बांसवाड़ा : स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच से मरीजों को राहत

जयपुर, राज्य सरकार प्रदेश की जनता को बेहतर चिकित्सा सेवाएं सुलभ कराने के लिए संकल्पबद्घ होकर कार्य कर रही है। बांसवाड़ा जिले में भी राज्य सरकार द्वारा दूरस्थ गांव-गांव एवं ढाणी-ढाणी तक स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के साथ ही निर्धनों एवं जरूरतमंदों को नि:शुल्क चिकित्सा सेवायें सुलभ कराने के लिए अनेकों अभिनव योजनाओं के माध्यम से स्वस्थ व समृद्घ प्रदेश बनाने की कल्पना को साकार रूप प्रदान किया जा रहा है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न अभिनव योजनाओं से जिले के जरूरतमंद लोग भरपूर लाभ उठा रहे हंै वहीं स्वास्थ्य सुविधाओं से मरीजों को बड़ी राहत मिल रही है।
मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना :
राजकीय अस्पतालों में आने वाले समस्त वर्गों के रोगियों के लिए लागू की गई इस योजना में सर्वाधिक उपयोग में आने वाली आवश्यक दवाइयां नि: शुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हंै। जिले में कुल 55 चिकित्सा संस्थानों के औषधि भण्डारों में अब तक कुल 342 प्रकार की दवाइयां तथा 104 सर्जिकल आईटम्स का वितरण हो रहा है। इस योजना का लाभ पेंशनर्स को भी दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना लागू होने के पश्चात हर संस्थान के ओपीडी एवं आईपीडी में 60 प्रतिशत तक बढ़ोतरी देखी गई है। जिले के महात्मा गांधी अस्पताल बांसवाडा में नि:शुल्क दवा वितरण के लिए 5 दवा वितरण केन्द्र बना कर दवा वितरण किया जा रहा है वहीं जिला चिकित्सालय पर लाईफ लाईन ड्रग स्टोर में 282 प्रकार की औषधियां उपलब्ध हंै।
मॉं राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा योजना :
राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में प्रसव (जापा) करवाने पर प्रसूताओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। बी.पी.एल परिवार की महिला को प्रसव के 8 से 12 सप्ताह पूर्व पोषण एवं आहार के लिए 500 रुपए की अग्रिम सहायता, प्रसव के समय अस्पताल में आने के लिए यातायात व्यवस्था स्वयं के स्तर पर करने पर 300 रुपए की परिवहन सुविधा, ब्लॉक स्तर पर संस्थागत प्रसव एवं प्रसव में जटिलताओं के लिए नि:शुल्क वाहन व्यवस्था, बी.पी.एल महिला का प्रथम प्रसव असपताल में होने पर पांच किलो शुद्घ देशी घी नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है।
इस योजना के तहत जिले में अब तक 22 हजार 981 संस्थागत प्रसव हुए जिसमें जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत 22 हजार 347 प्रसव हुए। इसी प्रकार 18हजार 632 प्रसूताओं की नि:शुल्क लेब जांच, 21 हजार 578 प्रसूताओं को नि:शुल्क भोजन, 18 हजार 490 प्रसूताओं को घर से संस्थान तक तथा 20 हजार 779 महिलाओं को संस्थान से घर तक नि:शुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाई गई । इसके अलावा एक हजार 60 नवजात शिशुओं को नि:शुल्क दवा, 863 शिशुओं की लेब जांच, 764 शिशुओं को घर से संस्थान तक तथा 966 शिशुओं को संस्थान से घर तक नि:शुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाई गई ।
मुख्यमंत्री बी.पी.एल जीवन रक्षा कोष :
इस योजना के अन्तर्गत अब -तक 11 हजार 452 बी.पी.एल रोगियों का उपचार किया जिस पर कुल व्यय 13.25 लाख रुपए खर्च किये गए है।

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