जयपुर। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की भविष्य की दिशा और दशा जयपुर में तय होगी। 15 से 17 मार्च तक होने वाली संघ की प्रतिनिधि सभा में संघ की ओर से भविष्य में होने वाले कार्यो, राजनीतिक विषयों को लेकर रणनीति बनेगी। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी जयपुर में जुटेगा। सरसंघचालक मोहन भागवत सहित संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और राजनाथ सिंह शामिल होंगे।
औपचारिक तौर पर यह संघ की सालाना बैठक है पर इसमें राजनीति पर भी पूरा फोकस रहने की संभावना है। बैठक में भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और संघ पृष्ठभूमि के मंत्री, विहिप, बजरंगदल, वनवासी कल्याण परिषद, दुर्गावाहिनी, विद्याभारती जैसे आनुषांगिक संगठनों के राष्ट्रीय प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। संघ में प्रतिनिधि सभा की बैठक अहम मानी जाती है। इसमें संघ में होने वाली सभी बड़े परिवर्तन, प्रचारकों के दायित्व परिवर्तन के साथ ही भाजपा में संगठन महामंत्रियों की नियुक्ति के निर्णय करने के साथ ही संघ-भाजपा संबंधों पर रूपरेखा तय की जाती है। सभा की बैठक तो तीन दिन चलेगी लेकिन सभी तरह के निर्णयों को अंतिम रूप देने और उसके बाद करीब 10 दिन तक बैठकों के दौर चलेंगे।