी में 7 लाख 58 हजार 374 तथा आईपीडी में 3 लाख 25 हजार 757 की राशि से मरीजों को लाभान्वित किया गया है।
मुख्यमन्त्री अन्न सुरक्षा योजना :
मुख्य मंत्री अन्न सुरक्षा योजना के तहत पाली जिले में 2 रुपये प्रति किलो गेहूं वितरण हेतु शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 72 हजार 447 परिवारों का चयन किया गया है तथा स्टेट बीपीएल 32 हजार 310 परिवार चयनित है, जिन्हें 25 किलो गेहूं 2 प्रतिकिलो प्रतिमाह उपलब्ध कराया जा रहा है। अन्त्योदय परिवारों को 35 किलो गेहूं 2 प्रतिकिलो प्रतिमाह उपलब्ध कराया जा रहा है। माह अक्टूबर 2012 में अब तक 58 हजार 051 बीपीएल परिवार एवं 25 हजार 524 स्टेट बीपीएल परिवार तथा 23 हजार 942 अन्त्योदय परिवारों को लाभान्वित किया गया है। इस योजना के तहत कुल एक लाख 06 हजार 517 चयनित परिवारों को लाभान्वित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना :
पाली जिले में वर्ष 2012-13 के लिए कुल 5086 आवास निर्माण का लक्ष्य निर्धारण किया गया था जिसके अनुसार ब्लॉकवार एवं वर्गवार आवंटन कर कुल 5 हजार 086 में से 3 हजार 905 आवास निर्माण के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। वर्ष 2011-12 के लिए कुल 10 हजार 629 आवास निर्माण का लक्ष्य निर्धारण किया गया था जिसके अनुसार ब्लॉकवार एवं वर्गवार आवंटन कर कुल 10 हजार 629 आवास निर्माण हेतु प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। इस योजनान्तर्गत अब तक 9 हजार 294 लाभार्थियों को द्वितीय किश्त एवं
2 हजार 512 लाभार्थियों को तृतीय किश्त हस्तान्तरित की जा चुकी है। आवंटित लक्ष्य 10 हजार 629 के विरुद्घ वर्ष 2011-12
में 10 हजार 629 लाभार्थियों को प्रथम किश्त पेटे 4979.85 लाख रुपये, द्वितीय किश्त पेटे 9 हजार 294 लाभार्थियों को 1743.23 लाख एवं कार्य पूर्ण करवाये जाने के आधार पर तृतीय किश्त पेटे 2 हजार 512 लाभार्थियों को 118.025 लाख रुपये की अनुदान राशि हस्तान्तरित की गई है। आवंटित लक्ष्य 5 हजार 086 के विरुद्घ वर्ष 2012-13 में 3 हजार 905 लाभार्थियों को प्रथम किश्त पेटे 916.125 लाख रुपये की अनुदान राशि हस्तान्तरित की गई है।
मुख्यमंत्री शहरी बीपीएल आवास योजना :
जिले के निकायों द्वारा शहरी बी.पी.एल. परिवारों का सर्वे वर्ष 2003 की सर्वे सूचियों के आधार पर जिले में कुल 12 हजार 904 बी.पी.एल. परिवार नगरीय क्षेत्रों में निवास करते थे, इनमें से पात्र परिवारों का चिन्हिकरण करवा लिया गया है। अनुसूचित जाति/जन जाति के 3 हजार 022, अल्प संख्यक वर्ग के 854 तथा 2 हजार 631 अन्य परिवार चिन्हित किये गये हैं। इस प्रकार कुल 6 हजार 507 परिवारों को योजना का लाभ पहुंचाया जाना प्रस्तावित है।
अफोर्डेबल हाऊसिंग पॉलिसी :
पाली शहर में जोधपुर रोड पर घुमटी के समीप 50 बीघा भूमि का आवंटन परिषद को इस योजना हेतु किया गया है। राज्य सरकार से भू.उपयोग परिवर्तन की सैद्घांतिक स्वीकृति प्राप्त होने पर, परिषद द्वारा समिति से भू-उपयोग परिवर्तन करवा लिया गया है। अफोर्डेबल पॉलिसी 2009 के मॉडल-1 के तहत क्रियान्विति की जा रही है। आवास विकास लि.जयपुर को राज्य सरकार द्वारा नोडल एजेन्सी बनाया गया है। आवास विकास लि.द्वारा राज्य स्तर पर निविदा प्रक्रिया सम्पादित करवाई जा रही है।
राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारण्टी अधिनियम 2011 :
इस अधिनियम के अन्तर्गत 14 नवम्बर, 2011 से आज तक कुल 2 लाख 49 हजार 390 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें से 2 लाख 47 हजार 024 का निस्तारण कर दिया गया है एवं 2 हजार 386 प्रकरण निर्धारित समयावधि में प्रक्रियाधीन है। इसकी ऑनलाईन फीडिंग विभाग की वेबसाईट पर 21 फरवरी 2012 की जा रही है।
सुनवाई का अधिकार अधिनियम-2012 :
राज्य में पहली बार लागू किये गये सुनवाई का अधिकार अधिनियम 2012 को जिले में प्रभावी तरीके से लागू किया गया है जिसके तहत जिले के सभी विभागोंं के कार्यालयों में लोक सुनवाई अधिकारियों की नियुक्ति की जाकर प्रारूप-4 में सूचना तैयार करवाकर कार्यालय में लगवा दी गई है। तय दिवसों पर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार जन सुनवाई कर आवश्यक कार्यवाही अधिनियम के अन्तर्गत की जा रही है।
पशु धन नि:शुल्क दवा योजना :
पाली जिले में माह नवम्बर तक एक लाख 67 हजार 494 पशुओं का चिकित्सालय में 70 हजार 515 पशुओं का शिविरों में एवं 519 पशुओं का आउट ब्रेक व आपातकालीन सेवा में इलाज किया गया, जिसमें कुल 7899 पशु पालक लाभान्वित हुए। जिसमें एक हजार 160 अनुसूचित जाति 540 अनुसूचित जन जाति एवं 6 हजार 199 सामान्य वर्ग के पशु पालक है।
मुख्यमंत्री ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण योजना :
अल्पकालीन फसली ऋण वितरण के लक्ष्यों के विरुद्घ खरीफ, 2012 में 6304.00 करोड़ का ऋण वितरण किया गया है। राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा दी पाली सैन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक को खरीफ 2012 हेतु 38800.00 लाख रुपये के अल्प कालीन ऋण वितरण के लक्ष्य आवंटित किये गये जिसके विरुद्घ बैंक द्वारा 33383.75 लाख रुपये का ऋण वितरण किया गया। रबी फसल हेतु 32910.00 लाख रुपये के लक्ष्य आवंटित किये गये जिसके विरुद्घ बैंक द्वारा 29 नवम्बर, 2012 तक 13282.47 लाख रुपये का ऋण वितरण किया गया। ऋण वितरण में से अनुसूचित जाति के सदस्यों को 1050.38 लाख रुपये, अनुसूचित जन जाति के सदस्यों को 292.59 लाख रुपये एवं अल्प संख्यक समुदाय के सदस्यों को रबी फसल हेतु 431.47 लाख रुपये का ऋण वितरण किया गया है। विशेष रबी अभियान एवं फोलोअप शिविर में कुल 16 हजार 691 सदस्यों को 71.52 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया गया।

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